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किस्मत पर है भरोसा

फिल्म 'अब के बरस' से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली अमृता राव ने अपने अब तक के करियर में कई हिट फिल्में दी हैं। गर्ल नेक्स्ट डोर वाली अपनी इमेज को परदे पर भी उन्होंने बखूबी निभाया है

By Edited By: Published: Tue, 02 Aug 2016 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 02 Aug 2016 01:44 PM (IST)
किस्मत पर है भरोसा
इंडस्ट्री में अपने बल पर पहचान बनाते हुए अमृता ने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोडी है। उनके मासूमियत भरे अंदाज ने सबका मन मोहा है। डेस्टिनी पर पूरा भरोसा करने वाली अमृता खुद को अपने पापा का प्रतिरूप मानती हैं। वे जिंदगी के प्रति बिलकुल स्पष्ट रवैया रखती हैं और उसे अनुभव की तरह लेती हैं। स्कूल लाइफ से बॉलीवुड तक का सफर कैसे तय किया? मैं जब स्कूल में थी, तब कुछ म्यूजिक विडियोज और कमर्शियल्स में काम किया था। उनके रिलीज होने के बाद से मेरे पास फिल्मों के ऑफर आने लगे थे। यह मेरा गुड लक था कि मुझे कुछ भी करना नहीं पडा, सब कुछ अपने आप होता चला गया। मैं इस इंडस्ट्री का हिस्सा बन कर बहुत खुश हूं। मुझे कई बडे डायरेक्टर्स और ऐक्टर्स के साथ काम करने का मौका मिला है जो कि अमूमन हर किसी को नहीं मिल पाता है। आपने लगभग हर फिल्म में एक अलग तरह का किरदार निभाया है। आपका ड्रीम रोल क्या है? मैं रेट्रो किरदार निभाना चाहती हूं। मुझे बहुत अच्छा लगेगा, अगर कोई मुगल-ए-आजम की अनारकली का रोल ऑफर करे। अब तक जिंदगी में किस तरह के अनुभव मिले? मैं अपनी पढाई पूरी नहीं कर पाई थी क्योंकि स्कूल डेज से ही इंडस्ट्री में सक्रिय होने लगी थी पर मुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं है। अब तक की जिंदगी में मैंने यह सीखा है कि जो होना होता है, वह हो कर ही रहता है। आप छोटी-छोटी चीजें तो खुद से कर सकते हैं पर जिंदगी में बडा वही होगा जो लिखा होगा। डेस्टिनी पर मैं बहुत ज्यादा विश्वास करती हूं क्योंकि मेरी लाइफ में सब कुछ खुद ही होता गया। ऑन स्क्रीन मासूम सी नजर आने वाली अमृता ऑफ स्क्रीन कैसी है? मुझे ज्यादातर वैसे ही रोल्स मिले जैसी मैं असल में हूं। मैं बहुत व्यवस्थित रहती हूं। मेरे घर में कुछ भी बहुत आसानी से मिल सकता है क्योंकि हर चीज एक निर्धारित जगह पर रखी होती है। मैं लोगों को बहुत जल्दी माफ कर देती हूं, मन में कभी कोई बात नहीं रखती। मेरे अंदर कमिटमेंट की भावना बहुत ज्यादा है, जो वादा करती हूं, उसे निभाती जरूर हूं। फिलहाल आपका फोकस बिग स्क्रीन पर ही है या स्मॉल स्क्रीन? 'मेरी आवाज ही पहचान है' से मैंने टीवी पर डेब्यू किया, जिसे काफी सराहा गया। आगे कभी इसी शो के जैसे रिअलिस्टिक पैटर्न वाले सीरियल का प्रस्ताव मिला तो मैं जरूर करूंगी। वैसे अब मैं डिजिटल मीडियम की तरफ भी आकर्षित हो रही हूं। यूथ से कनेक्टेड कुछ कॉन्सेप्ट्स हैं दिमाग में, उन पर काम करूंगी। हो सकता है कि मैं खुद ही उसे को-प्रोड्यूस भी करूं । ऐक्टिंग के अलावा मेरी रुचि डायलॉग्स और सीन्स लिखने में भी है। मैं प्रयोगों से बिलकुल नहीं घबराती हूं। किसी खास स्टार के साथ स्क्रीन शेयर करने की तमन्ना? कभी मौका मिले तो मैं दीप्ति नवल के साथ जरूर काम करना चाहूंगी। हालांकि 'मेरी आवाज ही पहचान है' में वे भी हैं पर हमें साथ में स्क्रीन शेयर करने का कोई मौका नहीं मिला। दीपाली पोरवाल

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