वसुंधरा सरकार ने अंतिम 6 माह में किया 100 से अधिक जमीनों का आवंटन, अब होंगे रद्द
राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह माह के कार्यकाल में राजस्व,नगरीय एवं खनिज क्षेत्र में किए गए भू-आवंटन निरस्त होंगे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह माह के कार्यकाल में राजस्व,नगरीय एवं खनिज क्षेत्र में किए गए भू-आवंटन निरस्त होंगे। वसुंधरा राजे सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह माह में राज्य के विभिन्न जिलों में 100 से अधिक संस्थाओं को जमीनों का आवंटन किया था। इनके अतिरिक्त 23 जिलों में भाजपा कार्यालय निर्माण के लिए भी जमीनों का का आवंटन किया गया था।
अब नई अशोक गहलोत सरकार ने आवंटनों को निरस्त करने की तैयारी कर रही है। इस बारे में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने सभी नगर निकायों एवं यूआईटी से रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धारीवाल की अध्यक्षता में तीन वरिष्ठ मंत्रियों की एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह माह के फैसलों की समीक्षा करेगी।
संस्थाओं को छह माह में 100 से अधिक आवंटन
वसुंधरा राजे सरकार ने 100 से अधिक विभिन्न समाजिक,धार्मिक,शैक्षणिक एवं मेडिकल संस्थाओं को जून से लेकर नवंबर तक प्रदेश के विभिन्न शहरों एवं कस्बों में जमीनों का आवंटन किया था। ये आवंटन आवासन मंडल,स्थानीय निकाय एवं यूआईटी के माध्यम से किया गया था । सबसे अधिक 30 संस्थाओं एवं ट्रस्टों को जयपुर एवं 29 को भीलवाड़ा में आवंटन किया गया था,शेष आवंटन अन्य स्थानों पर किए गए।
गहलोत सरकार द्वारा मंगवाई गई रिपोर्ट में सामने आया कि जिन संस्थाओं एवं ट्रस्टों को आवंटन किया गया उनमें से अधिकांश के प्रबंधक भाजपा या आरएसएस के पदाधिकारी है । राज्य के 23 जिलों में भाजपा कार्यालय निर्माण के लिए किए गए जमीनों के आवंटन को भी निरस्त करने की तैयारी की जा रही है। नगरीय विकास मंत्री के निर्देश पर स्थानीय निकाय विभाग,सभी यूआईटी,आवासन मंडल,राजस्व विभाग और जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं।
मंत्री और पूर्व मंत्री ने यह कहा
धरीवाल ने कहा कि पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद अनियमितता वाली जमीनों का आवंटन रद्द होगा। धारीवाल ने कहा कि अंतिम छह माह में ही बड़ी संख्या में जमीनों का आवंटन कर दिया गया तो पांच साल में तो काफी कुछ घपला हुआ होगा।
उधर भाजपा सरकार में स्वायत्त शासन मंत्री रहे श्रीचंद कृपलानी का कहना है कि बीजेपी शासन में नियमों को ध्यान में रखकर ही जमीनों का आवंटन किया गया था । उधर भाजपा कार्यालय में जमीन आवंटन प्रक्रिया से जुड़े सतीश सरीन का कहना है कि पार्टी ने डीलसी रेट से 15 प्रतिशत अधिक दर पर आवंटन कराया है।