गया में इन 6 धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए भी आते हैं लोग
गया में पुरखों को पिंडदान देने की इच्छा से लाखों भारतीय श्रद्धालु आते हैं पर लगभग उतने ही लोग यहां के अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए भी आते हैं। जानें कौन से हैं वे स्थान।
विष्णुपद मंदिर
फल्गु नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित यह मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु के पदचिन्हों पर किया गया है। दंतकथाओं में कहा गया है कि गयासुर नामक दैत्य का बध करते समय भगवान विष्णु के पद चिह्न यहां पड़े थे। यह मंदिर 30 मीटर ऊंचा है जिसमें आठ खंभे हैं। इन खंभों पर चांदी की परतें चढ़ाई हुई है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु के 40 सेंटीमीटर लंबे पांव के निशान हैं।
जामा मस्जिद
दिल्ली की जामा मस्जिद की तरह ही गया में भी इसी नाम की एक प्रसिद्ध मस्जिद है। ये बिहार की सबसे बडी मस्जिद है। तकरीबन 200 साल पुरानी इस मस्जिद मे हजारो लोग साथ नमाज अदा कर सकते हैं।
बिथो शरीफ
शहर से करीब 10 कि.मी. दूर गया पटना मार्ग पर बिथो शरीफ एक और पवित्र मुस्लिम धर्मिक स्थल है। चिशती अशरफि के प्रख्यात सूफी संत हजरत मखदूम सैयद दरवेश अशरफ ने खानकाह अशरफिया के तौर पर इसकी स्थापना की थी। यहां हर साल इस्लामी मास शाबान की 10 तारीख को हजरत मखदूम सयद दरवेश अशरफ का उर्स मनाया जाता है।
बालेश्वरनाथ शिव मंदिर
गया शहर से 35 किलोमीटर पूर्व में एक गॉव है चोवार यहां एक बहुत ही प्राचीन शिव मंदिर है बालेश्वरनाथ। खास बात ये है की बाबा बालेश्वरनाथ नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में भगवान के ऊपर रोज हजारों श्रद्धालु द्वारा चढ़ाया गया कहाँ चला जाता है ये आज तक पता नहीं चला है। इसी मंदिर के निकट एक ताड़ का पेड़ भी है जिसकी खासियत है कि ये की इसमें तीन डालें हैं और वो शिव के त्रिशूल के आकार की प्रतीत होती हैं। दूर-दूर से लोग इस पेड़ को देखने के लिये आते हैं।
कोटेस्वरनाथ
यह भी अति प्राचीन शिव मन्दिर है जो मोरहर नदी के किनारे एक गाँव में स्थित है। हर साल शिवरात्रि में यहां विशाल मेला लगता है। यहाँ पहुँचने के लिए गया से लगभग 30 किमी उत्तर पटना-गया मार्ग पर स्थित मखदुमपुर से पाईबिगहा समसारा होते हुए पहुंचा जा सकता है।
सूर्य मंदिर
गया में एक प्रसिद्ध सूर्य मंदिर भी है जो विष्णुपद मंदिर से 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर सोन नदी के किनारे पर निर्मित है। दीपावली के छ: दिन बाद बिहार के लोकप्रिय पर्व छठ के अवसर पर यहां तीर्थयात्रियों की जबर्दस्त भीड़ उमड़ती है। इस अवसर पर यहां भव्य मेला भी आयोजित होता है।