जयपुर में जल्द ही होगी काऊ सफारी, बैलगाड़ी में बैठकर घूम सकेंगे
जयपुर की हिंगोनिया गोशाला में अब इतनी गायें हो गई हैं कि यहां काऊ सफारी शुरू होने जा रही है। इस पहली काऊ सफारी में पर्यटकों को बैलगाड़ी में बैठाकर गायों के बीच घुमाया जाएगा।
जयपुर, ब्यूरो । दो वर्ष पूर्व सैंकड़ों गायों की मौत के कारण चर्चा में आई जयपुर की हिंगोनिया गोशाला में अब इतनी गायें हो गई हैं कि यहां काऊ सफारी शुरू होने जा रही है। देश में अपनी तरह की इस पहली काऊ सफारी में पर्यटकों को बैलगाड़ी में बैठाकर गायों के बीच घुमाया जाएगा। गोशाला का संचालन कर रहे अक्षयपात्र फाउंडेशन ने इसे विकसित किया है और अब जल्द ही इसके उद्घाटन की तैयारी की जारी है।
जयपुर की हिंगानिया गोशाला दो वर्ष पहले पूरे देश में चर्चा का विषय बनी थी। इसका संचालन जयपुर नगर निगम करता था और यहां मानसून के दौरान 500 से ज्यादा गायों की मौत हो गई थी। गायों की मौत की इस घटना ने तत्कालीन सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी की थी। उस समय के जयपुर के महापौर निर्मल नाहटा को पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था। गोशाला बहुत बुरे हाल में थी और राजस्थान उच्च न्यायालय ने घटना पर संज्ञान लेकर हालात ठीक करने के लिए कहा था। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने इसका संचालन अक्षयपात्र फाउंडेशन को दे दिया था।
हालात में हुआ बदलाव
अब अक्षयपात्र ही इसका संचालन कर रहा है और गोशाला की स्थिति में जबर्दस्त बदलाव आया है। जब अक्षयपात्र ने इसे लिया था, तब सिर्फ आठ हजार गायें यहां बची थी, लेकिन अब यहां 25 हजार से ज्यादा गायें हैं। इसी को देखते हुए अब यहां काऊ सफारी शुरू की जा रही है। यह गोशाला जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है और आसपास वन क्षेत्र भी है। ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को बैलगाड़ी पर बैठा कर गायों के बीच घुमाया जाएगा। उन्हें गायों की विभिन्न् नस्लों की जानकारी भी दी जाएगी।
अक्षयपात्र के सूत्रों का कहना है कि यहां करीब 15 नस्ल की गायें मिलेंगी। इसके साथ ही कुछ मचान भी बनाए जाएंगे, जहां पर हर तरह की सुविधा होगी। कच्ची झोपडियां भी होंगी, जिनमें रूककर पर्यटक ग्रामीण परिवेश का आंनद ले सकेंगे। जो लोग गायों की सेवा करना चाहते हैं, उन्हें यह सुविधा भी मिलेगी। सफारी तैयार किए जाने का काम लगभग पूरा हो गया है और अगले एक-डेढ़ माह में इसका उद्घाटन कराया जाएगा।