मैं चौंकाना चाहती हूं: माही गिल
बोलती आंखों वाली माही गिल पिछले कुछ समय से बड़ी फिल्मों में छोटी भूमिकाएं कर रही हैं, लेकिन उनके किरदार की चर्चा खूब हुई। फिल्म गैंग्स ऑफ घोस्ट्स में उनके काम की काफी सराहना हुई। उनके फिल्म करियर के गिरते-चढ़ते ग्राफ पर सखी की एक नजर।
माही ने कई फिल्में कीं और उनके अभिनय को नोटिस भी किया गया। वे जानती हैं कि दर्शकों को नए प्रयोग पसंद हैं और वो इसे ध्यान में रख कर ही रोल चुनती हैं। उनका मानना है कि भले ही कम काम करें, लेकिन उनके रोल को नोटिस जरूर किया जाए। माही अपने करियर को लेकर कितनी संजीदा हैं, जानते हैं सखी के साथ।
किस मानसिक अवस्था में हैं अभी आप?
अभी मैं केवल घर के बारे में सोच रही हूं। पिछले कुछ समय से कोई शूटिंग नहीं की है। जहां रहती हूं, उसे सुंदर बनाने पर ध्यान दे रही हूं। यूं भी फिल्म की रिलीज के बाद मैं अकसर गायब हो जाती हूं। जल्दी ही कहीं लंबी यात्रा पर निकलूंगी।
अभी तक के फिल्मी सफर को किस रूप में देखती हैं?
मैं सही समय पर फिल्मों में आई। इन दिनों दर्शक नए प्रयोग पसंद कर रहे हैं। मैंने कुछ फिल्में कर ली हैं, लेकिन अभी बहुत करना बाकी है। अलग-अलग जोनर की फिल्में करूंगी। मैंने अभी तक ढंग से रोमैंस नहीं किया है। हॉरर और ऐक्शन बाकी है। कॉमेडी फिल्म भी करनी है।
इस सफर में क्या सीखा और आत्मसात किया?
कई ऐक्टर और डायरेक्टर मिले। उनसे सीखा व समझा। अनुराग कश्यप में बच्चों जैसा उत्साह है। वे प्रेरित करते हैं। तिग्मांशु धूलिया खुद बहुत अच्छे अभिनेता हैं। वे आपकी तैयारी को सुधार देते हैं। उनके सुझाव इंटरेस्टिंग होते हैं। रामगोपाल वर्मा के प्रयोगों में मजा आया। सतीश कौशिक के साथ पुराने समय और तरीके को समझा।
देव डी में आपके आगमन ने चौंका दिया था। बाद की फिल्मों में कौन-सी भूमिका आपको पसंद है?
मैं फिर से चौंकाना चाहती हूं। लोग तारीफ करते हैं, लेकिन ऐसी स्क्रिप्ट नहीं मिल रही है, जो मुझे और दर्शकों को झनझना दे। चाहूं तो रोज दो फिल्में साइन कर सकती हूं, लेकिन दोहराव अच्छा नहीं लगता। अगर हर कोई विवाहेतर संबंध रखने वाली बीवी या रेडलाइट एरिया की लडकी के ही रोल देगा तो कैसे कर सकती हूं? एक्साइटिंग काम न हो तो घर बैठना अच्छा है। एक अच्छी फिल्म आएगी तो वापस सब कुछ ठीक हो जाएगा। पारो के अलावा साहब, बीवी और गैंगस्टर व साहब, बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स की बीवी पसंद है। मुझे पार्ट टू की बीवी ज्यादा अच्छी लगी। वह खतरनाक थी। पूरी तरह पागल या खराब नहीं। वह इंपरफेक्ट थी। ऐसा किरदार निभाना चैलेंज था।
खाली समय में क्या करती हैं?
मुझे ट्रैवलिंग का बहुत शौकहै। घर के लिए चीजें खरीदना अच्छा लगता है। रोड ट्रिप में मजा आता है। फूड ट्रिप भी करती हूं। कई बार खुद ही ड्राइव पर निकल जाती हूं। दो-चार दोस्तों को साथ ले लेती हूं।
फिल्मी यात्रा में खुद को कहां पाती हैं?
मुझसे कई गलतियां हुईं। मैं आउटगोइंग नेचर की नहीं हूं। प्राइवेट पर्सन हूं। अगर लोगों के पास एक काम के लिए जाऊं तो स्थिति कुछ अलग होगी। अनुराग कश्यप और तिग्मांशु धूलिया को भी फोन नहीं करती। मुझे लगता है कि वे व्यस्त होंगे तो उन्हें क्यों परेशान करूं? कम फिल्मों के बावजूद मुझे आदर और प्यार मिलता है। यही काफी है कि लोग अच्छी अभिनेत्री के तौर पर याद रखें। यही मेरी उपलब्धि होगी।
अभिनेत्री होने का आनंद क्या है?
हर तरह के किरदार निभा सकती हूं। इज्जत, शोहरत और पैसे मिलते हैं। सभी पलकों पर बिठाए रखते हैं। घूमने और देखने को नई जगहें मिलती हैं। अपनी जेब से एक पैसा खर्च नहीं होता। हम अलग-अलग चरित्रों को जी लेते हैं। उन चरित्रों के जरिये हम अपनी हीनभावना दूर कर लेते हैं। मजेदार है न कि आप हीनभावना से मुक्त हो रहे हों और दर्शक उसके लिए पैसे भी दे रहे हैं। रो भी लिए और पैसे भी कमा लिए।
फिल्मों में आयटम करने की क्या जरूरत पड गई?
बतौर कलाकार सब कुछ करने का मन करता है। जिन फिल्मों के साथ हम बडे हुए हैं, उनकी नायिकाओं की छवियां अभी तक दिमाग में हैं। नाचना-गाना तो मेरा पैशन है। सबसे बडी बात है कि आपके पास कुछ डांस नंबर हो जाते हैं। उससे स्टेज शो मिलते हैं। लोग मेरी परफॉर्मेंस देखने आते हैं। मुझे मालूम है कि कुछ प्रशंसक नाखुश हुए, लेकिन मुझे भी मजा लेने का हक है न?
क्या माही खुद के साथ रह लेती है?
हां, मुझे एकाकीपन पसंद है। मैं अकेली रह सकती हूं। पहाडी पर किसी मनोरम घाटी के सामने घंटों बैठी रह सकती हूं। खुद के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। कई बार हफ्तों घर से नीचे नहीं उतरती।
पुराने दोस्तों में कोई ईष्र्या करता है?
ईष्र्या करेगा तो दोस्त कैसे रहेगा? मेरे दोस्त मेरे काम से खुश होते हैं। कभी कुछ पसंद नहीं आता तो जम कर आलोचना करते हैं। मैं अपना पक्ष रखती हूं। बहस करती हूं। जल्दी मान जाऊं तो कैसे चलेगा? दोस्त मेरे संबल हैं। उनके काम का प्रचार भी करती हूं। दोस्तों पर गर्व होना चाहिए।
घर के साथ कैसा रिश्ता है?
मैं घर से ज्यादा जुडी नहीं हूं। भाई अमेरिका में है। मां चंडीगढ में रहती हैं। सभी से अच्छे संबंध हैं। वे खुश भी होते हैं, लेकिन दिन-रात का संपर्क नहीं रखती। कोई दुराव नहीं है, लेकिन अतिरिक्तलगाव भी नहीं। मम्मी ने मेरी फिल्में तक नहीं देखी हैं। परिवार के सदस्यों का मेरी लाइफ और करियर में इन्वॉल्वमेंट नहीं रहता। मैंने कभी अपने माता-पिता से पैसों की मदद नहीं ली। मैंने सब कुछ खुद ही अर्जित किया है।
मशहूर होने पर कैसी मुश्किलें बढीं?
बस थोडी सचेत हो गई हूं। बाहर सज-धज कर निकलने की अनिवार्यता से दिक्कत होती है। अगर राह चलते कोई पहचानता है तो अच्छा लगता है। आटोग्राफव फोटोग्राफ देने में मेरा मन लगता है। मशहूर होना सुखद है।
कब महसूस हुआ कि मशहूर हो गई हैं?
देव डी की रिलीज के बाद जनपथ में स्ट्रीट शॉपिंग कर रही थी, वहां पहले एक लडकी ने पहचाना। फिर तो सब जमा हो गए। वे मुझे छूने और पकडने लगे। वहां से मुझे भागना पडा, लेकिन यही बात अच्छी लगी।
इस दरम्यान आशिक प्रशंसकों से भी पाला पडा होगा?
चिट्ठियां और उपहार तो मिलते ही हैं। एक बार तो एक प्रशंसक घर आ गया। यहां आकर रोने लगा। उसने अपनी मां से मेरी बात करवाई। पहले वह दिल्ली में मिला था तो मेरे सामने शेर-ओ-शायरी करने लगा था। बाकी सभी का व्यवहार अच्छा लगता है। मैं अपने प्रशंसकों को पूरी तरजीह देती हूं।
आप अभिनेत्री हैं, पर अकेली लडकी की अपनी समस्याएं भी हो सकती हैं। मुंबई जैसे शहर में टिके रहना आसान नहीं है। कैसे संभव होता है सब कुछ?
दोस्त हैं। वे हर समय मेरी मदद करते हैं। बस, खुद सचेत रहें तो आपसे कोई अनावश्यक लाभ नहीं उठा सकता। दोस्तों और परिवार का समर्थन चाहिए। मैं मुंबई या किसी भी शहर में करियर बनाने आई लडकियों से यही कहूंगी कि कभी हार हो तो सीधे घर लौटें। शर्म या झेंप में कोई गलत राह न चुन लें।
अजय ब्रह्मात्मज