Rajasthan: विशेष परिस्थितियों को देखते हुए राजस्थान ने केंद्र से मांगा ज्यादा हिस्सा
Rajasthan Government. राजस्थान के जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने बैठक में जल जीवन मिशन के तहत केंद्र का अंशदान बढ़ाने की मांग की है।
जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Government. राजस्थान में मरस्थल जैसी विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राजस्थान ने केंद्र सरकार से मांग की है कि यहां जल जीवन मिशन और अन्य पेयजल योजनाओं में केंद्र से मिलने वाले अंशदान को बढ़ाया जाए। जल जीवन मिशन के मामले में तो यह पर्वतीय राज्यों के अनुरूप 90 प्रतिशत तक करने की मांग की गई है। केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत अगले पांच साल में हर घर तक नल पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। राजस्थान में रेगिस्तानी इलाका है और गांवों के बीच की दूरी ज्यादा है। इसके अलावा सतही जल भी बहुत कम है। ऐसे में राजस्थान में पेयजल योजनाओं की लागत अधिक आती है।
इसी को देखते हुए राजस्थान के जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने पिछले दिनों केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ हुई बैठक में जल जीवन मिशन के तहत केंद्र का अंशदान बढ़ाने की मांग की है। कल्ला ने कहा कि मिशन में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश को केंद्र सरकार से देश के अन्य पहाड़ी राज्यों की तरह 90 प्रतिशत सहायता मिलनी चाहिए। कल्ला ने कहा कि वर्ष 2013 तक राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) के तहत मरूस्थलीय क्षेत्रों में केंद्र सरकार की हिस्सा राशि 90 प्रतिशत एवं राज्य की हिस्सा 10 प्रतिशत होता था। इसके बाद वर्ष 2014 से एनआरडीडब्ल्यूपी में मरूस्थलीय और गैर मरूस्थलीय क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सा राशि को 50-50 प्रतिशत कर दिया गया। इसे वापस 90:10 किया जाना चाहिए।
राजस्थान की ओर से एकल ग्राम योजनाओं में जल कनेक्शन के लिए प्रति परिवार निर्धारित राशि बढ़ाने की मांग भी की गई है। कल्ला ने बताया कि प्रति परिवार जल कनेक्शन की लागत 39 हजार रुपये तक आती है, जबकि जल जीवन मिशन के दिशा निर्देशों में यह लागत मात्र 15 हजार से 25 हजार ही आंकी गई है। यह पैसा भी बढ़ाया जाना चाहिए। कल्ला ने राजस्थान में पैसे की कमी को देखते हुए राष्ट्रीय पेयजल गुणवत्ता उपमिशन में केंद्र और राज्य सरकार का हिस्सा 50-50 प्रतिशत करने की मांग भी की है। गौारतलब है कि जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान को 7051.71 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।