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उलझनेंसखीकी

प्रचलित धारणा : पति-पत्नी के मामले में किसी को भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। एक्सपर्ट की राय : यह बात केवल मामूली नोक-झोंक के संदर्भ में लागू होती है। अगर झगड़े की वजह से किसी करीबी व्यक्ति की शादी टूटने के कगार पर पहुंच जाए तो परिवार के सभी सदस्यों और दोस्तों की कोशिश यही होनी चाहिए कि वे उन दोनों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में समझाएं। शुरुआती दौर में ऐसे मामलों को आसानी से सुलझाया जा सकता है।

By Edited By: Published: Sun, 20 Nov 2016 02:14 PM (IST)Updated: Sun, 20 Nov 2016 02:14 PM (IST)
उलझनेंसखीकी
मैं 21 वर्षीय इंजीनियरिंग स्टूडेंट हूं। अपने एक बैचमेट से मेरी अच्छी दोस्ती थी पर पिछले कुछ दिनों से मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि वह इस दोस्ती के बहाने मेरे और करीब आना चाहता है जबकि मैं उसे सिर्फ अच्छा दोस्त मानती हूं। पहले जब वह दोस्तों के ग्रुप में आउटिंग और पिकनिक के लिए जाता था तो मैं भी उसके साथ होती थी पर अब वह अकसर मुझसे अकेले में मिलने की कोशिश करता है। अगर मना करती हूं तो नाराज हो जाता है। मैं समझ नहीं पा रही कि उससे कैसे पीछा छुडाऊं? एम. जे., देहरादून सबसे पहले आप अपने माता-पिता को इस पूरे मामले की सही जानकारी दें। आपको उस लडके से स्पष्ट रूप से बात करनी चाहिए कि आप उसे सिर्फ अच्छा दोस्त मानती हैं। आपके दिल में उसके लिए प्रेम जैसी कोई भावना नहीं है। इसलिए उसे भी इस रिश्ते की मर्यादा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। आप उसे यह भी समझा दें कि पढाई आपकी पहली प्राथमिकता है। अगर इस दोस्ती की वजह से पढाई में कोई बाधा पहुंचती है तो ऐसी दोस्ती से आप दोनों का ही नुकसान होगा। इसके बाद आप धीरे-धीरे उससे मिलना-जुलना और बातचीत बंद कर दें। अगर कभी वह आपसे अकेले मिलने की जिद करे तो आप किसी जरूरी काम का बहाना बना कर टाल दें। बेहतर यही होगा कि फिलहाल कुछ महीनों तक आप अपने दूसरे दोस्तों के साथ भी आउटिंग और पिकनिक पर जाना बंद कर दें। वक्त बीतने के साथ जब उसे इस बात का एहसास हो जाएगा कि आप इस रिश्ते को आगे बढाने की इच्छुक नहीं है तो वह खुद ही आपके रास्ते से हट जाएगा। मैं 61 वर्षीय होममेकर हूं। बेटे की शादी को दस साल हो चुके हैं और उसके दो बच्चे भी हैं। शादी के कुछ ही महीने बाद वह दूसरे फ्लैट में शिफ्ट हो गया था। हालांकि उसने अपनी मर्जी से प्रेम-विवाह किया था, फिर भी हमारे परिवार ने बहू को खुले दिल से अपना लिया। अब तक सब कुछ ठीक चल रहा था पर पिछले एक साल से मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि बेटे-बहू के आपसी संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। मैंने कई बार उनसे वजह जानने की कोशिश की तो दोनों बडी सफाई से टाल गए। जब भी मैं उनके घर जाती हूं तो बच्चे उदास और सहमे से नजर आते हैं। मैं बहुत चिंतित हूं और चाहकर भी उनकी कोई मदद नहीं कर पा रही। इस समस्या का क्या समाधान हो सकता है? सी. के., मुंबई आप अपने बेटे को किसी भी बहाने से अपने घर पर बुलाएं और उससे इस बारे में बिलकुल साफ-साफ बात करें। अभी उसे आपकी मदद की सख्त जरूरत है। हो सकता है कि पहली बार में वह अपनी समस्या के बारे में आपसे कोई बात न कर पाए। फिर भी आप अपनी कोशिश जारी रखें। ध्यान रहे कि पूरी बातचीत के दौरान बहू के बारे में कोई नकारात्मक टीका-टिप्पणी न हो। इस स्थिति के लिए अनजाने में भी बेटे को दोषी न ठहराएं। हो सकता है कि उसने अपने अनुकूल जीवनसाथी का चुनाव न किया हो। फिर भी आप उसे उसकी गलती का एहसास न दिलाएं। आप अपने बेटे के घर पर नियमित रूप से जाना शुरू कर दें। कभी-कभी किसी वीकेंड पर आप उन्हीं के यहां रुक जाएं। उनके बच्चों के साथ ज्य़ादा से ज्य़ादा वक्त बिताने की कोशिश करें और उन्हें अपने साथ पार्क में घुमाने के लिए ले जाएं। कई बार बच्चे अपने आप ही सच्चाई बता देते हैं पर आप उनसे इस बारे में कोई सवाल न पूछें। ऐसी तमाम कोशिशों के बावजूद अगर सच्चाई मालूम न हो तो आप किसी मैरिज काउंसलर की भी मदद ले सकती हैं। अकसर ऐसी समस्याएं आपसी बातचीत से ही सुलझ जाती हैं। मैं 28 वर्षीय विवाहिता हूं। मेरे अविवाहित देवर हमारे साथ रहते हैं। जल्द ही उनकी शादी होने वाली है। वैसे तो हमारे सास-ससुर गांव में रहते हैं पर उनका कहना है कि शादी के बाद नई बहू को हमारे साथ ही रहना चाहिए। मैं उनकी इस बात से सहमत नहीं हूं क्योंकि हमारा फ्लैट बहुत छोटा है और हमेशा साथ रहने से संबंध खराब होने की आशंका रहती है पर मैं उन्हें मना करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हूं। मुझे डर है कि कहीं मेरे इंकार से परिवार के सभी सदस्य नाराज न हो जाएं। ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए? आर. पी., दिल्ली ऐसे रिश्ते बडे नाजुक होते हैं और इन्हें बहुत धैर्य के साथ संभालने की जरूरत होती है। अन्यथा छोटी-छोटी बातें भी मतभेद का कारण बन सकती हैं। शादी के बाद शिष्टाचार के नाते आप अपने देवर-देवरानी को दो-चार महीने तक अपने साथ ही रहने दें। वैसे, आपका यह अंदेशा गलत नहीं है। जगह की कमी और हमेशा साथ रहने की वजह से देवर-देवरानी के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं। इस मुद्दे पर अपने पति से बातचीत करें और उनसे कहें कि वह खुद ही अपने माता-पिता और भाई से इस बारे में बात करें क्योंकि आपके बोलने से सास-ससुर के साथ रिश्ते बिगड सकते हैं। जैसा कि आपने बताया है कि आपका फ्लैट बहुत छोटा है, अगर आपके देवर समझदार होंगे तो वह खुद ही अलग रहने का प्रबंध कर लेंगे। आप इस बात का भी ध्यान रखें कि घर में नई बहू आने वाली है और उसके साथ बेहतर संबंध बनाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

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