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यात्रा का रोमांच रहे बरकरार

नए वर्ष का शुभारंभ लोग यात्राओं से करते हैं। कई बार लंबी हवाई यात्राओं के दौरान जेट लेग जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। दिनचर्या और खानपान को संयमित रखा जाए तो इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है।

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 02:20 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 02:20 PM (IST)
यात्रा का रोमांच रहे बरकरार
नए साल की शुरुआत अच्छी हो, इसके लिए रोमांचक यात्रा से बेहतर क्या हो सकता है! अमूमन लोग लंबी और अलग-अलग टाइम वाली यात्राओं से घबराते हैं क्योंकि इससे उनकी सेहत बिगडऩे लगती है। नई जगह पर पहुंचने तक थकान, बेचैनी, अपच जैसी इतनी शिकायतें हो जाती हैं कि यात्रा का मजा किरकिरा हो जाता है। खासतौर पर लंबी हवाई यात्राओं के बाद ऐसा होता है। इसे जेट लेग कहा जाता है। जेट लेग और समस्याएं जब व्यक्ति अलग-अलग टाइम जोंस को पार कर किसी नई जगह पहुंचता है तो उसकी बॉडी क्लॉक गडबड हो जाती है। इसी को जेट लेग कहते हैं। दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में रेस्पिरेटरी मेडिसिन और स्लीप डिसॉर्डर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राकेश के. चावला बताते हैं, इस समस्या को जेट लेग डिसॉर्डर भी कहा जाता है। इसमें सोने-जागने का चक्र बिगड जाता है। बॉडी क्लॉक (जिसे सिरकैडियन रिदम कहा जाता है) बिगडऩे से भूख, शरीर का तापमान, ब्लड प्रेशर, ब्लैडर और बॉवेल हैबिट्स पर असर होता है। यह इंटर्नल क्लॉक ही शरीर को संकेत देती है कि कब जागना या सोना है। यह नई जगह के बजाय उस जगह के हिसाब से चल रही होती है, जहां से आप चले थे। नई जगह के समय, तापमान और जलवायु के हिसाब से शरीर को ढलने में कुछ दिन लग जाते हैं। जेट लेग के आम लक्षण हैं- इनसोम्निया या स्लीपिंग डिसॉर्डर, दिन में सोना, मूड स्विंग होना या चिडचिडाना, एकाग्रता में कमी, अपच, कब्ज या डायरिया। शरीर की इंटर्नल क्लॉक के गडबड होने के अलावा सूर्य की रोशनी कम होने, फ्लाइट के भीतर के वातावरण की वजह से भी ऐसा हो सकता है। सेहत का सीधा संबंध खानपान की आदतों से होता है। यात्रा के दौरान चटपटी, नमकीन, ऑयली चीजें खाने का मन तो करता है लेकिन जीभ को भाने वाले ये स्वाद आगे समस्याएं पैदा कर देते हैं। एक्सपट्र्स का मानना है, फ्लाइट में ही नहीं, टेक ऑफ से पहले भी खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। यात्रा से एक दिन पहले जेट लेग से बचने के लिए यात्रा से एक-दो दिन पहले से अपनी डाइट का ध्यान रखें। ब्रेकफस्ट क्या खाएं : घर में जमाया गया दही, साबुत अनाज, संतरे, तरबूज, पपीता जैसे फल। क्या न खाएं : नाश्ता हलका करें, ऐसी चीजें न खाएं, जिनसे गैस या अपच हो। तले-भुने चिप्स या फ्राइड खाने से बचें। ट्राई करें : प्रोबायोटिक योगर्ट, विटमिन सी युक्त रसीले फल लें, सुबह गुनगुने पानी में नींबू डालकर पिएं। फ्लाइट के दौरान विटमिंस और फाइबर्स की पर्याप्त मात्रा लें क्योंकि एयरपोर्ट पर कई तरह के बैक्टीरियल इन्फेक्शंस का खतरा रहता है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल खाएं ताकि डिहाइड्रेशन न हो लेकिन फल इतना भी न खाएं कि शुगर स्तर बढ जाए। प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ ले सकते हैं। लंच क्या खाएं : लीन प्रोटीन जैसे स्किनलेस चिकेन ब्रेस्ट या फिश, दो चपाती या उबले अंडे। वेजटेरियन लोग एक बोल मिक्स दाल, मिक्स वेज, एक बोल सैलेड, 100 ग्राम दही और दो चपाती ले सकते हैं। क्या न खाएं : सॉल्टेड नट्स, अंकुरित अनाज या देर से पचने वाले प्रोटींस। ट्राई करें : वेज या एग सैलेड, ब्राउन ब्रेड सैंडविच लेकिन इसमें एक्स्ट्रा मेयोनीज या सॉसेज से बचें। अंडों में प्रोटीन के अलावा मिनरल्स, फैट और विटमिंस की भरपूर मात्रा होती है। फ्लाइट के दौरान स्किन ड्राई होने लगती है, जिसके लिए अंडा (खासतौर पर इसका योक) फायदेमंद है। डायबिटीज या कोलेस्ट्रॉल समस्या वाले लोग इसे न खाएं। डिनर क्या खाएं : ग्रिल्ड चिकेन डिनर के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है लेकिन दाल या चावल से अगली सुबह असुविधा हो सकती है। कार्ब कम और सैलेड ज्य़ादा लें। डिनर लाइट करें। स्टीम्ड या बेक्ड लीन मीट्स, फिश के अलावा कलरफुल सब्जियां खाएं। क्या न खाएं : फैटी या प्रोसेस्ड चीजों जैसे व्हाइट ब्रेड, राइस, पास्ता, नूडल्स न खाएं। ट्राई करें : नींबू या लाइम चिकेन, सही टेंपरेचर पर उबली कम नमक वाली सब्जियां। यात्रा के दौरान थोडी-थोडी देर में खाएं लेकिन पोर्शन का ध्यान रखें। फ्लाइट में डिनर का विकल्प है तो हेल्दी सैलेड्स चुनें। हरी पत्तेदार सब्जियों में विटमिंस खूब होते हैं, जिससे स्किन की समस्याएं दूर होती हैं। पालक, मूली, लैट्यूस का सेवन करें। इसे फाइबर, मैग्नीशियम, ओमेगा फैटी एसिड्स और बायोटिनयुक्त बनाना चाहते हैं तो इनमें थोडा एवोकैडो मिलाएं। इससे ड्राई स्किन जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी। सैलेड को क्रीमी टेक्सचर देने के बजाय इसमें विनेगर मिलाएं। चीज या मेयोनीज का सेवन न करें, इससे लंबी फ्लाइट में ब्लोटिंग से बच सकेंगे। स्नैक्स और ड्रिंक्स क्या लें : फ्रूट जूस, सूप, हर्बल टी और सिंपल पानी। उबले अंडे, नट्स, फ्रूट्स आदि। क्या न लें : फि ड्रिंक्स, शुगरी स्नैक्स। ट्राई करें : सूप में ताजी हरी पत्तेदार सब्जियां मिलाएं और इसमें नमक की मात्रा कम रखें। पेपरमिंट या केमोमाइल चाय पी सकते हैं। फ्लाइट के दौरान कैफीन-फ्री ड्रिंक्स लें। शुगर लेवल कम लग रहा हो तो नारियल पानी ले सकते हैं, फ्लेवर्ड मिल्क या ड्रिंक्स न लें। स्नैक्स में बादाम, अखरोट या पिस्ता ले सकते हैं लेकिन सॉल्टी मूंगफली या काजू से बचें। इंदिरा राठौर नहीं होगा फायदा लंबी यात्राओं से पहले कई लोग स्लीपिंग टैब्लेट्स लेते हैं। एक्सपट्र्स का मानना है कि इनसे नींद तो आ जाती है लेकिन इनके ज्य़ादा सेवन से डीप वेन थ्रोंबोसिस (डीवीटी) जैसी समस्या हो सकती है, खासतौर पर यदि आप इकोनॉमी या प्रीमियम इकोनॉमी सीट्स पर हैं। अकसर यात्राएं करते हैं तो ऐसी दवाओं की लत पड सकती है। फ्लाइट में देर तक मूवी या टीवी देखना भी नुकसान पहुंचा सकता है। इससे मेलेटोनिन लेवल कम हो सकता है, जिससे अनिद्रा की समस्या हो सकती है सखी की सलाह यात्रा छोटी है तो अपने रूटीन को बिगडऩे से बचाएं। अपने ही समय पर खाएं या सोएं। लंबी यात्रा से एक हफ्ते पहले से दिन में हलकी झपकी लें, सोने-जागने के क्रम में बदलाव करें, ताकि नई जगह जाकर परेशानी न हो। यात्रा के तीन दिन पहले से शरीर की इंटर्नल क्लॉक को रीसेट करना शुरू करें। जहां जाना है, वहां के समय के अनुसार अपने सोने-जागने के क्रम को एक-दो घंटे आगे-पीछे करें। फ्लाइट में बैठते ही नई जगह के हिसाब से घडी मिला लें और उसी समय के अनुसार खाएं या सोएं। एयरपोर्ट पर वॉक करें, हवा में जाएं। नई जगह जाकर थकान महसूस हो तो 30 मिनट तक झपकी ले सकते हैं। इसके लिए अलार्म सेट कर लें।

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