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Rajasthan: अरुण सिंह की भाजपा नेताओं को नसीहत, संसदीय बोर्ड तय करेगा सीएम का चेहरा

Rajasthan अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि सोशल मीडिया से कोई सीएम नहीं बनेगा इस पद का फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 06:53 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 06:53 PM (IST)
Rajasthan: अरुण सिंह की भाजपा नेताओं को नसीहत, संसदीय बोर्ड तय करेगा सीएम का चेहरा
अरुण सिंह की भाजपा नेताओं को नसीहत। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान के नेताओं की आपसी गुटबाजी खत्म कराने और पार्टी को सक्रिय करने को लेकर आलाकमान का प्रयास रविवार को उस समय सफल नहीं हो सका, जब पहले से सूचना देने के बावजूद दिग्गज नेता कोर कमेटी की बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सह प्रभारी रविवार को जयपुर पहुंचे। उन्होंने दो दिन पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गठित की गई वरिष्ठ नेताओं की कोर कमेटी की बैठक बुलाई, लेकिन इसमें ना तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहुंचीं और ना ही राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया पहुंचे। कमेटी में शामिल पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव भी बैठक में नहीं आए, हालांकि संगठनात्मक व्यवस्तता के कारण उनके यहां नहीं होने की बात कही गई। दरअसल, पिछले कुछ दिनों में प्रदेश भाजपा कई खेमों में बंट गई।

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सोशल मीडिया से नहीं बनेगा कोई सीएम

एक खेमा वसुंधरा राजे का है तो दूसर खेमा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विधानसभा में विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ का है। तीसरा खेमा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का और चौथा खेमा कटारिया का है। इनमें भी वसुंधरा राजे के विरोध में तीनों खेमे एक हैँ। वसुंधरा राजे और उनके विरोधियों के बीच पिछले छह माह से खुली लड़ाई चल रही है। वसुंधरा राजे समर्थकों ने प्रदेश के सभी जिलों में अपनी टीम बनाने के साथ ही सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में मुहिम चला रखी है, जिसमें उन्हें अगला मुख्यमंत्री बताया गया है। कटारिया, शेखावत और पूनिया समर्थकों ने भी इसी तरह की मुहिम सोशल मीडिया पर चला रखी है, जिसके कारण कार्यकर्ताओं में गुटबाजी बढ़ रही है। इस गुटबाजी को खत्म कर नेताओं की एकजुटता का संदेश देने के लिहाज से नड्डा ने कोर कमेटी बनाई। अरुण सिंह इस कमेटी की बैठक लेने पहुंचे, लेकिन दिग्गज नेता इसमें शामिल नहीं हुए। खासकर वसुंधरा राजे का बैठक में नहीं पहुंचना चर्चा का विषय रहा। अरुण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि सोशल मीडिया से कोई सीएम नहीं बनेगा, इस पद का फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा।

कांग्रेस को बताया कंफ्यूज पार्टी

अरुण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव आने तक कई लोग सोशल मीडिया के जरिए सीएम का चेहरा बनेंगे, लेकिन वास्तविकता यह है कि मुख्यमंत्री का चेहरा होगा या नहीं होगा, होगा तो कौन होगा, कौन नहीं होगा यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। प्रदेश के नेताओं में चल रही गुटबाजी के सवाल पर अरुण सिंह ने कहा कि हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है। उन्होंने कांग्रेस को कंफ्यूज पार्टी बताया। राहुल गांधी व कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सात मई को पूछते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी लॉकडाउन कब हटाएंगे, उसी दिन उनके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अमरिंदर सिंह लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा करते हैं। इसी तरह राहुल गांधी 23 दिसंबर को सोशल मीडिया पर पूछते हैं कि अमेरिका, चूरू और चरन में वैक्सन लगना शुरू हो गया, भारत में कब आएगी। अब वैक्सीन लगना शुरू हो गई तो उन्ही की पार्टी के नेता शशि थरूर, जयराम रमेश और आनंद शर्मा वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं। सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए अरुण सिंह ने कहा कि वे मंत्रिमंडल विस्तार टालना चाहते हैं, जिससे सचिन पायलट गुट दबाव नहीं बना सके। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जय श्री राम का नारा करोड़ों हिंदुओं के हृदय से लगता है। ममता बनर्जी को भी यह नारा लगाना चाहिए।

नेताओं के नहीं आने का यह बताया कारण

वरिष्ठ नेताओं के कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होने पर अरुण सिंह ने कहा कि वसुंधरा राजे की बहू की तबीयत खराब है, लिहाजा वे उनकी देखरेख के लिए वे धौलपुर में ही हैं। राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि कटारिया उदयपुर नगर पालिका चुनाव में व्यवस्तता के कारण नहीं आए। कोर कमेटी की बैठक में चार विधानसभा सीटों के उप चुनाव और संगठन की गतिविधियों पर चर्चा हुई।


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