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राजस्थान के सवाईमाधोपुर स्थित रणथंभौर में टेरिटरी को लेकर दो बाघिन बहनों में संघर्ष

वनकर्मियों के अनुसार टेरिटरी को लेकर हुए संघर्ष में दोनों ही बाघिन बहनों को सामान्य चोट लगी है। दोनों ही स्वस्थ है। एडरोहेड रिद्धि और सिद्धि का मूवमेंट काफी समय से रणथंभौर नेशनल पार्क का जोन नंबर-4 बना हुआ है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 02:01 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 02:01 PM (IST)
राजस्थान के सवाईमाधोपुर स्थित रणथंभौर में टेरिटरी को लेकर दो बाघिन बहनों में संघर्ष
रणथंभौर अभयारण्य में बाघिन टी-84 (एडरोहेड) की दो बेटियों रिद्धि और सिद्धि के बीच नया संघर्ष हुआ।

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सवाईमाधोपुर स्थित रणथंभौर अभयारण्य में बाघों के बीच इलाके को लेकर आपसी संघर्ष बढ़ता जा रहा है। यहां बाघिन टी-84 (एडरोहेड) की दो बेटियों रिद्धि और सिद्धि के बीच नया संघर्ष हुआ। टेरिटरी को लेकर दोनों बाघिन बहनों के बीच मंगलवार को जमकर संघर्ष हुआ। दोनों बहनों के इस संघर्ष का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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मंगलवार को शाम की पारी में रणथंभौर टाइगर देखने पहुंचे पर्यटकों ने दोनों बहनों का आपसी संघर्ष अपने कैमरे में कैद किया। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रणथंभौर के जोन नंबर-4 में दोनों बाघिन बहनों के बीच एक बार फिर तालाम में जोरदार संघर्ष हुआ। इससे पहले भी दोनों के बीच संघर्ष हो चुका है। टेरिटरी को लेकर बाघिन रिद्धि अपनी मां एरोहेड़ से भी संघर्ष कर चुकी है। तीनों मां-बेटियों के बीच बढ़ते संघर्ष को देखते हुए वन विभाग ने मॉनिटरिंग बढ़ा दी है। उनके प्रत्येक मूवमेंट पर वन विभाग की टीम नजर रख रही है।

वनकर्मियों के अनुसार टेरिटरी को लेकर हुए संघर्ष में दोनों ही बाघिन बहनों को सामान्य चोट लगी है। दोनों ही स्वस्थ है। एडरोहेड, रिद्धि और सिद्धि का मूवमेंट काफी समय से रणथंभौर नेशनल पार्क का जोन नंबर-4 बना हुआ है। वन विभाग की ओर से लगाए गए कैमरों की रिकॉर्डिंग लगातार जांची जा रही है। वनकर्मी सुबह और शाम दोनों पारियों में तीनों मां-बेटियों पर नजर रखे हुए हैं। पानी वाले स्थान पर विशेष चौकसी की जा रही है। उधर प्रदेश में फैल रहे बर्ड फ्लू को देखते हुए वन विभाग ने रणथंभौर के साथ ही सरिस्का में भी विशेष निगरानी के प्रबंध किए हैं। वन विभाग को इस बात की चिंता है कि कहीं बर्ड फ्लू का प्रकोण इन दोनों टाइगर रिजर्व में नहीं फैल जाए, अगर ऐसा हो गया तो वन्यजीवों का काफी नुकसान हो सकता है। 


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