Rajasthan: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
Rajasthan केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान को शर्मसार करने की जिम्मेदारी लेने के बजाय सरकार सबूतों को मिटाने का काम कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बड़ा अपराध कोई सरकार नहीं कर सकती है।
जोधपुर, संवाद सूत्र। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान की कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शेखावत ने कहा कि सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने सुशासन-सुरक्षा देने का वादा किया था, लेकिन आज राजस्थान रेपिस्तान के रूप में देश में उभरा है। राजस्थान को शर्मसार करने की जिम्मेदारी लेने के बजाय सरकार सबूतों को मिटाने का काम कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बड़ा अपराध कोई सरकार नहीं कर सकती है। राज्य की जनता इन अपराधों का गिन-गिनकर बदला आने वाले चुनाव में लेने वाली है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत अपने संसदीय क्षेत्र में थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राजस्थान में 19,500 से ज्यादा मुकदमे महिलाओं के प्रति अपराध के दर्ज हुए हैं। महिलाओं-छोटे बच्चों के प्रति अपराध और सामूहिक दुष्कर्म की सर्वाधिक घटनाओं वाला प्रदेश राजस्थान बना है। जिस तरह की घटनाएं अभी-अभी बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, अलवर में हुईं, उससे राजस्थान शर्मसार हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसा राजस्थान, जिसकी इतनी समृद्ध परंपराएं थीं, जो मीराबाई और पन्नाधाय का प्रदेश था, जो जोहर और सतियों की धरती थी, वो प्रदेश आज इस शासन व्यवस्था की लचरता के कारण से देश-दुनिया में कलंकित हुआ है।
दस दिनों में कर्जमाफी का क्या हुआ?
किसानों की कर्जमाफी पर शेखावत ने कहा कि कांग्रेस पर देश की जनता का विश्वास पहले ही समाप्त हो गया था। राजस्थान के किसानों को कांग्रेस नेतृत्व ने 10 तक की गिनती सुनाकर विश्वास दिलाया था कि दस दिन में कर्जमाफ हो जाएगा। आज ऐसे गरीब किसान, जिसका एक बेटा सीमा पर शहीद हुआ, दूसरा दिव्यांग है, उसकी जो थोड़ी सी जमीन बची थी, वो बैंक ने नीलाम कर दी। अब इस सरकार ने आनन-फानन में घोषणाएं की हैं, लेकिन राजस्थान का किसान पूछना चाहता है कि जो पहली घोषणा आपकी थी कि हम दस दिन में संपूर्ण कर्जमाफ करेंगे, उसका क्या हुआ?
जल जीवन मिशन को मिलेगा पर्याप्त बजट
आगामी केंद्रीय बजट को लेकर उन्होंने कहा कि अभी प्राथमिकता जल है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जिस तरह से पिछले सालों में जल जीवन मिशन को आगे बढ़ाया है, मुझे उम्मीद है कि मिशन के लिए इस बार भी पर्याप्त बजट मिलेगा, जिससे मिशन के लक्ष्य को वर्ष 2024 तक पूरा किया जा सके।
यूपी में भाजपा की एकतरफा जीत निश्चित
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस प्रकार के सुशासन को दिया है, राज्य को गुंडाराज से मुक्ति दिलाई है, सबका साथ-सबका विकास के नारे को लेकर गरीबों के जीवन में परिवर्तन लाया है, कोरोना महामारी के दौरान अच्छा काम किया है, उससे भाजपा की एकतरफा जीत निश्चित है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा कि कांग्रेस और उसके नेतृत्व ने पिछले पांच साल में उत्तर प्रदेश में घूम-घूमकर माहौल बनाने की कोशिश की थी, लेकिन जनता का ठंडा रिस्पांस देखकर कांग्रेस ने वहां से विड्रॉ कर लिया है।
पंजाब में लोगों का भाजपा में विश्वास बढ़ा
पंजाब में भाजपा के चुनाव प्रभारी शेखावत ने कहा कि राज्य में भाजपा के साथ जो लोग जुड़ रहे हैं, वो केवल और केवल पंजाब के भविष्य की दृष्टि से जुड़ रहे हैं। जिस स्तर के लोग भाजपा में आए हैं, उससे लोगों का विश्वास बढ़ा है कि अबकी बार भाजपा के नेतृत्व में ये गठबंधन राज्य में सरकार बनाएगा।
अलवर केसः भाजपा का आरोप, सच छिपाना चाहती है सरकार
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के अलवर में मूक-बधिर नाबालिग के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सच छिपाने का आरोप लगाया है। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार सच्चाई सामने नहीं आने देना चाहती है। शनिवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए पूनिया ने कहा कि सरकार अपराधियों को बचाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक पूर्णकालिक गृहमंत्री की जरूरत है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह विभाग की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अलवर मामले की जांच में पुलिस ढिलाई बरत रही है। लगातार यू टर्न लिया जा रहा है। उससे लगता है कि सरकार सच्चाई सामने नहीं आने देना चाहती है। पूनिया ने उदयपुर में आदिवासी महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले की निंदा करते हुए कहा कि अपराधियों में बिल्कुल भय नहीं है। उदयपुर में पुलिस चौकी से 250 मीटर दूरी पर विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जाना निंदा की बात है। राज्य में कही भी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार के 5800 मामले कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि तीन साल में एक लाख 17 हजार से ज्यादा मामले महिला अत्याचार के पुलिस थानों में दर्ज हुए हैं।