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इंतजार है बड़े अवसर का: अदा शर्मा

फिल्म 1920 से अपने करियर का आगाज करने वाली अदा शर्मा को अपनी पहली ही फिल्म से पहचान मिली और उन्होंने बॉलीवुड में साल 2008 में जोरदार दस्तक दी। इस फिल्म में अदा के किरदार को क्रिटिक्स ने जमकर सराहा। कई जगह तो वे फिल्म के लीड अभिनेता रजनीश दुग्गल पर भी भारी पड़ीं। अदा शर्मा के करियर ग्राफ पर सखी की एक नजर।

By Edited By: Published: Tue, 01 Apr 2014 05:57 PM (IST)Updated: Tue, 01 Apr 2014 05:57 PM (IST)
इंतजार है बड़े अवसर का: अदा शर्मा

विक्रम भट्ट के बैनर तले बनी फिल्म 1920 बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रही थी और इसी वजह से अदा को कई विज्ञापन फिल्में भी मिलीं, जिसमें सबसे पापुलर रही शरमन जोशी के साथ एक मोबाइल कंपनी की विज्ञापन फिल्म। इसके बाद उन्होंने एक इंटरनेशनल ज्यूलरी डिजाइन कंपनी के एक विज्ञापन में आर माधवन के साथ काम किया। इस फिल्म के ऑन एयर होने के बाद अदा के लुक को वैजयंती माला के लुक के आसपास माना जाने लगा।

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मिली सफलता

अदा ने तीन साल कई विज्ञापन फिल्मों में काम किया, लेकिन फिर भी उन्हें किसी बडी फिल्म में काम नहीं मिला। पिछले महीने रिलीज हुई हंसी तो फंसी फिल्म को सफलता मिली, लेकिन उसमें अदा का काम इतना छोटा था कि किसी ने नोटिस तक नहीं किया। हाल ही में अदा ने साउथ इंडस्ट्री का सहारा लिया है और उन्हें बडी सफलता हाथ लगी है। निर्देशक पुरी जगन्नाथ के निर्देशन में बनी तेलुगु फिल्म हार्ट अटैक ब्लॉकबस्टर साबित हो चुकी है। इसमें अदा के अभिनय की सराहना भी हुई। अदा को पुरी ने अपनी अन्य दो फिल्मों के लिए भी साइन कर लिया है। उनके करीबी दोस्तों की मानें तो पुरी अदा के नए गॉडफादर बन चुके हैं। हो सकता है आने वाले दिनों में वह हिंदी फिल्मों से कुछ समय के लिए दूरी भी बनाकर रखें। लेकिन अदा की तरफ से इस बाबत कोई कन्फर्मेशन नहीं आई है।

बडे मौके का इंतजार

बचपन से एक साथ कई काम करने की शौकीन रही अदा ऐक्िटग में नहीं आना चाहती थीं। उनका मन कल्चरल ऐक्टिविटीज में लगता था। केरल के पलक्कड में पैदा हुई अदा के पिता मर्चेंट नेवी में थे और उनकी मां डांसर थी। पिता की नौकरी में ट्रांसफर हुआ करते थे। बाद के सालों में अदा का परिवार मुंबई चला आया था और यहीं पर उनकी पढाई पहले आक्जिलम कान्वेंट स्कूल, फिर मुंबई यूनिवर्सिटी से हुई। घर में मां की वजह से नृत्य का माहौल प्रारंभ से ही था। इसी वजह से अदा ने नृत्य की पढाई प्रारंभ से ही की है। कथक वे आज भी सीख रही हैं। बकौल अदा, मैं उस दिन के इंतजार में हूं जब मुझे बडे कैनवस पर अपनी नृत्य प्रतिभा को दिखाने का मौका मिले। अदा कहती हैं कि कई बार एक प्लैटफॉर्म मिलने के बाद भी आपको बडे मौके का इंतजार रहता है।

संघर्ष से मिलती है प्रेरणा

मेरा 1920 के पहले का संघर्ष हमेशा जीवन में आगे बढने की प्रेरणा देता है। मुझे याद है कि अपना पोर्टफोलियो लेकर मैं कितने प्रोडक्शन हाउसेज के चक्कर लगाती थी, तब जाकर कहीं मुझे 1920 मिली थी, लेकिन उन दिनों का भी अपना एक महत्व होता है जब आप जीवन में कुछ करने के चक्कर में सडक के चक्कर लगाते हैं।

दुर्गेश सिंह


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