Farmers Protest: वसुंधरा और पायलट अब खुलकर मैदान में आएंगे, सचिन पायलट जिलों में करेंगे किसान सम्मेलन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मतभेद के चलते नाराज चल रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट जिलों में किसान सम्मेलन कर अपनी ताकत दिखाएंगे। राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश नेतृत्व से नाराज दो दिग्गज नेता अब खुलकर मैदान में आने की तैयारी कर रहे हैं।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश नेतृत्व से नाराज दो दिग्गज नेता अब खुलकर मैदान में आने की तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मतभेद के चलते नाराज चल रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट जिलों में किसान सम्मेलन कर अपनी ताकत दिखाएंगे। पायलट के किसान सम्मेलनों की शुरूआत शुक्रवार से होगी। उनका पहला किसान सम्मेलन शुक्रवार को दौसा में और दूसरा 9 फरवरी को दौसा में होगा। 10 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी पायलट के किसान सम्मेलनों का सिलसिला जारी रहेगा।
फरवरी के अंत में उनका मुख्यमंत्री के गृहसंभाग जोधपुर के बाड़मेर व नागौर में किसान सम्मेलन कर अपनी ताकत दिखाने का कार्यक्रम है। पायलट खेमे के अनुसार अप्रैल माह तक प्रदेश के सभी 33 जिलों में किसान सम्मेलन आयोजित कर लिए जाएंगे। इसके बाद मई से पायलट तहसील मुख्यालयों का दौरा शुरू करेंगे। उधर भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया व उप नेता राजेंद्र राठौड़ की तिकड़ी के कामकाज के तरीकों से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने समर्थकों को एकजुट करना शुरू कर दिया है। पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में रह रही वसुंधरा राजे अगले सप्ताह जयपुर आएंगी। जयपुर में वे अपने समर्थक विधायकों वे जिला स्तर के नेताओं से मुलाकात करेंगी।
वसुंधरा राजे के विश्वस्त पूर्व मंत्री युनूस खान व प्रताप सिंह सिंघवी अपने खेमे के नेताओं को एकजुट करने में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार तीन दिन पहले दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान भी वसुंधरा राजे ने प्रदेश नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी के कारणों का खुलासा किया। इन दिनों दिल्ली में रहकर वसुंधरा राजे केंद्रीय मंत्रियों व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातों में व्यस्त है। एक-दो दिन में वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मिल सकती है।
पायलट और वसुंधरा की नाराजगी के कारण
पिछले साल बगावत के बाद वापसी करने वाले पायलट को कांग्रेस आलाकमान ने वादा किया था कि उनके उन समर्थक विधायकों को फिर से मंत्री बनाया जाएगा, जिन्हे मुख्यमंत्री ने बर्खास्त कर दिया था। इसके साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों का काम भी शीघ्र होगा, जिसमें उनके समर्थकों को महत्व दिया जाएगा। लेकिन वादे के अनुसार ऐसा नहीं होता देख पायलट अब सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी दिखाने की तैयारी में जुटे हैं। इसी के तहत वे किसान सम्मेलन कर रहे हैं। वहीं, वसुंधरा राजे की नाराजगी प्रदेश के मौजूदा नेतृत्व से इस बात को लेकर है कि संगठनात्मक निर्णयों में उनकी राय नहीं ली जाती। प्रदेश नेतृत्व संगठन में नियुक्तियों सहित विभिन्न फैसलों में वसुंधरा राजे को दनकिनार कर रहा है।
सूत्राें के अनुसार पंचायत और नगर निकाय चुनाव के परिणामों को ब्यौरा भी वसुंधरा राजे ने तथ्यों के साथ अमित शाह को सौंपा है कि किस तरह से जनसंघ के समय से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गढ़ रहे कोटा और जयपुर में भाजपा की हार हुई है।