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बढ़ी है लड़कियों की पहचान

अमृता राव ने अपने फिल्मी करियर में चढ़ाव और उतार दोनों देखे हैं। गर्ल नेक्स्ट डोर लुक वाली अमृता पिछले कुछ सालों से परदे पर नजर नहीं आईं, लेकिन अभी हाल ही में उनकी नई फिल्म रिलीज हुई। उनके फिल्मी करियर के चढ़ाव और उतार पर सखी की एक नजर..

By Edited By: Published: Fri, 01 Mar 2013 11:26 AM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2013 11:26 AM (IST)
बढ़ी है लड़कियों की पहचान

अमृता  राव की पहली फिल्म 2002 में अब के बरस आई थी। पिछले महीने उनकी ताजा फिल्म जॉली एलएलबी  रिलीज हुई है। 11  सालों के इस सफर में अमृता राव ने करियर  का चढाव और उतार दोनों देखा है। शुरू में उनकी फिल्में हिट हुई। उनकी फिल्मों के गाने हिट हुए।

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जाहिर तौर पर अमृता राव की मांग बढी। इस दरम्यान कुछ फिल्में नहीं चलीं। शिखर, दीवार और प्यारे मोहन से उनके करियर  को झटका लगा। और फिर 2010  में उनकी कुछ घोषित फिल्में फ्लोर पर नहीं जा सकीं। आर्थिक मंदी की वजह से उनकी फिल्मों की शूटिंग आरंभ नहीं हुई। इनमें एबीकॉर्प  की डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी की द लिजेंड  ऑफ कुणाल  और रमेश तौरानी  की केन घोष निर्देशित अनाम फिल्म थी। हुक और क्रुक में भी उनका चुनाव हुआ था। इन फिल्मों की वजह से उन्होंने आ देखें जरा और वेलडन अब्बा छोड दी थी। यों कहें कि इस व्यवधान से उनका करियर ठहर सा गया।

उतार-चढाव का दौर

इस ठहराव को वह सकारात्मक तरीके से लेती हैं। बताती हैं, एक तरह से अच्छा ही हुआ। मुझे सोचने-समझने का मौका मिला। मैंने देखा है कि फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे उतार-चढाव सभी को देखने पडे हैं। अभी सफल सैफ अली खान को ही देख लें। या फिर अमिताभ बच्चन मेरे साथ अच्छी बात रही कि फिल्में नहीं आने के बावजूद लोगों ने मुझे याद रखा। किसी ने भी मेरे करियर का िकस्सा खत्म नहीं किया। सभी यही कहते रहे कि नई फिल्म आनी चाहिए।

अमृता  राव खुश हैं कि सुभाष कपूर की फिल्म जॉली एलएलबी में दर्शकों ने उन्हें पसंद किया। वे कहती हैं, संध्या का रोल बहुत चैलेंजिंग था। मैंने ज्यादातर घरेलू और सीधी-सादी लडकियों के कैरेक्टर निभाए थे। संध्या उन सभी के विपरीत हीरो को हमेशा डांटती रहती है। उसे उसकी हैसियत बताती रहती है।

हीरोइन प्रधान फिल्में

इन दिनों सिंह साहब द ग्रेट की शूटिंग में व्यस्त अमृता  राव सनी देओल और अनिल शर्मा की तारीफ करती हैं। अनिल शर्मा की फिल्म में उन्हें एक न्यूज रिपोर्टर की भूमिका मिली है।

वह फिल्म के नायक की लडाई में शामिल हो जाती है। अमृता मानती हैं कि समाज में इधर लडकियों की पूछ और पहचान बढी है। उसी का असर है कि फिल्मों में भी ऐसे कैरेक्टर  गढे और लिखे जा रहे हैं। वह आगे भी ऐसी फिल्मों का हिस्सा बनना चाहती हैं, जिनमें हीरोइनों की भूमिका अच्छी तरह परिभाषित की गई हो।

बनी है सक्रियता

हालांकि अपने साथ की अभिनेत्रियों से वह पीछे रह गई हैं, लेकिन उन्हें कोई शिकायत नहीं है। वे स्पष्ट कहती हैं, मैंने छोटी उम्र में ही फिल्में कर ली थीं। हालांकि मैं लगभग ग्यारह सालों से हूं। फिर भी मेरी उम्र आज सक्रिय हुई हीरोइनों के बराबर है। एक फायदा हुआ है कि मुझे एक्सपीरिएंस  मिल गया है, लेकिन मैं यंग हूं। उनके साथ चलने में मुझे कोई परेशानी नहीं है। यहां सभी के लिए काम है।

उम्मीदें बाकी हैं अभी

इश्क विश्क,  मैं हूं ना और विवाह जैसी सफल फिल्मों का हिस्सा रह चुकीं अमृता मानती हैं कि यह फिल्मों का सबसे अच्छा दौर है। अभी छोटी-बडी हर तरह की फिल्में बन रही हैं और सभी के लिए संभावनाएं हैं। मैंने तय नहीं किया है कि मुझे किस तरह की फिल्में करनी है। वह आगे कहती हैं कि एक ही सोच है कि फिल्में अच्छी हों और मुझे कुछ करने का मौका मिला। वह कहती हैं, अभी मुझे बहुत कम ऐसी फिल्में मिली हैं, जिनसे संतुष्टि हुई। मेरी उम्मीदें बाकी हैं।

भविष्य में अवश्य ही कुछ अच्छी फिल्में मिलेंगी। सौम्य सौंदर्य और स्वभाव की धनी अमृता राव को नई अभिनेत्रियों में परिणीति  चोपडा और सोनाक्षी  सिन्हा पसंद हैं। उत्सुक हैं कि कभी उनके साथ काम करने का मौका मिले।

अजय ब्रह्मात्मज


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