Move to Jagran APP

शॉपिंग समझदारी भरी

फेस्टिव सीज़न में थोड़ी शॉपिंग तो बनती है पर इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि त्योहार की खुशी में कहीं आपका बजट न बिगड़ जाए।इसी समस्या से बचाने के लिए सखी के कुछ आसान टिप्स।

By Edited By: Published: Fri, 07 Oct 2016 12:23 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2016 12:23 PM (IST)
शॉपिंग समझदारी भरी
अब त्योहारों का मौसम करीब आ गया है। क्या खरीदें, क्या न खरीदें, अगर कहीं सामान खराब निकल गया तब क्या होगा, ऑनलाइन शॉपिंग में कहीं ठगे तो नहीं जाएंगे, आपके मन में भी ऐसे कई सवाल उठते होंगे। यहां दिए गए शॉपिंग टिप्स में आपको ऐसे सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। बचें 99 के भ्रम से : आजकल ज्य़ादातर बडी कंपनियों के प्रोडक्ट्स के प्राइस टैग पर कीमत कुछ इस ढंग से लिखी होती है, अमुक वस्तु 999 रुपये। ऐसे में समान खरीदते वक्त जल्दबाजी में लोगों को ऐसा लगता है कि इस प्रोडक्ट की कीमत 900 रुपये की सीमा के अंदर है पर वास्तव में उसकी कीमत 1,000 होती है। मनोविज्ञान की भाषा में इसे लेफ्ट डिजिट इफेक्ट कहा जाता है और इससे अकसर लोग भ्रमित होकर वह समान खरीद लेते हैं। मेंबरशिप से बचें : आजकल ज्य़ादातर रिटेल स्टोर्स लॉयल्टी कार्ड, रिवॉर्ड कार्ड या मेंबरशिप के नाम पर अपने ग्राहकों को आकर्षक छूट का प्रलोभन देते हैं। ऐसे जाल में फंसने वाले लोग साल भर मिलने वाली बेहद मामूली सी छूट के लालच में बिना किसी छानबीन के अपनी सारी शॉपिंग एक ही स्टोर से कर लेते हैं ताकि वे ज्य़ादा पॉइंट्स बटोर सकें। इस चक्कर में वे वैसी चीजें भी खरीद लेते हैं, जिनकी उन्हें जरूरत नहीं होती। नई पैकिंग : कुछ कॉस्मेटिक्स एवं डिब्बाबंद प्रोडक्ट्स के निर्माता त्योहारों के मौसम में अपने पुराने प्रोडक्ट को नई पैकिंग के साथ लॉन्च करते हैं। सामान के रंग-रूप में बेहद मामूली से बदलाव के साथ उसकी मात्रा कम कर के वे उसकी कीमत बढा देते हैं। इसके अलावा त्योहार के महीने भर पहले से ही टीवी पर और अखबारों में हर प्रोडक्ट के साथ कुछ भी फ्री देने वाले विज्ञापनों की बाढ सी आ जाती है। इससे आकर्षित होकर लोग अनावश्यक खरीदारी कर लेते हैं। ट्रायल से बचें : आउटफिट्स के सेल्समैन को ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है कि वे विंडो शॉपिंग करने वाले ग्राहकों से भी आग्रह करते हैं कि अगर न पसंद आए तो कोई बात नहीं पर एक बार ड्रेस की ट्रायल लेकर तो देखें। आमतौर पर ट्रायल लेने के बाद जब लोगों को कोई ड्रेस पसंद आ जाती है तो न चाहते हुए भी वे उसे खरीद ही लेते हैं। किसी के साथ जाएं : अगर आपको ऐसा लगता है कि खर्च के मामले में खुद को नियंत्रित नहीं कर सकते तो साथ में किसी ऐसे व्यक्ति को जरूर ले जाएं जो खुद भी किफायती हो और शॉपिंग के मामले में आपको सही सलाह दे सके। शॉपिंग बास्केट से दूर रहें : अगर आपका बजट सीमित है और आप ज्य़ादा सामान खरीदने के इरादे से नहीं गए हैं तो शॉपिंग बास्केट में सामान न रखें। इससे जल्द ही आपके दोनों हाथ भर जाएंगे और ऐसा लगेगा कि आपने काफी कुछ खरीद लिया है। एक के साथ एक फ्री से बचें : सीमित समय की छूट, एक खरीदें एक मुफ्त पाएं, एक खरीदें और दूसरे पर 50 प्रतिशत की छूट पाएं...ये तरीके ग्राहकों को फंसाने के लिए जाल का काम करते हैं। ऐसे विज्ञापन देखकर ज्य़ादातर लोग यही सोचते हैं कि कहीं मौका हाथ से निकल न जाए। इसलिए वे फ्री ऑफर वाली गैर जरूरी चीजें भी खरीद लेते हैं। सस्ता रोए बार-बार : खरीदारी के मामले में आपने भी यह कहावत जरूर सुनी होगी। महंगा रोए एक बार, सस्ता रोए बार-बार। फेस्टिव सीजन में ज्य़ादातर कंपनियां अपने पुराने स्टॉक की बची हुई चीजें बाजार में खपाने के लिए सेल लगाती हैं। हो सकता है कि सेल में चीजें थोडी सस्ती मिल जाएं पर क्वॉलिटी के मामले में उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए जहां तक संभव हो, सेल से शॉपिंग करने से बचें। थोडा आलसी बनें : सुनने में बात भले ही अजीब लगे पर सच्चाई यह है कि खरीदारी के मामले में थोडा आलसी होना भी अच्छा साबित होता है। कुछ लोग अपनी मनपसंद चीजें ढूंढने के लिए कई दुकानों के चक्कर लगाते हैं और अंतत: वे सारा सामान लेकर ही घर लौटते हैं। वहीं दूसरी ओर अगर स्थितियां शॉपिंग के अनुकूल न हों तो आलसी व्यक्ति अपनी इच्छाओं को कुछ समय के लिए आसानी से टाल देता है, जिससे उसके पैसे बच जाते हैं। एक्सपायरी चेक करें : खाने-पीने की चीजों और ब्यूटी प्रोडक्ट्स की खरीदारी के मामले में अकसर लोग ठगे जाते हैं क्योंकि फेस्टिव सीजन में ज्य़ादातर कंपनियां अपने स्टॉक में रखी पुरानी चीजें बाहर निकाल देती हैं। अगर कोई भी सामान खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट की चेक न की जाए तो बाद में यह मालूम होता है कि केवल महीने भर में ही वह खराब हो जाएगा। पहले शॉपिंग लिस्ट बनाएं : त्योहार की शॉपिंग पर जाने से पहले आप जरूरी चीजों की लिस्ट बनाएं। इससे आपका ध्यान लिस्ट में लिखी गई चीजों पर ही रहेगा और आप फालतू चीजें खरीदने से बच जाएंगे। बच्चों को साथ न ले जाएं : त्योहार की शॉपिंग के दौरान बच्चों को तभी साथ लेकर जाएं जब उनके लिए भी ड्रेसेज खरीदनी हों। अन्यथा उन्हें घर पर ही रहने दें क्योंकि ऐसी शॉपिंग में बच्चे बोर हो जाते हैं और वे जल्दी घर वापस चलने की जिद करने लगते हैं। इससे आपको ढंग से चीजें पसंद करने का मौका का नहीं मिलता। इसके अलावा कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो दुकान में रखी चीजें देखकर मचलने लगते हैं और पेरेंट्स को मजबूरन उन्हें वे चीजें दिलानी पडती हैं। क्रेडिट कार्ड साथ न ले जाएं : त्योहार की शॉपिंग करते समय डेबिट कार्ड भले ही अपने साथ रखें लेकिन क्रेडिट कार्ड हमेशा घर पर छोडकर जाएं। जब आपके पास क्रेडिट कार्ड होगा तो बार-बार आपके मन में यही ख्याल आएगा अभी उससे शॉपिंग कर लेते हैं और अगले महीने आराम से बिल चुका देंगे। इससे बेवजह आपके ऊपर देनदारी का बोझ बढता है। वही खरीदें जो जरूरी हो : त्योहार के अवसर पर पारंपरिक रूप से कुछ चीजें खरीदना जरूरी समझा जाता है। मसलन, धनतेरस में बर्तन, घरेलू उपकरण, दीपावली पर मिठाइयां आदि। त्योहार के सीजन में लोगों की बढती मांग और बाजार की भीड को देखते हुए दुकानदार घटिया क्वॉलिटी की चीजें भी महंगी दरों पर बेचते हैं। इसलिए त्योहार के अवसर पर अगर सोना, बर्तन या घरेलू उपकरण खरीदना जरूरी हो तो भी ज्य़ादा महंगी वस्तुओं के बजाय शगुन के तौर पर छोटी चीजें खरीदें। खोये की मिठाइयों में मिलावट की आशंका रहती है। ऐसे में लोगों को गिफ्ट देने के लिए आप फल, मेवे, नमकीन, बिस्किट, जूस और चॉकलेट जैसी चीजें खरीद सकते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग में सजगता ऑनलाइन शॉपिंग निश्चित रूप से बेहद सुविधाजनक है पर कई बार इसमें भी ठगे जाने की आशंका बनी रहती है। अगर आप किसी शॉपिंग वेबसाइट से खरीदारी करते हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें : अगर आप शॉपिंग की कोई नई साइट ट्राई करना चाहते हैं तो सबसे पहले उसका डोमेन नेम जरूर चेक करें। देखें कि यूआरएल में https लिखा है या नहीं। इसके अलावा साइट की सही स्पेलिंग जरूर देखें। यह जानने के लिए साइट किसके नाम पर है, आप registry.in /WHOIS पर जाकर देखें। अगर साइट पर कोई कॉन्टैक्ट डिटेल्स नजर न आएं या रिटर्न पॉलिसी सही न लगे तो ऐसी साइट को छोड देना ही बेहतर है। आप scamadviser.com पर जाकर कंपनी की ट्रस्ट रेटिंग भी जान सकते हैं। यहां आपको उसकी सारी डिटेल्स के अलावा यह जानकारी भी मिल जाएगी कि उस साइट से शॉपिंग कितनी सुरक्षित है। हमेशा किसी विश्वसनीय साइट से ही शॉपिंग करें। सिर्फ कम कीमत देखकर खरीदारी न करें। सेलर की रेटिंग और खरीदारों का रिव्यू पढऩे के बाद ही शॉपिंग का निर्णय लें। कैश ऑन डिलिवरी पेमेंट का सबसे सुरक्षित माध्यम है क्योंकि इसमें सामान मिलने के बाद बिल का भुगतान होता है। जब घर में सामान की डिलिवरी हो तो पैकेट खोलने के दौरान बिना रुके उसका विडियो बनाएं । अगर कंपनी आपके साथ कोई धोखाधडी करती है तो आपके पास उसका पक्का सबूत रहेगा। अपने सारे अकाउंट्स के पासवर्ड अलग-अलग रखें और कोई भी पासवर्ड लैपटॉप या मोबाइल पर सेव करके न रखें। बेहतर यही होगा कि पासवर्ड मैनेजर ऐप डाउनलोड करके रखें, यह आपके पासवर्ड को डिजिटली सुरक्षित बना देता है। अगर फायरवॉल्स या एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं है तो मोबाइल फोन से शॉपिंग न करें। किसी भी सार्वजनिक वाई-फाई के जरिये ऑनलाइन शॉपिंग न करें क्योंकि इससे लॉग इन आइडी और पासवर्ड की हैकिंग का खतरा बढ जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से लैपटॉप की तरह आपके स्मार्ट फोन में भी एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का होना जरूरी है। विनीता (उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ जे.एन.सिंह से बातचीत पर आधारित)

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.