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Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: संकष्टी चतुर्थी पर करें गणपति जी के इन मंत्रों का जाप, मिलेगा हर दुख से छुटकारा

Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022 संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ इन मंत्रों का जरूर जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इन मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि धन-सपंदा का प्राप्ति होती है।

By Shivani SinghEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2022 08:00 AM (IST)
Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: संकष्टी चतुर्थी पर करें गणपति जी के इन मंत्रों का जाप, मिलेगा हर दुख से छुटकारा
Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: संकष्टी चतुर्थी पर करें गणपति जी के इन मंत्रों का जाप

नई दिल्ली, Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: भाद्रपद की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। कृषण पक्ष में पड़ने के कारण इसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। आज के दिन सोमवार पड़ने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। आज के दिन गणपति जी की पूजा करने का विधान है। भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ इन मंत्रों का जरूर जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इन मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि, धन-सपंदा का प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी के दिन किन मंत्रों का जाप करने से भगवान गणेश होंगे प्रसन्न।

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Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

संकष्टी चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप

हर काम में सफलता पाने के लिए

यदि कोई व्यक्ति हर काम में सफलता पाना चाहता है, तो इन गणेश मंत्र का जाप करें।

वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:।

निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा॥

किस्मत चमकाने के लिए

व्यक्ति अगर आप भाग्य चमकाना चाहता है, तो इन मंत्र का जाप करें।

नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं।

गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥

हर विघ्न से छुटकारा पाने के लिए

हर तरह की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें

एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।

विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।

नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

शत्रु पर विजय पाने के लिए

अगर कोई व्यक्ति शत्रु पर विजय पाना चाहता है, तो इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करें।

द्वविमौ ग्रसते भूमिः सर्पो बिलशयानिवं।

राजानं चाविरोद्धारं ब्राह्मणं चाप्रवासिनम्॥

हर दुख से छुटकारा पाने के लिए

गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।

उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥

परिवार की सुरक्षा के लिए

रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं।

भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्॥

गणपति की वंदना

केयूरिणं हारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानिं।

सृणिं वहन्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम्॥

Pic Credit- Freepik

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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