सपने यहां साकार हुए
यह है नीतू भसीन सब्बरवाल का ड्रीम होम। जब नीतू दिल्ली से एनसीआर इलाके में शिफ्ट हुईं तो सोचा था कि थोड़ी हरियाली और खुली जगह मिलेगी।
By Edited By: Published: Sat, 03 Sep 2016 01:32 PM (IST)Updated: Sat, 03 Sep 2016 01:32 PM (IST)
प्रवेश द्वार इस घर में प्रवेश करते ही एक पैसेज है जो लॉबी की ओर जाता है। बायीं वॉल पर वुडेन फ्रेम वाला बडा सा आईना लगाया गया है। पैसेज के दाहिनी ओर पूजा घर है, थोडा आगे जाकर बायीं ओर किचन। पूजा घर से सटा हुआ लिविंग और डाइनिंग रूम है। इसके बाद बुजुर्गों और बच्चों के दो बेडरूम और एक ड्रॉइंग रूम है। लॉबी में एक ओर थ्री सीटर सोफा कम काउच है और दूसरी तरफ अक्वेरियम। एक बडी सी विंटेज वॉल क्लॉक भी यहां लगी है। पूजा घर पूजा स्थल को इस हिसाब से बनाया गया है कि वहां आराम से 15-20 लोग बैठ कर पूजा कर सकें। साइड में एक थ्री सीटर सोफा भी रखा गया है। मंदिर में राधा-कृष्ण की मनमोहक छवि नजर आती है। इस पर पीछे की ओर से एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं, जिन्हें जलाते ही एक खूबसूरत समां बंध जाता है। एक साइड में रूफ हैंगिंग एलईडी लाइट्स इस तरह लगाई गई हैं कि उनसे घंटियों का आभास होता है। ड्रॉइंग रूम इस घर का एरिया बहुत बडा है। नीतू बताती हैं, 'यहां हमें फ्लैट में बंगले का लुक मिल रहा था, इसीलिए हम दिल्ली से यहां आए। इसके लिए हमें थोडा ज्य़ादा खर्च भी करना पडा। मेरे हज्बैंड बिजनेसमैन हैं। वह घर को रॉयल टच देना चाहते थे। हमने घर को पूरी तरह रीडिजाइन किया है। एक बार काम पसंद नहीं आया तो दोबारा करवाया। वॉल डिजाइंस एक्सक्लूसिव हैं। फ्लोरिंग के लिए इटैलियन टाइल्स इस्तेमाल की गईं। बीच-बीच में डिजाइनर टाइल्स लगाई हैं। आमतौर पर बिल्डर फ्लैट्स में सामान्य टाइल्स मिलती हैं पर हमने पूरे घर की फ्लोरिंग चेंज करवाई है। टाइल्स बडी लगवाईं। फैब्रिक दिल्ली की अलग-अलग जगहों से लिया। फर्नीचर के लिए कीर्ति नगर गए और ज्य़ादातर काम घर पर ही करवाया। कर्टेंस पानीपत के मशहूर स्टोर से मंगवाए।' बाथरूम्स हर बेडरूम के साथ अटैच्ड बाथरूम और ड्रेसिंग एरिया है। यहां स्टाइलिश और हाई एंड टाइल्स से बना कोलाज बेहद खूबसूरत दिखता है। शॉवर, वॉश बेसिंस और टैप ब्रैंडेड हैं। लाइटिंग की भरपूर व्यवस्था है। ड्रेसिंग एरिया में भी सॉलिड वुड के कबड्र्स हैं। चूंकि स्पेस की प्रॉब्लम नहीं है, इसलिए हर बाथरूम के साथ ड्रेसिंग एरिया बना हुआ है। किचन किचन एरिया भी बहुत बडा है। इसे पूरी तरह मॉड्यूलर बनाया गया है। इस घर का ज्य़ादातर काम यहीं कराया गया है, ताकि मनचाही क्वॉलिटी मिल सके। वॉशिंग एरिया अलग से बना है, ताकि गंदगी न हो और टाइल्स साफ-सुथरी रह सकें। चूल्हा इनबिल्ट है। किचन इतना बडा है कि दो-तीन लोग यहां आराम से काम कर सकते हैं। कैबिनेट्स में अंदर से लाइट्स लगाई गई हैं। बेडरूम्स इस घर में तीन बेडरूम्स हैं। एक मास्टर बेडरूम के अलावा टीनएजर बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के लिए दो बेडरूम्स हैं। तीनों बेडरूम्स घर के मेंबर्स की पसंद और सुविधा के हिसाब से डेकोरेट किए गए हैं। बच्चों ने अपने कमरे के कलर्स खुद चुने हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखा गया है कि डेकोर सिंपल और यूनीक दिखे। घर कंफर्टेबल और खुला है और यहां भरपूर नैचरल लाइट है। इस घर का हर कमरा बाहर ग्रीन एरिया की ओर खुलता है। घर में वास्तु का ध्यान भी रखा गया है। बार लिविंग व डाइनिंग रूम के एक कॉर्नर पर बार बनाया गया है। इस कमरे की थीम ब्लू और ब्राउन है। बार काउंटर पर जो मार्बल लगा है, वह पाकिस्तान से मंगाया गया है। इसकी खासियत है कि काउंटर्स में भीतर लगी छोटी-छोटी लाइट्स जलती हैं तो इस पत्थर से छनकर पूरे बार को झिलमिलाती रोशनी में तब्दील कर देती हैं। लाइटिंग के लिए दिल्ली के भागीरथ पैलेस को चुना गया। फर्नीचर, अलमारियों और वॉल पैनल्स के लिए सॉलिड वुड इस्तेमाल किया गया है। बार चेयर्स भी घर पर ही बनवाई गई हैं। ज्य़ादातर फर्नीचर ऑर्डर पर बनवाया गया। लॉन घर में एक तरफ बडा सा लॉन और दूसरी तरफ किचन गार्डन है। लॉन में एक साइड में गार्डन चेयर्स लगाई गई हैं। दूसरी ओर वॉल्स पर पूरा पैनल बना कर गमलों में प्लांट्स लगाए गए हैं। किचन गार्डन में कुछ सीजनल सब्जियां उगाई गई हैं, साथ में रोजमर्रा के काम आने वाले जरूरी हब्र्स भी लगाए गए हैं। ये दो बडे से लॉन घर को इको-होम का लुक देते हैं। यहां उगी मखमली घास प्रकृति का सान्निध्य कराती है। फेंसिंग पर फैली हुई बेलें भी इसे पिक्चर परफेक्ट लॉन बनाती हैं। नीतू की सलाह हमने घर को पूरी तरह रीडिजाइन कराया है। इस वजह से हमारा बजट काफी ज्य़ादा हो गया। बार-बार घर पर खर्च नहीं किया जा सकता, इसलिए एक बार में जितना संभव हो सकता था, हमने चेंज कराया। इससे डिजाइनर ड्रीम होम की मेरी ख्वाहिश पूरी हो गई। लोग चाहें तो अपने सीमित बजट में भी अच्छा इंटीरियर करा सकते हैं। मेरा मानना है कि बाथरूम्स में लेटेस्ट स्टाइल के वॉश बेसिन, टैप्स, जकूजी या शॉवर्स कई बार व्यावहारिक नहीं होते। रिजॉर्ट्स या होटल्स में सब अच्छा लगता है क्योंकि जब हम घूमने जाते हैं तो रिलैक्स्ड मूड में होते हैं। घर में काम की भागदौड लगी रहती है। जितनी हाई टेक्नोलॉजी या स्टाइलिश चीजे इस्तेमाल करेंगे, उतनी ही मेंटेनेंस मुश्किल होगी। वैसे लो बजट में भी घर को बेहतरीन लुक दिया जा सकता है। नए घर में शिफ्ट करने का मतलब यह नहीं है कि पुराना सामान वहां काम नहीं आएगा। अगर वह अच्छी कंडीशन में है तो उसे ले जाएं। टाइल्स बडे साइज की लें, इससे उनमें धूल-गंदगी कम बैठेगी। किचन कैबिनेट्स, वॉलपेपर्स और पेंट में समझौता न करें, क्योंकि ये चीजें लंबे समय के लिए होती हैं। डेकोरेटर की सलाह इस घर को डिजाइन किया है डिजाइनर्स रिंपा मलहोत्रा और रश्मि ने। उनका कहना है कि चूंकि क्लाइंट के पास बजट की समस्या नहीं थी और उन्हें हर चीज यूनीक चाहिए थी, इसलिए घर में क्वॉलिटी ब्रैंड्स ही इस्तेमाल किए गए। आमतौर पर 3 बीएचके फ्लैट में इंटीरियर डेकोरेशन कराने में लगभग 20-25 लाख रुपये तक खर्च हो सकते हैं। इनकी सलाह है कि फ्लोरिंग, पेंट कलर्स, मॉड्यूलर किचन, फॉल्स सीलिंग और सैनिटेशन में समझौता न करें। टाइल्स, फर्नीचर व फैब्रिक में काफी रेंज मिल सकती है, इसलिए जरूरी नहीं कि महंगे सामान ही अच्छे लगेंगे। पहले से कोई फर्नीचर इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन्हें पॉलिशिंग और रिपेयरिंग से नया बना सकते हैं। थोडा समय हो तो घर पर ही वुडेन वर्क कराएं, इससे पैसे और मटीरियल की बर्बादी नहीं होती। घर के इंटीरियर में खर्च की कोई सीमा नहीं होती। इसलिए जरूरी है कि पहले मार्केट सर्च करें, जिन लोगों ने अपने घर में काम कराया है, उनकी सलाह लें। अपने बजट, जरूरत और पसंद-नापसंद के हिसाब से ही डिजाइनर चुनें। इन सब बातों का ध्यान रखेंगे तो कम बजट में भी ड्रीम होम बन सकता है प्रस्तुति : इंदिरा राठौर फोटोज: संजीव कुमार
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