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सेहत और स्‍वाद का साथ

नमक के बिना स्वादिष्ट खाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती और यह केवल ज़ायके के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद ज़रूरी है पर इसकी अधिकता कई गंभीर बीमारियों का सबब बन सकती है।

By Edited By: Published: Tue, 27 Dec 2016 06:50 PM (IST)Updated: Tue, 27 Dec 2016 06:50 PM (IST)
सेहत और स्‍वाद का साथ
एक छोटी सी कहानी है। एक राजा ने अपनी तीन राजकुमारियों से पूछा कि वे उससे कितना प्यार करती हैं? एक ने कहा आपके खजाने में रखे हीरे-जवाहरात से भी ज्यादा, दूसरी ने कहा आसमान में चमकते सितारों के बराबर और सबसे छोटी राजकुमारी ने कहा, खाने में नमक जितना। यह सुनकर राजा क्रोधित हो गया। उसे ऐसा लगा कि नमक जैसी मामूली चीज से अपने प्यार की तुलना करके राजकुमारी उसकी तौहीन कर रही है। उसने गुस्से में छोटी राजकुमारी को एक दिन के लिए अंधेरे कमरे में बंद कर दिया। सजा खत्म होने के बाद राजकुमारी ने अपने पिता से आग्रह किया कि आज आप मेरे हाथों से बना भोजन ग्रहण करें। राजा उसकी बात मान गए। राजकुमारी ने कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर राजा के सामने परोस दिए लेकिन पहला निवाला मुंह में डालते ही वह गुस्से में चिल्ला पडा, 'कैसा बेस्वाद खाना बनाया है। इसमें तो नमक है ही नहीं।' यह सुनकर सामने खडी राजकुमारी मुस्कुराने लगी। उसे देखकर राजा को अपनी भूल का एहसास हो गया और उसने राजकुमारी को गले से लगा लिया। कहने का तात्पर्य यह है कि नमक हमारे भोजन ही नहीं, बल्कि जीवन का भी जरूरी हिस्सा है। अति सर्वत्र वर्जयेत यह सच है कि नमक हमारे लिए बहुत जरूरी है पर इसकी अधिकता कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देती है। नमक यानी सोडियम क्लोराइड एक तरह का मिनरल है। किसी भी मिनरल की अधिक मात्रा शरीर के सामान्य क्रियाकलाप में बाधा पहुंचाती है। इसके अधिक सेवन से हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा शरीर में सोडियम की अधिकता से स्टमक कैंसर, एस्थमा और किडनी से जुडी बीमारियों का खतरा भी बढ जाता है। इसलिए हमें हमेशा संतुलित मात्रा में नमक का सेवन करना चाहिए। इसे लेकर लोगों में यह धारणा प्रचलित है कि यह हमारे खाने को स्वादिष्ट बनाता है पर खाने में नमक डालते समय हमें अपने परिवार की सेहत के बारे में भी सोचना चाहिए। दरअसल खाने की सभी वस्तुओं में सीमित मात्रा में सोडियम क्लोराइड मौजूद होता है पर हमें इसका अंदाजा नहीं होता। इस समस्या से बचने के लिए कुकिंग के दौरान आप अपने खाने में सिर्फ उतना ही नमक डालें, जिससे उसका स्वाद हलका नमकीन लगे। क्यों जरूरी है नमक शरीर में पानी की मात्रा को नियंत्रित रखने के लिए हमें सोडियम की जरूरत होती है और नमक इसका प्रमुख स्रोत है। दिमाग से शरीर के अन्य अंगों तक सूचनाओं के आदान-प्रदान में सोडियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। साथ ही मांसपेशियों की सक्रियता बरकरार रखने में भी सोडियम बहुत मददगार होता है। चूंकि, यह सभी पदार्थों को तेजी से अपनी ओर खींचता है, इसलिए इसकी अधिकता से शरीर में पानी की मात्रा बढ जाती है, जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होती है। ज्यादा पसीना निकलने या डायरिया होने पर भी शरीर में नमक की मात्रा कम हो जाती है, जो लो ब्लडप्रेशर का प्रमुख कारण है। कुछ विशेष स्थितियों में सोडियम की मात्रा बहुत कम हो जाती है, जिसे हाइपोनेट्रिमिया कहा जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज को नमक का घोल पिलाने या सोडियम का कैप्सूल देने की भी जरूरत पडती है। कई बार व्यक्ति का शरीर इतना शिथिल हो जाता है कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पडता है, जहां उसे ड्रिप के जरिये सोडियम की खुराक दी जाती है। कितनी हो नमक की मात्रा हाई ब्लडप्रेशर होने पर कुछ लोग पूरी तरह नमक खाना बंद कर देते हैं। यह जानलेवा साबित हो सकता है। बेहतर यही होगा कि अचानक नमक का सेवन बंद करने के बजाय आप अपनी डाइट में धीरे-धीरे इसकी मात्रा कम करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि सभी नुकसानदेह तत्व यूरिन के जरिये बाहर निकल जाएं। आमतौर पर शरीर में मौजूद अतिरिक्त सोडियम और पोटैशियम यूरिन के जरिये बाहर निकल जाता है लेकिन किडनी की समस्या होने पर इस कार्य में बाधा पहुंचती है। जिन्हें किडनी से जुडी बीमारियां हैं, उन्हें ज्य़ादा सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि उन्हें शरीर से अतिरिक्त मिनरल्स बाहर निकालने में परेशानी होती है। सोडियम-पोटैशियम दोनों ही शरीर के लिए जरूरी हैं और ये एक-दूसरे की मात्रा को संतुलित रखने का काम करते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना नमक के बहुत कम या ज्य़ादा सेवन से मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड सकता है। दरअसल रोजमर्रा के सामान्य भोजन में मौजूद नमक हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं होता लेकिन डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक मात्रा में नमक होता है, जिसका हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर पडता है। आमतौर पर ऐसी चीजों के पैकेट पर लिखी सामग्रियों के विवरण में नमक नहीं बल्कि सोडियम क्लोराइड लिखा होता है, जो नमक के प्रमुख तत्वों में से एक है। इसलिए किसी भी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ में नमक की सही मात्रा का पता लगाने के लिए वहां अंकित सोडियम क्लोराइड की मात्रा में 2.5 से गुणा कर दें। मसलन, अगर किसी डिब्बे या पैकेट पर सोडियम क्लोराइड की मात्रा 1 ग्राम लिखी गई है तो इसका मतलब यह हुआ कि उसमें नमक की मात्रा 2.5 ग्राम है। हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन द्वारा एक व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 10 से 12 ग्राम यानी एक टीस्पून नमक का सेवन करने की सलाह दी जाती है पर सच्चाई यह है कि हम में से ज्य़ादातर लोग अपने रोजाना के भोजन में इससे तीन गुना अधिक मात्रा में नमक का सेवन करते हैं, जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है लेकिन लो ब्लडप्रेशर के मरीजों, गर्म या उमस भरे वातावरण में काम करने वाले लोगों और खिलाडिय़ों को अपनी डाइट में नमक की मात्रा बढानी चाहिए क्योंकि पसीने के माध्यम से उनके शरीर में मौजूद सोडियम तेजी से बाहर निकल जाता है। यह भी है नुकसानदेह हालांकि, जो लोग ज्य़ादा नमक खाने की आदत को नियंत्रित नहीं कर पाते वे लो-सोडियम सॉल्ट का सेवन करते हैं। इसका स्वाद सामान्य नमक जैसा ही होता है पर इसमें सोडियम क्लोराइड की अधिकांश मात्रा को पोटैशियम सॉल्ट से बदल दिया जाता है। दिल और किडनी की सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पडता है। जहां तक संभव हो, इसके सेवन से बचें। खाने की चीजों को जल्दी पकाने के लिए अकसर लोग मीठा सोडा यानी सोडियम बाइ कार्बोनेट का इस्तेमाल करते हैं, जो हमारे पाचन-तंत्र को कमजोर बना देता है। इसके अलावा व्रत के दौरान अकसर लोग सामान्य नमक के बजाय सेंधा नमक का सेवन करते हैं पर इसमें आयोडीन नहीं होता। आयोडीन हमारे शरीर और मस्तिष्क के लिए एक ऐसा अति आवश्यक तत्व है, जो केवल नमक में ही पाया जाता है। इसलिए हमेशा किसी विश्वसनीय कंपनी का आयोडीन युक्त नमक खरीदें। अगर आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो अधिक या कम नमक की वजह से होने वाली कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचे रहेंगे। -जहां तक संभव हो, जंक फूड के सेवन से बचें। -खाने को जायकेदार बनाने के लिए उसमें थोडे से नमक के साथ हरा धनिया, पुदीना और नींबू का इस्तेमाल करें। -पालक-मेथी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में नैचरल सॉल्ट होता है। इसलिए बिना नमक के पकाने पर भी इनका स्वाद बरकरार रहता है। -सेंधा /काला नमक और चाट मसाला का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें। -अपनी डाइट मेें फलों और सब्जियों को भरपूर मात्रा में शामिल करें। -होटल या रेस्तरां में खाते वक्त सूप और चाइनीज फूड का ऑर्डर देने से बचें क्योंकि इनमें बहुत ज्य़ादा नमक होता है। -ज्य़ादा ग्रेवी वाली सब्जियों या नॉनवेज के सेवन से दूर रहें। -डाइनिंग टेबल पर नमक न रखें। -सोया या पिज्जा सॉस, चाट मसाला और सैलेड ड्रेसिंग जैसी चीजों में पहले से नमक होता है। अगर कुकिंग के दौरान इन चीजों का इस्तेमाल करती हैं तो अपनी डिश में अलग से नमक न डालें। सखी फीचर्स इनपुट्स : डॉ. स्वप्ना चतुर्वेदी, डिपार्टमेंट ऑफ डाइटिटिक्स, एम्स, दिल्ली

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