बोल्ड रोल्स से एतराज नहीं: शाजान पद्मसी
विज्ञापन गुरु अलीक पद्मसी और शेरॉन की बेटी शाजान पद्मसी संभवत: एकमात्र ऐसी हीरोइन होंगी, जो मॉडलिंग के साथ-साथ रंगमंच पर भी सक्रिय हैं। उनके करियर ग्राफ पर सखी की एक नजर।
इंडस्ट्री में पांच साल पुरानी शाजान ने अब तक तीन हिंदी और तीन साउथ की फिल्में की हैं। उनकी पहली फिल्म रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफद ईयर में रणबीर कपूर थे। यशराज का बैनर था और जयदीप साहनी की कलम। बावजूद उन सब तत्वों के वह नहीं चली। फिर वे साउथ की ओर मुडीं। ऑरेंज जैसी सफल फिल्म दी। उनके सितारे फिर पलटे और दिल तो बच्चा है जी से उन्हें पहली सफलता मिली। उसके तुरंत बाद उनकी हाउसफुल 2 100 करोड क्लब की फिल्म बनी। हालांकि फिल्म में ढेर सारे सितारे थे। शायद उसके चलते उन्हें फिल्म की सफलता का क्रेडिट नहीं मिला। नतीजतन वे फिर से साउथ की फिल्मों में सक्रिय हो गई।
इंतजार अवसर का
शाजान कहती हैं कि साउथ में हीरो वहीं के लोकल परिवार से होते हैं, पर हीरोइन और विलेन नॉर्थ से ले लिए जाते हैं। साउथ की इंडस्ट्री ने मुझे खुली बांहों से स्वीकार किया। खासकर, ऑरेंज की सफलता के बाद तो वहां मेरी डिमांड बहुत बढ गई है। पिछले साल आई बोल बच्चन की साउथ रीमेक मसाला ने बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा व्यवसाय किया। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ साउथ की फिल्मों में भी मैं अपने लिए बेहतर मौके ढूंढ रही हूं। मैं फिल्मों का हिस्सा बनना चाहती हूं फिर वह साउथ की हो या हिंदी फिल्में। फिलहाल तो मैं हिंदी फिल्मों में सही समय व अवसर का इंतजार कर रही हूं। मैं मानती हूं कि रॉकेट सिंह चल नहीं पाई। लेकिन इस फिल्म से मैंने रणबीर कपूर जैसे सितारे के साथ अपने फि ल्मी करियर की शुरुआत की। सलेब्रिटी की संतान होने के नाते ऐसा नहीं है कि हमें मेहनत नहीं करनी पडती। हां, मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे करियर की शुरुआत में ही बडे सितारों और बडे बैनर के साथ काम करने का मौका मिला।
बोल्ड रोल्स
आपको बोल्ड और बिंदास रोल करने में कोई परेशानी? इस सवाल पर शाजान कहती हैं, यह स्क्रिप्ट पर निर्भर करता है। हालांकि इंडस्ट्री में कुछ साल बाद ऐक्टर बोल्ड और बिंदास रोल्स के बारे में समझ जाता है। इंडस्ट्री के अनुभवों और आपकी फिगर पर निर्भर है कि आप कैसे किरदार करना पसंद करते हैं। हालांकि मेरे पास अभी तक इस तरह का कोई ऑफ र नहीं आया है, लेकिन अगर आता है तो मुझे कोई एतराज नहीं होगा। मेरा ड्रीम रोल करीना कपूर का जब वी मेट का गीत है। मैं वैसा किरदार करना चाहूंगी। मैं इंडस्ट्री में कई साल गुजार चुकी हूं। लिहाजा अब काफी समझदार हो गई हूं। मेरा आत्मविश्वास भी बढ गया है। फिल्म इंडस्ट्री में पांच साल के अनुभव ने मुझे काफी बडा कर दिया है। अच्छा-बुरा समझने लगी हूं। सबसे बडी बात है कि अब मैं अपने निर्णय खुद लेने में सक्षम हो गई हूं।
मिल रहे हैं अच्छे ऑफर
मैं महत्वाकांक्षी हूं और मुझे यकीन है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब बेफिक्र होकर अपनी पसंद और नापंसद से निर्णय ले पाऊंगी। लेकिन जहां तक आज की बात है तो मैं न्यूकमर हूं। खुशी की बात है कि मेरे पास अच्छे ऑफर आ रहे हैं। मैं वैसे ऑफर को ही स्वीकार करती हूं, जो मुझे पसंद आते हैं या जिनसे मैं रिलेट कर पाती हूं।
अमित कर्ण