Rajasthan: कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा
Rajasthan भरत सिंह ने इससे पहले भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त एक पुलिस इंस्पेक्टर को फिर से बहाल करने से जुड़ा एक सवाल पूछा था। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर को जनवरी 2020 में बर्खास्त कर दिया गया था।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने बुधवार को विधानसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा। प्रश्नकाल में उन्होंने तल्ख अंदाज में पूछा कि भ्रष्ट ट्रैक रिकार्ड वाले अधिकारियों को जिलों में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) बनाने के पीछे सरकार की आखिर क्या मजबूरी है। दरअसल, बारां जिले में पिछले दिनों कलेक्टर और दौसा में पुलिस अधीक्षक को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपराधों में कमी आई है, लेकिन भ्रष्टाचार के मामलों में कमी नहीं आई। भरत सिंह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को और घेरना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी ने इसकी मंजूरी नहीं दी।
भरत सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त एक पुलिस इंस्पेक्टर को फिर से बहाल करने से जुड़ा एक सवाल पूछा था। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर को जनवरी, 2020 में बर्खास्त कर दिया गया था। उसने इसके खिलाफ कर्मचारियों से जुड़े अपील प्राधिकरण में अपील की है। सरकार ने उसे अब तक सेवा में वापस नहीं लिया है ।
वसुंधरा राजे और प्रियंका गांधी के बंगलों को लेकर हंगामा
उधर, बजट पर बहस के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बंगला देने और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का बंग्ला छीनने का मामला उठाया। इस पर हंगामा हुआ। सभापति ने लोढ़ा की टिप्पणी को कार्यवाही से निकाल दिया। दरअसल, कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा बजट पर बहस में हिस्सा ले रहे थे । इसी बीच लोढ़ा राजे और प्रियंका के बंगलों का जिक्र करने लगे। इस पर भाजपा विधायकों ने हंगामा किया ।