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सजगता से मिल सकती है अच्छी कीमत

गहने केवल स्त्री के सौंदर्य में चार चांद नहीं लगाते, बल्कि उसे आर्थिक सुरक्षा भी देते हैं। तभी तो भारतीय स्त्रियां सदियों से अपने गहने संजो कर रखती आ रही हैं, लेकिन गहने ख़्ारीदते समय अगर उसकी रीसेल वैल्यू का ध्यान रखा जाए तो यह का़फी ़फायदेमंद साबित होगा।

By Edited By: Published: Mon, 01 Oct 2012 04:17 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2012 04:17 PM (IST)
सजगता से मिल सकती है अच्छी कीमत

जब सवाल फायदे का हो तो गहने खरीदते समय हमें उसकी रीसेल वैल्यू के बारे में जरूर सोचना चाहिए, ताकि बाद में जब कभी उन्हें बदलना या बेचना हो तो इससे हमें उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। आइए यहां देखते हैं कि किस तरह के गहने ख्ारीदने में कितना फायदा है :

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सदाबहार है सोना

सोना भारतीय स्त्रियों की पहली पसंद है। वे सदियों से इसका इस्तेमाल केवल अपना सौंदर्य निखारने के लिए ही नहीं, बल्कि निवेश के लिए भी करती आ रही हैं। व‌र्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज भी भारतीय बाजार में सोने की सबसे ज्यादा ख्ापत होती है। भारत जैसे अन्य विकासशील देशों में भी शेयर और बॉन्डं्स की तुलना में सोने को निवेश का सबसे अच्छा साधन माना जाता है। पारंपरिक रूप से भी भारतीय लोग निवेश के लिए सोने पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। आजकल मध्य आय वर्ग के लोगों के लिए सोना निवेश का सबसे सुगम साधन है। सोना खरीदना हमेशा फायदे का सौदा होता है क्योंकि इसकी कीमत में निरंतर वृद्धि ही होती है। हालांकि, इसके मूल्य का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बाजार से होता है। अगर कभी इसकी कीमत में थोडी कमी आ जाए तो भी इसे ख्ारीद कर कोई नुकसान नहीं होगा। अगर आप चाहती हैं कि दोबारा बेचने पर आपको सोने की अच्छी कीमत मिले तो इसके लिए जडाऊ जेवरों के बजाय ख्ालिस सोने से बने गहने किसी विश्वसनीय दुकान से ख्ारीदें। सोने की रीसेल वैल्यू उसकी शुद्धता पर निर्भर करती है। कुंदन या मीनाकारी के काम वाले गहनों को दोबारा बेचते वक्त उसमें की गई मीनाकरी या कीमती स्टोन्स की कोई कीमत नहीं मिलती, इससे उसकी रीसेल वैल्यू कम हो जाती है। इसी वजह से पुराने जमाने में स्त्रियां शुद्ध सोने के गहने ख्ारीदना पसंद करती थीं। वे अपने गहनों के वजन का पक्का हिसाब रखती थीं कि अगर हमारे पास 40 तोला सोना है तो आज के रीसेल मार्केट में उसकी कीमत क्या होगी? अगर आप भविष्य के फायदे को ध्यान में रखते हुए सोना ख्ारीदना चाहती हैं तो इसके लिए गहनों के बजाय, किसी अच्छी दुकान से 24 कैरेट का शुद्ध सोना ही ख्ारीदें, जो कि सिक्कों या चौकोर टुकडों के रूप में मिलता है। इसके लिए एमएमटीसी का हॉलमार्किग वाला सोना सबसे अच्छा माना जाता है।

सरकारी प्रोत्साहन

लोगों को सोने के क्षेत्र में निवेश हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने गोल्ड डिपॉजिट स्कीम की शुरुआत की है। इसके अनुसार लोग बैंक में अपना सोना जमा करवाकर उसके बदले में बैंक से एक निश्चित अवधि के लिए सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। फिर अवधि पूरी होने के बाद वे अपना जमा सोना वापस निकाल सकते हैं। इस जमा सोने की प्रचलित कीमत पर बैंक वार्षिक ब्याज भी देती हैं। यह ब्याज हर तरह के टैक्स से मुक्त है। बैंक में व्यक्ति जितनी कीमत का सोना जमा करता है, उसका 90 प्रतिशत उसे लोन के रूप में भी प्राप्त हो सकता है। मिसाल के तौर पर अगर किसी व्यक्ति ने एक लाख रुपये का सोना बैंक में जमा कराया है तो उसके एवज में उसे 90 हजार तक का लोन भी मिल सकता है। सोने को सुरक्षित रखना भी एक बडी समस्या है। लोगों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए 2005-06 के बजट में भारत सरकार द्वारा सोने की ख्ारीद-फरोख्त के बजाय इसकी कीमतों को रसीदी यूनिटों में बांट कर उन यूनिटों को ख्ारीदने-बेचने की व्यवस्था दी गई है। सोने को इन शेयरों या म्युचुअल फंड्स के रूप में पेश किया गया है। इन्हें तकनीकी भाषा में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स का नाम दिया गया है। इसके अंतर्गत न्यूनतम 100 रुपये तक का बॉन्ड ख्ारीदा जा सकता है।

चमचमाती चांदी

चांदी के गहनों की रीसेल वैल्यू सोने जितनी नहीं होती क्योंकि यह बेहद मुलायम धातु है और गहने बनाने के लिए इसमें 20 से 30 प्रतिशत तक तांबा मिलाना पडता है। कई बार गहनों की बनवाई का ख्ार्च चांदी की कीमत से भी ज्यादा होता है, लेकिन जब आप उसे दोबारा बेचने जाती हैं तो उसकी बनवाई का खर्च काटकर आपको केवल शुद्ध चांदी की ही कीमत दी जाती है।

अगर आप चांदी की अच्छी रीसेल वैल्यू पाना चाहती हैं तो गहनों के बजाय सिक्के, सजावटी वस्तुएं और बर्तन आदि ख्ारीदें। ये चीजें 92.5 प्रतिशत चांदी से बनी होती हैं और दोबारा बेचने पर इनकी अच्छी कीमत मिल जाती है। मिसाल के तौर पर अगर आप एक हजार रुपये का कोई गहना बेचती हैं तो उसकी कीमत रु. 400 से ज्यादा नहीं मिलेगी, लेकिन इतनी ही कीमत के चांदी के बर्तन या कोई अन्य वस्तु बेचने पर आपको लगभग 700-800 रुपये मिलेंगे। अगर आपका बजट सोना ख्ारीदने की इजाजत नहीं देता तो चांदी ख्ारीदना भी घाटे का सौदा नहीं है।

हीरे में भी है फायदा

आजकल भारत में हीरे की लोकप्रियता तेजी से बढ रही है और भारतीय स्त्रियां हीरा ख्ारीदना पसंद करने लगी हैं। इसलिए अब हीरे की भी रीसेल मार्केट विकसित हो रही है। आजकल हीरे में निवेश सबसे ज्यादा फायदेमंद है, पर इसके लिए शुद्ध सॉलिटियर ही ख्ारीदना चाहिए।

हीरा हमेशा किसी विश्वसनीय दुकान से ख्ारीदें और इस बात का ध्यान रखें कि उसके साथ जीआईए (जेमोलॉजी इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका) या आईजीआई (इंटरनेशनल जेमोलॉजी इंस्टीट्यूट) का प्रमाणपत्र जरूर हो। ये हीरे की शुद्धता का अंतरराष्ट्रीय प्रमाणपत्र है। जब आप इस प्रमाणपत्र के साथ दोबारा वह हीरा बेचने जाएंगी, उस वक्त के अंतरराष्ट्रीय बाजार की दरों के अनुसार ही आपको हीरे की रीसेल वैल्यू मिलेगी। सोने या चांदी की तुलना में हीरे की रीसेल वैल्यू ज्यादा होती है। इसकी कीमत हमेशा बढती रहती है। इसलिए अगर आपका बजट इजाजत दे और आप दूर की सोचती हैं तो अपने लिए हीरा जरूर ख्ारीदें।

कुछ •ारूरी बातें

- सोना-चांदी और हीरे के अलावा किसी भी अन्य धातु या रत्नों से रीसेल वैल्यू की ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। कुछ विश्वसनीय दुकानदार अपने पुराने ग्राहकों को कीमती रत्नों के बदले उतनी ही कीमत का दूसरा रत्न जरूर देते हैं, पर उन रत्नों के बदले में नकद धनराशि नहीं मिल पाती। इसमें भी शर्त यह होती है कि वह रत्न उसी दुकान से ख्ारीद गया हो।

- भारत में प्लैटनम आम लोगों के बीच लोकप्रिय नहीं है। बेशक, यह कीमती धातु है, पर यहां अभी इसकी रीसेल मार्केट विकसित नहीं हुई है।

- सोना या चांदी ख्ारीदते समय उसकी शुद्धता के बारे में पूरी तसल्ली से जांच कर लें और दुकानदार से पक्की रसीद लेना न भूलें।

- ऐसी कीमती वस्तुओं की रसीद हमेशा संभाल कर रखें।

- आजकल कुछ दुकानदार हीरे की शुद्धता के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक जीआईए और आईजीआई के अलावा इससे मिलते-जुलते कई अन्य नकली नामों के भी प्रमाणपत्र देते हैं। इन दोनों संस्थानों के अलावा हीरे की शुद्धता का प्रमाणपत्र देने वाला कोई तीसरा संस्थान नहीं है। इसलिए हीरा ख्ारीदते समय उसका प्रमाणपत्र ध्यान से देखना न भूलें।

(पी. पी. ज्यूलर्स के निदेशक पवन गुप्ता से बातचीत पर आधारित)


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