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रिश्तों में होनी चाहिए समझदारी

किसी भी रिश्ते में एडजस्टमेंट एकतरफा नहीं होता।

By Edited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 04:30 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 04:30 PM (IST)
रिश्तों में होनी चाहिए समझदारी
प्रचलित धारणा : ससुराल वालों के साथ एडजस्टमेंट लडकियों के लिए बहुत बडी चुनौती है। एक्सपर्ट की राय : यह सच है कि लडकी अपने माता-पिता का घर छोडकर किसी नए परिवार की सदस्य बनती है। लिहाजा उसे वहां के माहौल के साथ तालमेल बिठाने में थोडी ज्य़ादा मेहनत करनी पडती है पर उसके पति और ससुराल वाले भी नई बहू का खयाल रखते हुए खुद को काफी हद तक बदलने की कोशिश करते हैं। मैं 32 वर्षीया कामकाजी स्त्री और दो बच्चों की मां हूं। सास-ससुर भी हमारे साथ रहते हैं। परिवार में कोई भी मुझ से बुरा बर्ताव नहीं करता, फिर भी आजकल मुझे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है पर मैं इसका कारण नहीं समझ पा रही। मेरा यह चिडचिडापन कैसे दूर होगा? ए. एस., दिल्ली -आमतौर पर लोगों के व्यवहार में चिडचिडेपन की दो वजहें होती है- शारीरिक और भावनात्मक। कई बार हाई ब्लडप्रेशर, थायरॉइड और हॉर्मोन संबंधी असंतुलन की वजह से भी व्यक्ति के व्यवहार में चिडचिडापन आने लगता है। इसलिए सबसे पहले अपना कंप्लीट मेडिकल चेकअप कराएं। डॉक्टर को रिपार्ट दिखाने के बाद उसके सभी निर्देशों का पालन करें। अगर रिपोर्ट नेगेटिव है तो कहीं न कहीं आप भावनात्मक रूप से असंतुष्ट हैं, तभी आपके व्यवहार में चिडचिडापन आ रहा है। खुद से यह सवाल पूछें कि आपकी कौन सी ऐसी इच्छाएं हैं, जिन्हें आप पूरी नहीं कर पातीं। अपने लिए रोजाना कम से कम आधे घंटे का समय जरूर निकालें। उस दौरान घर-परिवार की चिंता से बेफिक्र होकर सिर्फ अपने साथ वक्त बिताएं। आपको जिस कार्य से सच्ची खुशी मिलती हो, वही करें। म्यूजिक सुनें, वॉक पर निकल जाएं, किसी करीबी दोस्त से बातचीत करें। नियमित दिनचर्या से थोडी देर के लिए भी अलग होना इंसान के तनावग्रस्त मन को सुकून देता है। मेरी उम्र 23 वर्ष है। हाल ही में मुझे पहली जॉब मिली है। आजकल मेरे पेरेंट्स मुझ पर शादी के लिए दबाव डाल रहे हैं। फिलहाल दो-तीन वर्षों तक मैं केवल अपने करियर पर ध्यान देना चाहती हूं लेकिन माता-पिता को ऐसा लगता है कि मेरी वजह से छोटी बहनों की शादी में भी देर होगी। मैं उन्हें कैसे समझाऊं? पी. जी., मेरठ -आप अपने माता-पिता को यह समझाएं कि परिवार की बडी और कामयाब बेटी होने के नाते अपनी छोटी बहनों के प्रति आपकी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं। उन्हें आपके सहयोग की जरूरत है। अभी आपकी उम्र ज्य़ादा नहीं है। इसलिए प्रोफेशनल लाइफ में अपनी पहचान बनाने के दो-तीन साल बाद भी आप शादी का निर्णय ले सकती हैं, जब आप आर्थिक रूप से पूर्णत: आत्मनिर्भर होंगी तो आपको निश्चित रूप से अच्छा लाइफ पार्टनर भी मिलेगा। अपने माता-पिता को समझाएं कि जल्दबाजी में शादी का निर्णय लेना ठीक नहीं है। अगर आप उन्हें प्यार से समझाएंगी तो वे आपकी बात जरूर मान जाएंगे। मेरी शादी को अभी छह माह ही हुए हैं। हमारी ससुराल में बहुत बडा संयुक्त परिवार है और मैं वहां की सबसे छोटी बहू हूं। वैसे तो मैं वहां के सभी तौर-तरीकों को अच्छी तरह अपनाती हूं। फिर भी मेरी सास मुझसे नाखुश रहती हैं। मेरे पति भी अपनी भाभियों से मेरी तुलना करते हुए अकसर यही कहते हैं कि मुझे उनसे सीख लेनी चाहिए। दिन-रात लोगों की नसीहतें सुनकर मेरा आत्मविश्वास कमजोर पडता जा रहा है। आजकल मैं बहुत तनावग्रस्त रहती हूं। यह समस्या कैसे दूर होगी। एन. पी., वाराणसी -शादी के शुरुआती एक-दो साल तक सभी लडकियों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पडता है। आप धैर्य के साथ ऐसे हालात का सामना करें और आत्मविश्वास न खोएं। अगर कभी सास, जेठानी या ननद रोक-टोक भी करती हैं तो आप बुरा न मानें। अगर आपकी तमाम कोशिशों के बावजूद उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आता तो उनकी बातों को अनदेखा कर दें। परिवार के सभी सदस्यों के साथ बेहतर संबंध बनाने की कोशिश करें। खासतौर से अपने पति का पूरा खयाल रखें। मौका निकालकर थोडी देर के लिए उनके साथ कहीं बाहर घूमने निकल जाएं और उनके साथ खुशनुमा माहौल में बातचीत करें पर उनके सामने सास या जेठानी की शिकायत कभी न करें, जब उन्हें आपकी ओर से प्यार और अपनापन मिलेगा तो आपके साथ उनके व्यवहार में भी बदलाव नजर आएगा। कुछ ही दिनों की बात है। अगर आपकी कोशिश जारी रही तो जल्द ही परिवार के सभी सदस्यों के साथ आपके संबंध सुधर जाएंगे। मैं 27 वर्षीया कामकाजी विवाहिता हूं। हमारी शादी को दो साल हो चुके हैं। व्यस्तता के बावजूद मैं अपने पति के साथ उनके सभी दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाने का समय जरूर निकालती हूं लेकिन वह मेरे साथ कहीं जाने को तैयार नहीं होते। उनकी यह आदत कैसे सुधरेगी? एल. बी., पटना -कई बार इंट्रोवर्ट पर्सनैलिटी वाले लोग दूसरों से मिलने-जुलने से कतराते हैं। हो सकता है कि आपके पति के साथ भी यही समस्या हो। ऐसे में उन्हें आपके सहयोग की जरूरत है। आप जबरन उन पर अपने साथ चलने का दबाव न बनाएं बल्कि उन्हें अपने रिश्तेदारों के बीच कंफर्टेबल फील करवाने की कोशिश करें। कभी किसी खास मौके पर अपने भाई-बहनों को लंच या डिनर पर बुलाएं। अपने घर पर वे सहज ढंग से बातचीत कर पाएंगे। हमेशा उन पर अपने साथ चलने का दबाव न डालें लेकिन कहीं जाने के बाद वहां मौजूद लोगों से फोन पर उनकी बात जरूर करवा दें। इससे उन्हें खुद ही ऐसा लगेगा कि मुझे भी वहां जाना चाहिए था। इन छोटी-छोटी कोशिशों से जल्द ही आपको अपने पति के व्यवहार में बदलाव नजर आएगा।

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