Move to Jagran APP

बाधाएं कम नही थी पर लगान बन गई

फिल्म लगान को आए दस साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी यह किसी क्लासिक मूवी जितनी ही ताजातरीन लगती है। फिल्म बनने में बाधाएं बहुत आई। किसी को स्क्रिप्ट पसंद नहीं आई तो कोई इसके कंसेप्ट पर असहमत दिखा। आखिरकार किसी तरह आशुतोष गोवारीकर ने आमिर खान को फिल्म बनाने के लिए तैयार कर लिया। फिल्म को बनाने में और क्या-क्या परेशानियां हुई, जानिए अजय ब्रह्मात्मज से।

By Edited By: Published: Tue, 26 Jun 2012 02:41 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2012 02:41 PM (IST)
बाधाएं कम नही थी पर लगान बन गई

हिंदी फिल्मों के इतिहास में लगान एक विभाजक फिल्म है। इसके साथ शुरू हुए बदलाव के परिणाम अब सामने आ रहे हैं। अराजक फिल्म इंडस्ट्री काफी हद तक अनुशासित, नियमित व व्यवस्थित हो चुकी है। बडे फिल्म स्टार असुरक्षा में चार-पांच फिल्में साथ नहीं करते। ज्यादातर फिल्में एक समयावधि में बनने लगी हैं। ऑस्कर के लिए नामांकित लगान ने 21वीं सदी की हिंदी फिल्मों के विकास की राह प्रशस्त की। यह मील का पत्थर बन चुकी है।

loksabha election banner

निर्देशक आशुतोष गोवारीकर व आमिर खान की दोस्ती बचपन की है। दो फ्लॉप फिल्में देने के बाद आशुतोष ने कुछ नया करने के लिए लगान लिखी। के. आसिफ, महबूब खान और गुरुदत्त जैसे सभी फिल्मकारों ने प्रचलित फॉम्र्युले से निकल कर अपने समय के सिनेमा को प्रभावित किया था। आशुतोष ने सोचा कि लगान विफल रही तो भी उन्हें संतोष होगा कि उन्होंने अपने मन की फिल्म बनाई।

आमिर खान को पसंद न आई फिल्म

आशुतोष ने फिल्म का आइडिया आमिर खान से शेयर किया तो उन्होंने तुरंत ना करते हुए कहा कि ब्रिटिश राज, क्रिकेट और लगान जैसी चीजें किसे पसंद आएंगी? इस इंकार को आशुतोष ने चुनौती की तरह लिया। उन्होंने सारे काम छोड कर स्क्रिप्ट लिखी। स्क्रिप्ट पूरी होने के बाद वे फिर आमिर के पास गए। आमिर हंसे, लेकिन स्क्रिप्ट सुन ली। फिर आशंका जाहिर की कि क्या कोई निर्माता फिल्म निर्माण के लिए तैयार होगा? उन्हें यह प्रयोग महंगा लग रहा था। उन्होंने आशुतोष को सलाह दी कि अलग-अलग निर्माताओं को स्क्रिप्ट सुनाएं और उन्हें यह न बताएं कि आमिर खान इसमें काम कर रहे हैं। अगर कोई प्रोड्यूसर पैसा लगाने को तैयार होता है, तभी उसे बताएं कि फिल्म में आमिर भी हैं। दो फिल्मों के विफल डायरेक्टर, प्रचलित ढर्रे की फिल्म नहीं, स्टार अभिनेता नहीं तो कौन तैयार होता पैसा लगाने को! आशुतोष ने आमिर को यह बात बताई तो उन्होंने कहा, किसी स्टार को राजी करके देखो। साल भर आशुतोष स्टारों और निर्माताओं के चक्कर लगाते रहे। आखिरकार आमिर ने फैसला लिया कि फिल्म वही बनाएंगे। आमिर की हां का मतलब है कि फिल्म पूरी होगी।

फ‌र्स्ट ए.डी. का कंसेप्ट

लगान में आमिर की भूतपूर्व पत्नी रीना दत्त का बडा योगदान है। आमिर ऐक्टिंग व क्रिएटिव पहलुओं पर ज्यादा ध्यान देने के कारण निर्माण पर ध्यान नहीं दे सकते थे। उन्हें ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो भरोसेमंद हो और प्रोडक्शन की जिम्मेदारियां संभाल ले। रीना ने चुनौती स्वीकार की। यह आमिर के प्रोडक्शन की पहली फिल्म थी। उन्होंने सभी विभागों के लिए उम्दा तकनीशियन चुने। उन्हें पता था कि उनके नाम के कारण ही लोग इससे जुड रहे हैं। फिर भी उन्होंने सभी विभागों के हेड को स्पष्ट कर दिया कि सभी को आशुतोष का नेतृत्व मानना होगा, क्योंकि वही निर्देशक हैं।

लगान के साथ फ‌र्स्ट असिस्टेंट डायरेक्टर का कंसेप्ट हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आया। फ‌र्स्ट एडी के रूप में अमेरिका से अपूर्व लाखिया आए। सिंक साउंड में शूट करने के आमिर के फैसले से सब भौचक्के थे। आउटडोर में इसकी शूटिंग कैसे होगी? आशुतोष को डर था कि चूंकि कैमरे व साउंड के लिहाज से हर सीन ओके करना पडेगा, इसलिए शूटिंग लंबी खिंच सकती है। आमिर ने इसके लिए हरी झंडी दे दी। जावेद अख्तर से गीत लिखने को कहा तो उन्होंने कहा, स्क्रिप्ट में मुझे कई दिक्कतें दिख रही हैं। यदि हिंदी फिल्मों की अनावश्यक चीजों की सूची बनाएं तो इस फिल्म में वे सब मिलेंगी।

विदेशी कलाकारों का चयन था मुश्किल कलाकारों का चयन मुश्किल काम था। क्रिकेट टीम के 11 खिलाडी, दर्जन भर कलाकार.. सबका चयन आशुतोष को फिल्म की वेशभूषा में करना था। कलाकार जमा हुए। अब तक विदेशियों को दिखाने के लिए मुंबई घूमने आए पर्यटकों को शूट कर लिया जाता था, लेकिन लगान में कलाकारों को पूरी अवधि तक बने रहना था। तय हुआ कि इंग्लैंड से कलाकार चुने जाएं। आमिर की व्यस्तता के कारण ऑडिशन के लिए आशुतोष व रीना गए। लेकिन आमिर को वे कलाकार पसंद नहीं आए और उन्होंने नए आर्टिस्ट चुने। मुख्य भूमिकाओं के लिए चुने गए दो कलाकारों को बिना काम के पारिश्रमिक दे दिया गया।

भीड से कुछ ऐसी मिली प्रतिक्रिया

शूटिंग आरंभ होने के बाद फ‌र्स्ट एडी का महत्व मालूम हुआ। सभी के लिए एक से नियम बने। शुरुआत में कलाकारों को लगता था कि भला आमिर कैसे नियमों का पालन करेंगे। लेकिन अपूर्व लाखिया ने सबके लिए समान नियम बनाए। भुज में शूटिंग करते समय कलाकारों व तकनीशियनों को टिकाने की बडी समस्या थी। सहजानंद टॉवर्स किराये पर लेकर उसे होटल में तब्दील किया गया। सुनिश्चित किया गया कि सीमित संसाधनों के बावजूद कलाकारों को सुविधाएं मिलें।

शूटिंग में सबसे मुश्किल था क्रिकेट मैच को फिल्माना। भुज में दस हजार दर्शकों का इंतजाम किया गया और उन्हें धोती-कुर्ता दिया गया। धोती कम पडी तो पैंट-शर्ट पहने लोगों को भीड के पीछे खडा किया गया। अपूर्व व सहयोगियों ने भीड को पूरी प्रक्रिया समझाई, लेकिन सही प्रतिक्रिया न मिल सकी। तब आमिर का जादू चला। उन्होंने भीड को संबोधित किया और कहा कि उनके सही काम करने से कितनी मदद होगी। उन्होंने ग्ाुलाम के गीत आती क्या खंडाला पर कमर मटकाए। बस क्या था, भीड फॉर्म में आ गई और पांच कैमरों से उन्हें शूट किया गया। कुछ खिलाडी ऐसे थे, जिन्हें क्रिकेट की एबीसी भी नहीं आती थी। लाखा के कैच के लिए यशपाल शर्मा को दर्जनों बार डाइव मारनी पडी। हर कलाकार के लिए अलग तरीके अपनाए गए।

किसी को चोट किसी को स्लिप डिस्क

निर्माण में और भी मुश्किलें आई। बाथरूम में गिरने से ए के. हंगल को चोट आई। फिर भी उन्होंने जरूरी दृश्य शूट किए। आशुतोष को स्लिप डिस्क हो गया और डॉक्टर ने तीन हफ्ते का बेड रेस्ट बता दिया, मगर वे काम करते रहे। शूटिंग को टाला नहीं जा सकता था। उन्होंने तय किया कि लेटे-लेटे मॉनिटरिंग करेंगे और डायरेक्शन भी करेंगे। शूटिंग लंबी चली थी, कलाकारों को ओवर टाइम भी दिया गया। निर्माता आमिर खान ने किसी भी कलाकार की सुख-सुविधा और संसाधनों में कोई कटौती नहीं की।

फाइनल कट लगभग पौने चार घंटे का तैयार हुआ तो यूनिट के लोगों ने आशंका जाहिर की कि इतनी लंबी फिल्म से दर्शक बोर तो नहीं होंगे? लेकिन पहले ही शो से दर्शक जुटने लगे। उन्होंने भुवन और टीम के सदस्यों के साथ गीत गुनगुनाए और क्रिकेट में जीत मिलने पर सीटियां भी बजाई। लगान ने इंडस्ट्री की सोच को बदल दिया और यह धारणा पुख्ता की कि विषय नया हो तो भी दर्शक उसे पसंद करते हैं, बशर्ते टीम पूरी लगन और ईमानदारी से काम करे। लगान ने नए ट्रेंड बनाए। आज फिल्म को बने 10 साल हो गए हैं, लेकिन यह एक क्लासिक फिल्म की तरह ही ताजा लगती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.