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Rajasthan: किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार चुप बैठी है: वसुंधरा राजे

Vasundhara Raje. वसुंधरा राजे ने ट्वीट में कहा कि कर्ज के बोझ तले दबे किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 07:32 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 07:32 PM (IST)
Rajasthan: किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार चुप बैठी है: वसुंधरा राजे
Rajasthan: किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार चुप बैठी है: वसुंधरा राजे

जयपुर, जेएनएन। Vasundhara Raje. राजस्थान के श्रीगंगानगर में कर्ज के बोझ से परेशान एक किसान की आत्महत्या के मामले में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर राज्य सरकार की आलोचना की है। राजे ने ट्वीट में कहा कि कर्ज के बोझ तले दबे किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

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श्रीगंगानगर में पहले मखन सिंह तथा अब किसान महेंद्र वर्मा द्वारा आत्महत्या के मामले की जितनी निंदा की जाए, कम है। ऐसी सरकार को जनता कभी माफ नहीं करेगी। दरअसल श्रीगंगानगर के सादुलशहर तहसील के गांव छापांवाली निवासी 36 वर्षीय महेंद्रकुमार ने कथित रूप से कर्ज के बोझ से परेशान होकर कीटनाशक पी लिया था। इलाज के दौरान रविवार को महेंद्र की मौत हो गई।

महेंद्र पर दो साल से सवा छह लाख का कर्ज बकाया चला आ रहा था। परिवार के साथ गांव के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित होकर सरकार से मृतक की संपूर्ण कर्ज माफी के साथ ही परिवार के चारों मासूम बच्चों सहित अन्य लोगों के भरण-पोषण के लिए आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में कर्ज से परेशान एक किसान ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक किसान के परिजनों और किसान संगठनों ने मृतक का शव लेने से इन्कार कर दिया। वे श्रीगंगानगर जिला अस्पताल में धरने पर बैठ गए। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी समझाइश में जुटे रहे, लेकिन वे किसान की संपूर्ण कर्ज माफी और मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग पर अड़ गए।

श्रीगंगानगर जिले में छापावाली गांव के किसान महेन्द्र वर्मा (35) ने तीन दिन पहले स्प्रे (कीटनाशक) का पी लिया था। इससे उसकी तबीयत खराब हो गई तो परिजनों ने इलाज के लिए श्रीगंगानगर में जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां किसान की तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे बीकानेर रेफर किया गया, लेकिन परिजन उसे श्रीगंगानगर के ही प्राइवेट अस्पताल में गए, जहां इलाज के दौरान रविवार रात उसकी मौत हो गई। सोमवार सुबह मृतक के परिजन और आसपास के गांवों के किसान एकत्रित हो गए और किसान का शव लेने से इन्कार कर दिया।

सादुलशहर उपखंड अधिकारी हवाई सिंह ने बताया कि मृतक किसान ने 2016 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से साढ़े पांच लाख रुपये का लोन लिया था। इन दिनों बैंक प्रबंधन द्वारा किसान को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। पिछले साल दिसंबर में एक नोटिस दिया गया था। ग्रामीणों के अनुसार, लोन पर ब्याज लगकर वह काफी बढ़ गया, इस कारण किसान मानसिक रूप से परेशान था और उसने स्प्रे पीकर आत्महत्या कर ली।

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