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गहलोत सरकार ने पूरा किया एक और चुनावी वादा, इस दिन से मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पदभार ग्रहण समारोह में घोषणा की कि लड़कियों को 3500 रुपये और लड़कों को 3000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 11:56 AM (IST)
गहलोत सरकार ने पूरा किया एक और चुनावी वादा, इस दिन से मिलेगा बेरोजगारी भत्ता
गहलोत सरकार ने पूरा किया एक और चुनावी वादा, इस दिन से मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

जयपुर,जेएनएन। राजस्थान में बेरोजगारों को एक मार्च से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पदभार ग्रहण समारोह में इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि लड़कियों को 3500 रुपये और लड़कों को 3000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।

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राजस्थान में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सभी बेरोजगारों को 3500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी। यह भत्ता स्नातक स्तर की शिक्षा पूरी करने के बाद दो वर्ष तक दिया जाएगा। समारोह में गहलोत ने कहा कि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में 600 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया था। इस बार इसे बढ़ाकर 3500 रुपये करने का वादा किया था। हम एक फरवरी से इसकी प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं और एक मार्च से बेरोजगारों को भत्ता मिलने लगेगा।

लोकसभा चुनाव में बड़े फायदे की उम्मीद

सरकार को इस घोषणा से लोकसभा चुनाव में बड़े फायदे की उम्मीद है। राजस्थान में इस बार के विधानसभा चुनाव में कुल 4.74 करोड़ मतदाताओं में से करीब ढाई प्रतिशत मतदाता ऐसे थे, जिनकी उम्र 18 से 19 वर्ष के बीच थी। लोकसभा चुनाव में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि और नए नाम जोड़े जा रहे हैं। ऐसे में युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए आचार संहिता लगने से ठीक पहले बेरोजगारी भत्ते को बड़ी सौगात के रूप में देखा जा रहा है।

भाजपा कर रही थी आंदोलन

भाजपा ने हाल में सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ प्रदेशभर में धरना दिया था और अब आठ फरवरी को जेल भरो आंदोलन की तैयारी कर रही है। भाजपा की मांगों में बेरोजगारी भत्ता देने की तिथि घोषित करना प्रमुख मांग थी। अब गहलोत की घोषणा के बाद भाजपा के आंदोलन का एक मुद्दा खत्म हो गया है। हालांकि, किसान कर्ज माफी व आर्थिक रूप से पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण की मांग का मुद्दा कायम है।


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