Move to Jagran APP

Rajasthan : सरिस्का अभयारण्य में एक सप्ताह से लापता है दो टाइगर, तलाशी में जुटी टीमें

सरिस्का अभयारण्य में एक बार फिर दो टाइगर लापता हो गए। एक सप्ताह से ना तो इन दोनों टाइगरों के पगमार्क मिल रहे हैं और ना ही सीसीटीवी कैमरों में इनकी गतिविधियां कैद हुई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 02:31 PM (IST)
Rajasthan : सरिस्का अभयारण्य में एक सप्ताह से लापता है दो टाइगर, तलाशी में जुटी टीमें
Rajasthan : सरिस्का अभयारण्य में एक सप्ताह से लापता है दो टाइगर, तलाशी में जुटी टीमें

जयपुर, जागरण संवाददाता। बड़ी मुश्किल से आबाद हुए सरिस्का अभयारण्य में एक बार फिर दो टाइगर लापता हो गए। एक सप्ताह से ना तो इन दोनों टाइगरों के पगमार्क मिल रहे हैं और ना ही सीसीटीवी कैमरों में इनकी गतिविधियां कैद हुई है। लापता टाइगर एसटी-20 और एसटी 21 को तलाशने के लिए वन विभाग ने आधा दर्जन टीमें तैनात की है, उच्च स्तर से निगरानी रखी जा रही है। इन दोनों टाइगरों की अंतिम लोकेशन 11 सितंबर को सीसीटीवी कैमरों में तालवृक्ष रेंज में कैद हुई थी। ये दोनों टाइगर सरिस्का में ही पैदा हुए थे। इन टाइगरों की मॉनिटरिंग पगमार्क व सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से होती है।

loksabha election banner

सरिस्का के वन अधिकारी सुदर्शन शर्मा ने बताया कि पिछले महीने भी दाेनाें बाघ लापता रहे थे, बाद में उनके पगमार्क मिल गए।इन दोनों टाइगरों की जिस इलाके में टेरिटरी है,वहां कई बार टाइगर एसटी-13 भी आ जाता है। यह भी संभव है कि दोनों लापता टाइगर कहीं पहाड़ी इलाके में चले गए हो, बारिश का मौसम होने के कारण इन दिनों चारों तरफ पानी उपलब्ध है। इस कारण इनके पहाड़ी इलाके में जाने की संभावना है। इनकी तलाश के लिए वन्यजीव कर्मियों की टीमें लगाई गई है।

उल्लेखनीय है कि सरिस्का अभयारण्य में साल 2005 में पूरी तरह से टाइगर का सफाया हो गया था। इससे पहले यहां 35 टाइगर थे। उस समय कई टाइगरों के शिकार हुए थे। जांच में सामने आया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिकारी गिरोह सरिस्का में सक्रिय थे और इन्होंने ही यहां से टाइगरों का सफाया किया था। इसके बाद 2008 में सरिस्का में फिर से टाइगर का पुनर्वास शुरू हुआ। यहां टाइगर की कुल संख्या 12 तक पहुंच गई।

सरिस्का में बाघाें के पुनर्वास के बाद शिकार की घटनाएं हुई हैं। रणथंभाैर से शिफ्ट किए गए पहले टाइगर एसटी-1 की जहर देकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद टाइगर एसटी-11 का फंदा लगाकर शिकार किया गया और फिर एसटी-5 की तारों में फंसने से मौत हो गई । एसटी-5 को शिकारियों ने फंदा लगाने के बाद गोली से मार दिया था। इसके बाद इसकी खाल,नाखून व मांस को गुडगांव के एक दलाल को बेचा था। बाद में इस मामले मं अलवर के मालाखेड़ा निवासी सरफुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। शेष आरोपित अभी तक फरार है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.