योग से करें तनाव दूर
रोज़ाना की भागदौड़ और काम के बीच उलझी जि़ंदगी में तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह है। खुद को स्ट्रेस फ्री रखना चाहते हैं तो दिन में केवल 10 मिनट खुद को दें।
सखी से जानें, कुछ ऐसे आसान योगासनों के बारे में, जो आपको रखेंगे तनाव से दूर। रोज की व्यस्त जीवनशैली में घर व बाहर की जिम्मेदारियां संभालते हुए व्यक्ति कई बार तनावग्रस्त हो जाता है। सोने-जागने या खाने का कोई समय निश्चित नहीं होता। मन और शरीर दोनों की थकान उसे परेशान कर देती है। इस समस्या से बचने का एक ही उपाय है और वह है- योग। योग से मिलती है एक नई ऊर्जा और स्फूर्ति। यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर हर तरह के दबाव को दूर करने में सहायक है।
इंफर्टिलिटी और तनाव हाल में हुए एक सर्वे के अनुसार तनावग्रस्त स्त्रियों में से लगभग 40 फीसदी को इंफर्टिलिटी जैसी समस्या से जूझना पडता है। हालांकि अभी तक इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि केवल तनाव के कारण ही ऐसी समस्या होती है। इस मुद्दे पर कई एक्सपट्र्स ने अपने तर्क दिए हैं। ज्यादातर का मानना है कि तनाव से इंफर्टिलिटी की समस्या बढती है। कुछ मानते हैं कि बदलती लाइफस्टाइल इंफर्टिलिटी का कारण है। कारण जो भी हो मगर सच यह है कि व्यस्त लाइफस्टाइल में तनाव होना स्वाभाविक है।
तनाव का शरीर पर प्रभाव आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, स्त्री हो या पुरुष, चिंतित रहने से हॉर्मोंस असंतुलित होने लगते हैं। शरीर में एक तरह का केमिकल ट्रांस्मीटर होता है, जो सेरोटोनिन व डोपामाइन जैसे हॉर्मोंस से मिलकर दिमाग को संतुलित रखने का काम करता है। तनाव से स्त्रियों में अनियमित रक्तस्राव, पीरियड्स के दौरान थकान, पेट दर्द जैसी शिकायतें हो जाती हैं और ब्रेन से रिलीज होने वाले हॉर्मोंस का सीधा असर शरीर पर पडता है। सारी समस्याओं का एक हल है- योग, जिसे दिनचर्या में शामिल करने से न सिर्फ काम करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिलती है बल्कि सेहत भी अच्छी रहती है। इसलिए खुद के लिए 10 मिनट निकालें और हो जाएं स्ट्रेस फ्री। सखी से जानें, कुछ योगासनों के बारे में, जो तनावमुक्त रखने में कारगर हैं।
-इस प्राणायाम को करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं। इसे किसी भी आसन में बैठकर किया जा सकता है। अपनी जीभ को बाहर की तरफ निकाल कर एक नली (पाइप) के समान बना लें। अब इसी से सांस लें और मुंह में हवा भरें। अब जीभ को अंदर की तरफ करें और मुंह बंद कर लें। इसके बाद अपनी गर्दन को आगे की ओर झुकाकर जबडे के अगले भाग को छाती से लगाएं और थोडी देर के लिए सांस रोककर रखें। अब वापस लौटते हुए अपनी गर्दन को सीधा करें और नाक के रास्ते हवा बाहर निकाल दें। इस प्रक्रिया को आप अपनी क्षमतानुसार 30-40 बार तक भी कर सकते हैं। योग की इस क्रिया को सर्दियों के बजाय गर्मियों में करना बेहतर होता है।
-दोनों हाथों को जोड कर प्रार्थना की मुद्रा में पीठ या छाती के बीचों बीच रखें। यह मुद्रा दिल के दोनों कोनों के बीच का संतुलन बनाकर रखती है, जो तनाव दूर करने में मददगार है।
-पद्मासन या आलती-पालथी मारकर ओम की मुद्रा में बैठें। 60 सेकेंड के लिए सांस खींचें और छोडें। अपना पूरा ध्यान इसी पर क्रेंदित करें। ऐसा करने से मन और दिमाग दोनों को शांति मिलती है और घबराहट व थकावट दूर हो जाती है।
-घुटनों और हथेलियों के बल बैठ जाएं, जैसा तसवीर में दर्शाया गया है। ध्यान रखें कि कंधे व हाथ एकदम सीधे हों। इससे दिमाग के साथ पूरे शरीर को फायदा मिलता है। इसके अलावा आप दिन भर की थकान को भूलकर निश्चिंत होकर बैठ सकते हैं।
-अनिद्रा या इनसोम्निया जैसी समस्या में यह आसन बेहद कारगर है। सीधे खडे हो जाएं और आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों के अंगूठे को पकडऩे की कोशिश करें। अपने कूल्हों को एडिय़ों की सीध में पीछे की ओर रखें। अपने सिर को आगे की तरफ थोडा झुका कर रखें ताकि शरीर को थकान से उबरने में मदद मिले।
-इस आसन को करने के लिए सबसे पहले घुटने के बल बैठ कर हाथों को आगे की ओर फैलाएं। ऐसा करते समय शरीर को आगे की तरफ झुका लें, जैसा कि इस सवीर में दिखाया गया है। सिर को जमीन से छूने की कोशिश करें।
-आराम से जमीन पर लेटकर चेहरा बिलकुल सीधा करें। आंखें छत की तरफ हों। अपने दोनों हाथ शरीर की सीध में बिलकुल सीधे रखें। हथेलियां खुली और ऊपर की ओर हों। इस मुद्रा में 5 मिनट तक रहें। इसे व्यायाम या योग करने के बाद किया जा सकता है। इससे शरीर रिलैक्स होता है और थकान दूर होती है।
-सिर के बल खडे हो जाएं और शरीर का पूरा भार गर्दन या सिर पर डालने के बजाय कंधों और हाथों पर डालें। इससे शरीर में खून का बहाव उलट जाता है, जिससे तनाव दूर होता है। ध्यान दें : योग मुद्राएं बिना एक्सपर्ट की मदद के न करें। कोई शारीरिक समस्या हो तो पहले डॉक्टर की सलाह लें।