CAB: सियासत में भी अहम भूमिका निभाएगा पाक विस्थापित हिंदुओं का वोट बैंक
vote bank. इस विधेयक के सियासी मायनों पर गौर फरमाएं तो इस के बाद की राजनीति और वोट बैंक की राजनीति में ये प्रभावशाली रहने वाला है।
जोधपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के लोकसभा में पारित होने के साथ राजस्थान के सरहदी जिलों में पाकिस्तान से आकर बसे हिंदुओं के चेहरे पर खुशी है। वहीं, इस विधेयक के सियासी मायनों पर गौर फरमाएं तो इस के बाद की राजनीति और वोट बैंक की राजनीति में ये प्रभावशाली रहने वाला है। हालांकि प्रारंभिक स्थितियों में इनकी संख्या ज्यादा नहीं रही, लेकिन समय के साथ आए बदलाव से इनकी संख्या में इजाफा हुआ है और यह एक अहम वोट बैंक भी बन गए हैं, और आगामी दिनों मे देश प्रदेश की राजनीति का बड़ा हिस्सा बनने जा रहे हैं।
पाकिस्तान से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू परिवारों के लिए काम करने वाले सीमांत लोक संघटन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा के अनुसार इस संशोधन बिल के पूर्णत पारित और लागू होने के बाद भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ होगा और ये लोग वोट डाल पाएंगे और सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले सकने के पात्र हो जाएंगे। हालांकि विगत लोकसभा, विधानसभा चुनावों में पाक विस्थापितों को लेकर सियासी पार्टियां हमेशा से ही अपने घोषणा पत्रों में उनकी पानी और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की बात लिखती आई है। लेकिन इस बार हो रहे ठोस निर्णय से भाजपा के प्रति इन पाक विस्थापितों की सोच भी सकारात्मक हुई है। हालांकि सोढा के अनुसार, पाकिस्तानी हिंदू मतदाताओं की अच्छी संख्या देखकर कांग्रेस ने पहली बार अपने घोषणापत्र में शरणार्थी पाकिस्तानी हिंदुओं को बिजली, शिक्षा और रोजगार मुहैया कराने का वादा किया था।
इधर, इस विधेयक को लोकसभा में पारित करने के बाद अब भाजपा के वोटबैंक में इजाफा होने की संभावनाएं भी बढ़ गई है। हालांकि पाकिस्तान से वापस आए अधिकाशं पीड़ित दलित और वंचित वर्ग से हैं, जो कि कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता रहा है। लेकिन पाक विस्थापित हिंदुओ के रूप में देखे जाने और विधेयक के समर्थन में भाजपा के खुलकर बोलने के कारण इन विस्थापितों का भाजपा के प्रति झुकाव होना भी स्वाभाविक है।
सोढा के मुताबिक, एक अनुमान के अनुसार मोटे तौर पर पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा से सटे राजस्थान प्रांत के बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर जैसे अन्य जिलों में करीब चार से पांच लाख पाकिस्तानी हिंदू हैं। वर्ष 1992 93 में हुए धार्मिक उन्माद के बाद पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्ष 2004-2005 में 13500 लोगों की नागरिकता दी गई, वही विगत एक-दो वर्षों में 6000 से सात हजार लोगों को भी नागरिकता मिली है। इस विधेयक के लागू हो जाने के बाद नागरिकता की आस लगाए बैठे शेष लोगो को भी फायदा होगा। साथ ही, वोट देने का अधिकार भी मिलेगा।
जोधपुर में रहने वाले पाक विस्थापित प्रेमचंद भील ने कहा कि ये सपना पूरा होने के समान है, जहां सभी लोग भाजपा के साथ सरकार का आभार व्यक्त करते हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह का विशेष धन्यवाद। जिन्होंने पाक से दुखी होकर आए हिंदुओं का दर्द समझा और उनके हित की बात की।
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