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वसुंधरा राजे खेमे ने अपनाई 'वेट एंड वॉच' की रणनीति, कांग्रेस, भाजपा के लिए परेशानी बन सकते है पूर्व सीएम समर्थक

वसुंधरा राजे खेमे ने अपनाई वेट एंड वॉच की रणनीति कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए परेशानी बन सकते है वसुंधरा समर्थक

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 09:26 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 12:21 PM (IST)
वसुंधरा राजे खेमे ने अपनाई 'वेट एंड वॉच' की रणनीति, कांग्रेस, भाजपा के लिए परेशानी बन सकते है पूर्व सीएम समर्थक
वसुंधरा राजे खेमे ने अपनाई 'वेट एंड वॉच' की रणनीति, कांग्रेस, भाजपा के लिए परेशानी बन सकते है पूर्व सीएम समर्थक

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम के बीच पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे समर्थक फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में है। हालांकि, वसुंधरा राजे समर्थक विधायक पिछले दो दिन से गोपनीय बैठकें कर रहे हैं। वसुंधरा राजे खुद अभी दिल्ली में रहकर राष्ट्रीय नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकातों में जुटी है।

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सूत्रों के मुताबिक, वसुंधरा राजे समर्थक विधायक पार्टी नेतृत्व पर दबाब बना रहे हैं कि रणनीति साफ करे कि पार्टी की लाइन क्या होगी। क्या सचिन पायलट की मदद से विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान गहलोत सरकार गिराकर भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करना चाहती है। अगर ऐसा है तो किसके नेतृत्व में सरकार बनाने की रणनीति है। वहीं, इससे भी बड़ा दबाव वसुंधरा राजे समर्थकों का भाजपा के सचिन पायलट के समर्थन को लेकर है। वसुंधरा राजे समर्थक एक विधायक का कहना है कि पार्टी नेतृत्व को ये साफ करना चाहिए कि क्या पार्टी सचिन पायलट का समर्थन कर रही है, क्या पायलट का साथ देकर पार्टी सरकार गिराना चाहती है। वसुंधरा राजे समर्थक दो विधायकों ने भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा को एक पत्र लिखा है। इसमें वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की उपेक्षा का उल्लेख किया गया है। वसुंधरा राजे ने नड्डा,संगठन महामंत्री बी.एल.संतोष और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान भी यही बात रखी है।

पार्टी की रणनीति पर निगाह

वसुंधरा राजे समर्थक कोटा संभाग के एक पूर्व मंत्री ने बताया कि अभी इंतजार इस बात का है कि पार्टी फैसला क्या कर रही है। पायलट को अगर समर्थन देने का फैसला करती है तब विचार करेंगे कि क्या करना है। मंगलवार को विधायक दल की बैठक में रणनीति का खुलासा होने की उम्मीद है,उसके बाद वसुंधरा राजे समर्थक अपना अगला कदम तय करेंगे। इस पूर्व मंत्री का कहना है कि वसुंधरा राजे इस बात से नाराज हैं कि उन्हें बार-बार पार्टी के अंदर कुछ लोग गहलोत की नजदीकी बताकर छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। वे पूरे घटनाक्रम पर एक महीने से चुप हैं। एक महीने तक वे धौलपुर के अपने महल में रहीं और चार दिन पहले दिल्ली गई। वसुंधरा राजे समर्थक विधायक पार्टी की ओर से की जा रही बाड़बंदी से भी खुश नहीं है। राज्य के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भाजपा पर तंज कसा कि वसुंधरा राजे के डर से बीजेपी बाड़बंदी कर रही है ।

यह है वसुंधरा राजे की ताकत

भाजपा के 72 में 35 विधायक ऐसे हैं जिन्हें वसुंधरा राजे का समर्थक माना जाता है । इनमें से 15 से 17 विधायक तो ऐसे हैं जो पूरी तरह से वसुंधरा राजे के फैसले के साथ हैं । उनके लिए वसुंधरा राजे ही आलाकमान है । इन विधायकों को वसुंधरा राजे का कट्टर समर्थक माना जाता है। जिलों में भी वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं की तादाद प्रदेश के अन्य नेताओं से कही अधिक है। 


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