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Happy Independence Day 2022: कुंडली देखकर तय किया गया था 15 अगस्त का मुहूर्त, आधी रात को ही धोया गया संसद भवन

Happy Independence Day 2022 अंग्रेजों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारतवासियों को आजादी में सांस लेने का मौका मिलेगा। लेकिन क्या आज इस आजादी का एक दिलचस्प किस्सा जानते हैं? जानिए किस तरह तय किया गया था 15 अगस्त का मुहूर्त।

By Shivani SinghEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 08:46 AM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2022 08:46 AM (IST)
Happy Independence Day 2022: कुंडली देखकर तय किया गया था 15 अगस्त का मुहूर्त, आधी रात को ही धोया गया संसद भवन
Happy Independence Day 2022: कुंडली देखकर तय किया गया था 15 अगस्त का मुहूर्त

नई दिल्ली, Happy Independence Day 2022: आज देशवासी भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ जोर-शोर से मना रहे हैं। हर कोई राष्ट्र, देश प्रेम और राष्ट्र भक्ति से सराबोर है। लोगों ने अपने घरों में पूरे आन, बान और शान के साथ तिरंगा लहरा रहे हैं। आजाद भारत के लिए 15 अगस्त की तारीख सिर्फ एक तिथि नहीं है, बल्कि उस आजादी का जश्न है जिसके लिए महानायकों मे जेलों में दिन बिताएं। अंग्रेजों की कई यातनाएं सही। करीब 200 साल अंग्रेजों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारतवासियों को आजादी में सांस लेने का मौका मिलेगा। लेकिन क्या आज इस आजादी का एक दिलचस्प किस्सा जानते हैं? जानिए किस तरह तय किया गया था 15 अगस्त का मुहूर्त।

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बात उस समय की है जब 1947 में अंग्रेज भारत छोड़ने का निर्णय ले चुके थे। उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री और डॉ. राजेंद्र प्रसाद पहले राष्ट्रपति भी चुन लिए गए थे। पूरा देश बंटवारे की आग में जल रहा था। उस समय भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गोस्वामी गणेश दत्त महाराज के माध्यम से उज्जैन से पंडित सूर्यनारायण व्यास को बुलाया था। तब उन्होंने पंचांग देखकर इस बात को कहा था कि 14 और 15 अगस्त की आजादी के लिए शुभ दिन है। इसलिए इसमें से एक दिन पाकिस्तान की आजादी के लिए घोषित किया जा सकता है और दूसरा भारत की आजादी के लिए।

14 और 15 अगस्त की रात 12 बजे का तय किया गया था आजादी का मुहूर्त

पंडित सूर्यनारायण व्यास ने आजादी के लिए आधी रात 12 बजे यानी स्थिर लग्न नक्षत्र का समय बताया था। क्योंकि यह लग्न स्थिर माना जाता है। पंडित जी जा मानना था कि इस स्थिर लग्न में आजादी की घोषणा करने से भविष्य में आजादी और लोकतंत्र दोनों ही स्थिर होंगे।

आधी रात को ही धोया गया था पूरा संसद

मुगलों और अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद जब देश आजाद हुआ था, तो आजादी के बाद पंडित वेद व्यास के कहने पर देर रात को पूरे संसद को धुलाया गया था। क्योंकि ब्रिटिश सांसदों के बाद पहली बार संसद में भारतीय बैठने वाले थे। इसके साथ ही गोस्वामी गिरधारीलाल ने पूरे संसद का शुद्धिकरण किया था।

पाक के पीएम जिन्ना ने चुना गलत दिन

पंडित सूर्य नारायण व्यास ने आजादी के लिए 14 और 15 की मध्यरात्रि का समय सबसे उचित बताया। लेकिन मोहम्मद अली जिन्ना मुहूर्त आदि को नहीं मानते थे और उन्होंने 14 अगस्त 1947 का दिन चुना। पंडित सूर्यनारायण व्यास ने उन्हें इस बात के लिए आगाह किया कि यह मुहूर्त बिल्कुल भी सही नहीं है। इस दिन को चुनने से अस्थिर लग्न बन रहा है। इसके साथ ही गुरु भी शत्रु स्थान है। ऐसे में हमेशा देश में अस्थिरता फैली रहेगा। लेकिन जिन्ना ने उनकी बातों को बिल्कुल भी नहीं माना।


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