कलाकार कभी एक्सपर्ट नहीं होता: साशा आगा
साशा फिल्म औरंगजेब से अभिनय की दुनिया में आई। यशराज बैनर की इस फिल्म को अच्छी कामयाबी नहीं मिली। शायद इसीलिए उन्हें फिल्मों के ऑफर ज्यादा नहीं मिले। फिल्म के साथ-साथ करियर व उनकी निजी जिंदगी को लेकर कुछ सवाल सखी के संग।
1. आपकी पहली फिल्म थी औरंगजेब। दूसरी देसी कट्टे। यह गैप लंबा नहीं है?
दूसरी हीरोइनें क्या कर रही हैं, मुझे इससे कोई मतलब नहीं। मेरी पहली फिल्म औरंगजेब फ्लॉप नहीं हुई थी। उसने अच्छी कमाई की थी और यह सच है कि उससे किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। वह मेरी पहली फिल्म थी इसलिए मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगी। रही बात गैप की, तो मैं हमेशा से ऐसी ही फिल्में करने की ख्वाहिश रखती हूं कि रोल भले ही छोटा हो, पर उसकी कहानी में अहमियत जरूर हो।
2. आप दो फिल्मों में काम कर चुकी हैं। अब तो काम को लेकर नर्वस नहीं होती होंगी?
बिलकुल नहीं। चूंकि इस इंडस्ट्री से मेरी मां का संबंध रहा है तो मैं यह सब बचपन से ही देखती आई हूं। फिल्मों में काम को लेकर कोई घबराहट नहीं होती। मुझे तो यह भी चिंता नहीं होती कि फिल्म नहीं चलेगी तो क्या होगा?
3. खुद को ऐक्टिंग में कितनी एक्सपर्ट मानती हैं? ट्रेनिंग ली है?
नहीं, ट्रेनिंग नहीं ली। हां, मैंने दिव्येन्दु भट्टाचार्य से कुछ दिनों अभिनय जरूर सीखा है। वे मेरे अच्छे दोस्त हैं और मैं उन्हें अपना गुरु भी मानती हूं। अभिनय की बारीकियां मैंने उन्हीं से सीखी है। मेरा मानना है कि एक कलाकार कभी एक्सपर्ट नहीं होता। उम्र भर हम कोई न कोई नई चीज सीखते रहते हैं।
4. नए कलाकार लॉन्चिंग के लिए लव स्टोरी पर आधारित फिल्में क्यों चुनते हैं?
हम बरसों से लव स्टोरीज देखते आ रहे हैं। उसमें ज्यादा कुछ अलग नहीं होता, लेकिन मेरी दोनों फिल्में औरंगजेब और देसी कट्टे ऐसी कहानी वाली फिल्में हैं। मेरा रोल प्रेमिका का जरूर है, पर फिल्में अलग है।
5. आपने पहली फिल्म में एक गीत गाया था। संगीत की तालीम ली है?
मैंने म्यूजिक मम्मी से ही सीखा है। मैं गिटार और पियानो अच्छा बजाती हूं और गायकी तो समझिए कि विरासत में मिली है।
6. क्या यह तय था कि आपको इसी फील्ड में आना है?
मेरी स्कूलिंग मुंबई में हुई है। उसके बाद मैं अमेरिका चली गई। फिर दुबई में मैंने अपनी शिक्षा पूरी की। फिल्मों में आने का फैसला मैंने वहीं लिया था। बाद में यहां आकर ऐक्टिंग की ट्रेनिंग ली और उसके बाद अभिनय की दुनिया में आने का निर्णय लिया।
7. मां सलमा आगा से कैसा सहयोग मिलता है?
वे मुझे सलाह तो देती हैं, पर अपने निर्णय खुद लेने के लिए प्रेरित करती हैं। वह मुझसे अकसर कहती हैं, कुछ करने के लिए सोचो नहीं, उसे करके दिखाओ।
8. हिंदी फिल्मों में अपने भविष्य को किस तरह देखती हैं?
एक अच्छी अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहती हूं। मेहनत व लगन के बल पर अलग मुकाम बनाना चाहती हूं। स्क्रीन पर अलग-अलग लुक्स में दिखना चाहती हूं। हर दूसरी फिल्म में अपनी भूमिकाओं से दर्शकों को चौंकाना भी चाहती हूं। भविष्य में खुद को सफल अभिनेत्री के रूप में देखना चाहूंगी।
रतन