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रिश्तों में न करें ये गलतियां

दांपत्य में भावनात्मक जुड़ाव के साथ ही सेक्सुअल इंटीमेसी भी जरूरी है। सेक्स में असंतुष्टि से भी कई बार रिश्ते टूट जाते हैं। संकेतों से पहचानें कि कहां गलतियां हो रही हैं और उन्हें सुधारने की कोशिशें करें।

By Edited By: Published: Tue, 03 May 2016 09:32 AM (IST)Updated: Tue, 03 May 2016 09:32 AM (IST)
रिश्तों में न करें ये गलतियां

पिछले वर्ष कुछ शहरों और महानगरों में कराए गए एक शोध के मुताबिक सेक्सुअल असंतुष्टि, नपुंसकता या संतानहीनता के कारण भारत में लगभग 30 फीसदी शादियां टूट रही हैं। सेक्स को हमेशा से टैबू माना जाता रहा है, जबकि यह रिसर्च इस बात को खारिज करती है। तो क्या यह समझा जाए कि भारत में सेक्सुअल क्रांति आ रही है? फिलहाल ऐसा तो नहीं लगता, फिर भी धीरे-धीरे लोग अपनी सेक्सुअल फीलिंग्स को लेकर जागरूक हो रहे हैं।

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सेक्सुअल नीड्स को नजरअंदाज करने का असर रिश्ते पर अच्छा नहीं पडता। कई बार तो इससे शादियां टूटने के कगार पर पहुंच जाती हैं या टूट भी जाती हैं। इसका कारण यह है कि बेडरूम्स की समस्याएं केवल वहीं तक सीमित नहीं रहतीं, वे जीवन के अन्य पहलुओं को भी प्रभावित करती हैं। दूसरी ओर रिश्तों में समस्याएं एक दिन में नहीं पैदा होतीं, इसके संकेत पहले से मिलने लगते हैं। इन संकेतों को पहचानना और समय रहते अपने रिश्ते को संवार लेना ही समझदारी है। जानें किन वजहों से सेक्स लाइफ प्रभावित हो सकती है।

एक का कंट्रोल

वैवाहिक जिंदगी में सेक्स की अहमियत पर हर दंपती का अलग-अलग मत है और पार्टनर्स ही तय कर सकते हैं कि उनके बीच कब, कहां और कितनी बार सेक्स संबंध बनेेंगे। जरूरी यह है कि दोनों को इस संबंध से खुशी मिले और दोनों का इस पर समान कंट्रोल हो। अगर एक व्यक्ति ही यह तय करेगा कि संबंध बनेंगे या नहीं या कब और कैसे बनेंगे तो निश्चित रूप से दूसरे पार्टनर में असंतुष्टि, गुस्सा या निराशा का भाव पनपेगा।

हथियार की तरह इस्तेमाल

सेक्स अपनी मांग मनवाने या इच्छाएं पूरी करने का हथियार नहीं है। इसके माध्यम से इमोशनल ब्लैकमेलिंग करना रिश्ते की सेहत को बिगाड सकता है। गुस्से या शिकायतों की परिणति अगर सेक्स से इंकार में होगी तो रिश्ता टॉक्सिक ही बनेगा। सेक्स कोहथियार नहीं, दोनों की खुशी का जरिया बनना चाहिए। शिकायतों को खुलकर पार्टनर के सामने रखें, बहस करें, संवाद करें लेकिन सेक्स के स्तर पर संवादहीनता से बचें।

जब बहाने बनने लगें

शादी के कुछ साल बीतते-बीतते कपल्स के बीच सेक्स गौण होने लगता है। पहले हफ्ते गुजरते हैं, फिर महीने और कई बार एक साल गुजर जाता है और पार्टनर्स के बीच यह शारीरिक संवाद खोने लगता है। शादी प्लेटोनिक रिलेशनशिप नहीं है। इसमें भावनात्मक और शारीरिक दोनों स्तरों पर जुडाव जरूरी है। 'समय नहीं है, मूड नहीं है, तबीयत खराब रहती है, बच्चे बडे हो रहे हैं, जॉइंट फेमिली है, फ्लैट छोटा है, दोनों की शिफ्ट अलग-अलग है, उम्र बढ रही है, व्यस्तता बहुत हो गई है.... जैसे बहाने लगातार बनने लगें तो यह खतरनाक संकेत है। समय रहते इसे पहचानें। अगर वाकई समय की कमी है तो हर चीज की तरह अपनी सेक्सुअल डेट भी प्लैन करें, लेकिन किसी भी तरह इसके लिए समय निकालें।

पोर्न की लत

इसे लेकर नैतिक बहसें होती रही हैं, लेकिन सेक्सपट्र्स का कहना है कि एक सीमा तक पोर्न देखना रिलेशनशिप के लिए अच्छा है। कई बार लो लिबिडो प्रॉब्लम्स में इससे फायदा हो सकता है, हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। लेकिन पोर्न एक नशा भी है और इसका एडिक्शन रिश्ते को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसके अलावा अगर दोनों पार्टनर्स में से किसी एक को यह बिलकुल नापसंद हो तो जाहिर है, कपल का रिश्ता प्रभावित होगा। पोर्न एडिक्शन कई बार इमोशनल कनेक्शन की कमी की ओर भी इशारा करता है।

पार्टनर बेवफा हो जाए

शादी से बाहर रिलेशनशिप कोई नया ट्रेंड नहीं है। एक्सपर्ट प्रेमा बाली कहती हैं कि 30-40 साल पहले भी ऐसे रिश्ते बनते थे और समाज में एक हद तक इन्हें स्वीकार्यता रही है। भारतीय समाज में कुछ रिश्ते बनाए ही गए हैं जिनमें हंसी-मजाक या फ्लर्ट की गुंजाइश रही है। कई कपल्स (एक्सपट्र्स भी) मानते हैं कि थोडा बहुत इधर-उधर होने से दांपत्य नहीं दरकता, बल्कि कई बार तो कपल्स के रिश्ते में खोया हुआ स्पार्क लौट आता है। दुर्भाग्य से सबके साथ ऐसा नहीं होता और अकसर लोग त्रिशंकु स्थितियों में फंस जाते हैं, जिस कारण या तो शादियां टूटती हैं या बची रह जाएं तो उनमें प्रेम खत्म हो जाता है।

सेक्सुअल बॉण्डिंग के लिए

काउंसलर नमिता पांडा कहती हैं, शादी एक तीन पैर वाले स्टूल की तरह है। एक पैर इमोशनल कनेक्शन है, दूसरा मेंटल कनेक्शन और तीसरा है सेक्सुअल कनेक्शन। इनमें से एक भी पैर टूट जाए तो स्टूल टूट जाता है। यानी शादी में शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्तर पर संवाद जरूरी है, इनमें से एक भी स्तर पर संवाद की कमी शादी को खत्म कर सकती है। छोटे-छोटे कदम रख कर रिश्तों की सीढी पर पैर बढाए जा सकते हैं।

1. खुद पर भरोसा रखें

खुद से प्यार करें और भरोसा रखें कि सब अच्छा होगा। दूसरे की आंखों में अपने प्रति प्यार देखना वाकई अच्छा एहसास है, लेकिन खुद से प्यार करना एक आंतरिक भावना है। व्यक्तित्व को संवारना, खुद को अपनी वास्तविकता में देखना, आईने में दिख रही अपनी छवि से प्यार करना, शरीर और मन के आकर्षण को महसूस करना शादी में भी सेक्स डिजायर्स को बरकरार रख सकता है।

2. सेक्स की अहमियत समझें

सेक्स को डर्टी टॉक या बोरिंग कहने से पहले जरा सोचें, स्त्री-पुरुष की इस फिजिकल केमिस्ट्री को लेकर हमारे देश में हजारों साल पहले वात्स्यायन ने 'कामसूत्र की रचना की थी। थकान, दबाव या निराशा से उबरना हो या भावनात्मक-शारीरिक परेशानियों से जूझना हो, कुछ पलों के सेक्स सेशन से न सिर्फ रिलैक्स फीलिंग आती है, बल्कि नई ऊर्जा का भी संचार होता है। कोई भी दंपती इससे इंकार नहीं कर सकता कि दुख, निराशा, गुस्से, कुंठा और अवसाद के पलों में एक अच्छा सेक्स सेशन थेरेपी का काम करता है।

3. फिर से प्यार करें

एक-दूसरे के प्रति आकर्षण को कम न होने दें। उम्र और समय के साथ जिम्मेदारियों का असर चेहरे और शरीर पर पडता है। शादी के 8-10 साल बाद शरीर में कुछ किलो बढने का मतलब यह नहीं है कि सेक्स ड्राइव खो दें। आकर्षण को बनाए रखने के लिए वह सब करें, जो पार्टनर की नजरों में आपको खूबसूरत बनाए। दुनिया भर के कॉस्मेटिक उपचार भी किसी को इतना सुंदर नहीं बना सकते, जितना प्यार भरे दो बोल बना सकते हैं। रिश्ते के लिए इतनी कोशिश तो करनी ही होगी।

4. डिजायर्स को छिपाएं नहीं

कई लोग सेक्स के बारे में अपनी फीलिंग्स छिपाते हैं। पार्टनर के सामने खुल नहीं पाते और कई बार इससे सेक्स संबंध बोझिल होने लगते हैं। अपनी डिजायर्स पार्टनर से शेयर करें, जो अच्छा लग रहा है, उसे बताएं और बुरी फीलिंग्स भी छिपाएं नहीं।

5. सोचें और प्लैन करें

सेक्सुअल इंटीमेसी न सिर्फ जीवन के हर पहलू पर संतुलित रहने में मदद करती है, बल्कि यह हर क्षण को जीना भी सिखाती है। शोध बताते हैं कि शादीशुदा लोग लंबी जिंदगी जीते हैं, क्योंकि यही वह रिश्ता है, जिसमें व्यक्ति को सुरक्षा का एहसास मिलता है। रिश्ते को सदाबहार बनाए रखने के लिए भावनात्मक और सेक्सुअल स्तर पर तालमेल बिठाना जरूरी है। गलतियों को सुधारने की कोशिश करें और एक-दूसरे से इस पर बात करें, तभी रिश्ते में निखार आएगा।

इंदिरा राठौर


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