Rajasthan: दो नाबालिग बहनों से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा
Rajasthan दो नाबालिग बहनों के साथ दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद हीरालाल खाटी (27) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वर्ष 2019 में जिले के डाबी इलाके में दो नाबालिग बहनों के साथ हीरालाल खाटी ने दुष्कर्म किया था।
कोटा, प्रेट्र। Rajasthan: राजस्थान में बूंदी की एक पॉक्सो अदालत ने दो नाबालिग बहनों के साथ दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद हीरालाल खाटी (27) को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वर्ष 2019 में जिले के डाबी इलाके में दो नाबालिग बहनों के साथ हीरालाल खाटी ने दुष्कर्म किया था। बूंदी के कोर्ट नंबर दो में सरकारी वकील (पीपी) महावीर मेघवाल ने कहा कि दो नाबालिग पीड़िताओं के पिता ने चार जुलाई, 2019 को डाबी पुलिस स्टेशन में खाटी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि नाबालिग के पिता ने कहा कि उसकी पांच वर्षीय और छह वर्षीय बेटियां घर पर खेल रही थीं और वह काम के लिए बाहर था। उनका किरायेदार उनकी दो बेटियों को चॉकलेट देकर अपने कमरे में ले गया, यहां उसने उनके साथ दुष्कर्म किया। रिपोर्ट के आधार पर भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था।
इसके बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल कर उसे गिरफ्तारी किया था। वह दो साल पहले गिरफ्तार किया गया था, तब से वह जेल में है। उन्होंने कहा कि अदालत के न्यायाधीश अरुण कुमार जैन ने बुधवार को आइपीसी और पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत खाटी को दोषी ठहराया और उसे उसकी प्राकृतिक मौत तक के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मुकदमे के दौरान अदालत में 13 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और कम से कम 20 दस्तावेज पेश किए गए।
इधर, जोधपुर जिले के बालेसर थाना क्षेत्र के उटाम्बर गांव में नाबालिग युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घटना के बाद 14 वर्षीय युवती को बदहवास अवस्था मे जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उटाम्बर गांव की दलित समुदाय से सम्बंधित चौदह वर्षीय बालिका के साथ सामुहिक दरिंदगी का मामला सामने आने से मुख्यमंत्री का गृह-जिला जोधपुर फिर से हुआ शर्मसार हुआ है। इधर स्थानीय निवासियों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी नाराजगी व्यक्त की है। ग्रामीण युवती के इलाज को लेकर पहले जोधपुर के गांधी अस्पताल बाद में एमडीएम हॉस्पिटल पहुंचे लेकिन माइनर होने की वजह से उसे बच्चों के उम्मेद अस्पताल भेजा गया, जिसको लेकर भी परिजनों ने रोष व्यक्त किया।