मिल जाए जो ये कुर्सी
ऐसा होता-वैसा होता, कुछ ऐसी तसवीर होती इस देश की..अगर एक दिन के लिए सत्ता मिल जाती हमें। क्या करते ये सलेब्रिटीज अगर उन्हें एक दिन के लिए भारत का प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलता। सखी ने यही जानने की कोशिश की है। कुछ दिलचस्प विचार।
पहला हमला भ्रष्टाचार पर
यह सवाल सुनकर मुझे नायक फिल्म की याद आ गई। फिल्म के नायक अनिल कपूर के लिए जितना चुनौतीपूर्ण था एक दिन में सब कुछ करना, उतना ही मुझे बताने में हो रहा है। अगर मुझे ऐसा मौका मिला तो मैं सबसे पहले भ्रष्टाचार मिटाना चाहूंगा। हां, यह काम एक दिन में कर पाना संभव नहीं है, पर अपने काम की शुरुआत मैं इससे ही करूंगा। यह एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे सिस्टम को खोखला बना रही है। इसके बाद मैं अपना दूसरा टास्क सेट करूंगा ट्रांसपोर्ट सिस्टम को ठीक करने का। इस दिशा में इतनी प्रगति करने के बावजूद आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बदतर हालत है। जो गरीब तबका है, उन्हें बहुत परेशानी होती है। एक आम नागरिक होने के नाते हमें सारी परेशानियां झेलनी पडती हैं या फिर इसके लिए अपने ऑफिसर्स या सरकार का मुंह ताकना पडता है। एक दिन की कुर्सी पाकर कम से कम इस दिशा में पहल तो कर सकूंगा। मौका मिले तो सही!
मर्जी पेस्टोनजी, कोरियोग्राफर
ट्रांस्पोर्ट दुरुस्त करूंगा
जो काम लोग पांच साल में नहीं कर पाते वह मैं एक दिन में भला कैसे कर सकता हूं? मुझे अगर कुर्सी मिल गई तो सबसे पहले सडकें और ट्रांस्पोर्ट व्यवस्था को दुरुस्त करवाऊंगा। इस कारण देश की जनता को तमाम दिक्कतों का सामना करना पडता है। इसके अलावा टैक्स की बेस्ट फेसिलिटी दूंगा, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। एक दिन में बहुत कुछ तो नहीं कर सकता, लेकिन बेसिक चीजें तो सुधार ही सकता हूं।
अनूप सोनी, ऐक्टर
एक कडी संसद पर
ऐसा संभव नहीं है लेकिन कभी मौका मिला तो मैं एक दिन में लोकपाल बिल पास कर दूंगा। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए मुहिम चलाऊंगा। पार्लियामेंट में कॉमेडी सर्कस का एक एपिसोड बनाऊंगा। शायद वही एपिसोड नेताओं की आंखें खोलने के लिए काफी हो। इतना जरूर कहूंगा कि भ्रष्टाचार जिस तरह परवान चढ चुका है, उसे रोकने के लिए एक दिन क्या एक साल भी काफी नहीं।
विपुल शाह, प्रोड्यूसर-डायरेक्टर
जोड दूं नदियां सभी
मुझे अगर एक दिन के लिए कुर्सी मिल जाए तो मैं सारी नदियों के बांध तोड दूंगी और उन्हें चैनलाइज करके एक साथ जोड दूंगी ताकि सारी नदियां एक हो जाएं। ऐसा करने से कई सारी समस्याएं हल हो जाएंगी। पेट्रोल के दाम कम कर दूंगी, जो आज की सबसे बडी समस्या है। पेट्रोल के दाम कम होते ही राशन की कीमतों में गिरावट आएगी। नदियों के नैचरल फ्लो से बाढ नहीं आएगी। महंगाई कम होगी। इसके अलावा अगर और कुछ करने का मौका मिला तो मैं अमीरी और गरीबी के बीच जो बहुत बडा गैप है उसे कम करने की कोशिश करूंगी। पर काश! ऐसा अवसर कभी मुझे मिलता..।
कविता कौशिक, ऐक्ट्रेस
..तो महंगाई को बाय-बाय!
मेरा बस चले तो मैं इंडिया को म्यूजिकल बना दूं। मैं हर किसी की रगों में संगीत के सुर भर दूं। ऐसा कर दूं कि आतंकवादी अपने हाथों से बंदूक छोडकर गिटार बजाने लगें। इसके अलावा डायन की तरह मुंह खोले आगे बढती जाती महंगाई को कम करूंगी। हर चीज के दाम बढते जा रहे हैं। आम लोगों के लिए जीना मुहाल हो गया है। हर कोई पगार बढाने की गुहार लगा रहा है। महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में इसे रोकने के लिए कडे कदम उठाऊंगी। मुंबई में ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था करवाऊंगी। जाम के कारण जो लोग गुस्सा में आकर हॉर्न पर हॉर्न देते हैं, उन्हें ऐसी म्यूजिक सुनाऊंगी कि वह गुस्सा छोडकर मगन हो जाएं।
मधुश्री, सिंगर
जवानी जिंदाबाद!
ऐसा मौका कभी हाथ तो लगे। मैं एक यंगस्टर हूं। इस लिहाज से मैं नहीं चाहूंगा कि रात 10-11 बजे बाद रेस्टरां बंद हो जाएं। मैं रात में रेस्टरां बंद करने की जो पाबंदी लगाई गई है उसे हटा दूंगा। यंगस्टर्स की एक अलग लाइफ होती है। उन्हें वैल्यूज, संस्कार समझाने के लिए दूसरे उपाय भी किए जा सकते हैं। लेकिन ऐसे रोक-टोक लगाई जाएगी तो वे कोई दूसरे फंडे अपनाने पर मजबूर हो जाएंगे। रोक लगाकर नहीं समझाकर भी तो बात बन सकती है। इसके अलावा दूसरा काम मैं यह करूंगा-जनता का जो पैसा टैक्स के रूप में जाता है, उसका इस्तेमाल इन्फ्रास्ट्रक्चर में करूंगा। सडकें अच्छी बनवाऊंगा। ट्रैफिक की समस्या सुधारूंगा। पूरे देश में मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करवाऊंगा। बच्चों के लिए हाई क्लास स्कूल बहुत ही कम फीस में खुलवाऊंगा। आज बच्चा पैदा करने से पहले उसकी स्कूल की फीस के लिए पैसा जुटाना पडता है। टॉप स्कूल बनवाऊंगा और इतना कम शिक्षा शुल्क होगा कि हर बच्चा हक से पढ सकेगा और अपना सपना पूरा कर सकेगा।
करण वीर बोहरा, ऐक्टर
इला श्रीवास्तव, सीमा झा