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Coronavirus effect: चित्तौड़गढ़ का रोगी इंदौर से लाया कोरोना, अब वेंटिलेटर पर हालत गंभीर

चित्तौड़गढ़ का रोगी इंदौर से लाया कोरोना अब वेंटिलेटर पर हालत गंभीर दो बार निजी और दो बार सरकारी अस्पताल में भी उपचार कराने पहुंचा

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 01:14 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 01:14 PM (IST)
Coronavirus effect: चित्तौड़गढ़ का रोगी इंदौर से लाया कोरोना, अब वेंटिलेटर पर हालत गंभीर

उदयपुर, सुभाष शर्मा। चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा कस्बे में कोरोना संक्रमित मिला सर्राफा कारोबारी इंदौर से कोरोना लेकर आया। उदयपुर के एमबी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में लाइफ सपोर्टिंग ट्रीटमेंट ले रहे मरीज की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह भी पता चला है कि कोरोना संक्रमण के लक्षण आने के बावजूद वह पिछले सात दिनों से इधर-उधर घूमता रहा।

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तबियत खराब हुई तो दो बार निजी अस्पताल में तथा दो बार सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचा। तीसरी बार जब निम्बाहेड़ा के उप जिला अस्पताल पहुंचा तब लाइफ सपोर्टिंग ट्रीटमेंट के बावजूद स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उसे चित्तौड़गढ़ के जिला अस्पताल तथा बाद में उदयपुर के एमबी अस्पताल के लिए रेफर किया था।

मिली जानकारी के अनुसार निम्बाहेड़ा के सर्राफा कारोबारी दो दिन पहले कोरोना संक्रमित पाया गया। वह यहां एमबी अस्पताल की आईसीयू में भर्ती है। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है और ऑक्सीजन लेवल 35 प्रतिशत से भी कम बताया जा रहा है। उसके परिजनों को भी आइसोलेट किया गया है। पता चला है कि वह पंद्रह दिन पहले ही इंदौर से लौटा था। वहां सर्राफा कारोबार को लेकर वह गया था। वहां से लौटने के बाद वह कस्बे में पिछले सात दिन से घूमता रहा। इस बीच उसकी तबियत बिगड़ी तो दो बार वहां के डॉ. के निजी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचा। हालत में सुधार नहीं हुआ तो सरकारी उप जिला अस्पताल पहुंचा।

दूसरी बार आने पर डॉ. ने उसका लाइफ सर्पोटिंग ट्रीटमेंट शुरू किया था। इसके बावजूद उसे सांस लेने में तकलीफ शुरू हो गई तो उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां से उसे उदयपुर के एमबी अस्पताल भेजा गया था। जहां उसके कोरोना संक्रमण को लेकर जांच की गई और वह संक्रमित पाया गया। बताया गया कि निजी अस्पताल में जब वह उपचार के लिए पहुंचा तो वहां अन्य पैंतीस मरीज भी मौजूद थे। जिसके बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल में सेवा देने वाले चिकित्सक दंपती सहित सात कर्मचारियों तथा उस दिन आने वाले मरीजों को क्वारेनटाइन कर दिया है। यह भी पता चला कि उसने कारोबार को लेकर एक बार फिर इंदौर जाने की अनुमति उप खंड अधिकारी से मांगी थी लेकिन उसे अनुमति नहीं मिली।


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