Makar Sankranti 2021: राजस्थान में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान हादसों में दो की मौत, कई घायल
Makar Sankranti 2021 कोटा में पतंग लूटते समय एक बालक की मौत हो गई। 14 वर्षीय बालक करम बैरवा पतंग लूटता हुआ रेल की पटरी पर चला गया और ट्रेन के इंजन से टकरा गया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Makar Sankranti 2021: राजस्थान में मकर संक्रांति का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। कोरोना महामारी के कारण करीब 10 माह के बाद यह पहला पर्व है, जिसे लोगों ने खुलकर मनाया। लेकिन उत्साह के बीच पतंगबाजी के दौरान कुछ हादसे भी हुए हैं। कोटा में पतंग लूटते समय एक बालक की मौत हो गई। 14 वर्षीय बालक करम बैरवा पतंग लूटता हुआ रेल की पटरी पर चला गया और ट्रेन के इंजन से टकरा गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। झुंझुनूं में पतंगबाजी के दौरान 70 साल की एक बुजुर्ग महिला मोहीनी की चाइनीज मांझे से पैर कटने के कारण मौत हो गई। दौसा के लालसोट में एक व्यक्ति चाइनीज मांझे से गर्दन कटने के कारण घायल हो गया।
सीकर में चाइनीज मांझे के कारण 13 लोग घायल हो गए। इन सभी को सरकारी कल्याण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जयपुर में चाइनीज मांझे के कारण पांच लोगों के घायल होने की बात सामने आई है। प्रदेशके अन्य जिलों में भी पतंगबाजी के दौरान हादसे हुए हैं। उधर, मकर संक्रांति के पर्व पर प्रदेश की धार्मिक नगरी पुष्कर में लोगों ने सुबह जल्द ही श्रद्धालुओं ने स्नान कर ब्रह्मा मंदिर में दर्शन किए। पुष्कर सरोवर में स्नान-ध्यान और मंदिरों में प्रभु की आराधना का सिलसिला दिनभर चलता रहा।
उदयपुर में चाइनीज मांझे ने ली बाइक सवार की जान
उदयपुर, संवाद सूत्र। चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहा है। मकर संक्रांति के दिन उदयपुर जिल के खेरवाड़ा कस्बे में चाइनीज मांझे ने बाइक सवार एक युवक की जान ले ली। मांझे से उसकी गर्दन पर ऐसा घाव बना कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना गुरुवार को खेरवाड़ा कस्बे के हाइवे स्थित होटल भाग्योदय के समीप हुई। जिसमें पतंग के मांझे से 22 वर्षीय बाइक सवार युवक नयागांव निवासी लक्ष्य कुमार पुत्र अशोक सुथार की गर्दन पर ऐसा गहरा घाव बना कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है युवक अपने साथी के साथ बस स्टैण्ड की ओर जा रहा था कि तभी अचानक पतंग का धागा उसके गले से रगड़ खा गया। गले में बने गहरे घाव के चलते वह चीखते हुए सड़क पर गिर गया। उसके मित्र तथा अन्य लोगों ने उसे संभाला उसने मौके पर ही तड़पते हुए जान दे दी।
बताया गया कि चाइनीज़ धागे की धार इतनी तेज थी की गर्दन पर गहरे तक कट लग गया था और खून का फव्वारा बहने लगा। जिसकी सूचना लोगों के जरिए पुलिस को मिली। युवक को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी मौत की पुष्टि की। मौके पर खेरवाड़ा थानाधिकारी श्याम सिंह चारण पहुंचे तथा घटना की जानकारी ली। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया। बताया गया कि मृतक के पिता कुवैत में काम करते हैं, इसलिए उसके ताऊजी एवं अन्य निकटतम परिजन अस्पताल पहुंचे थे। परिजनों एवं लोगों ने इस घटना को लेकर गुस्सा जताया और कहा कि रोक के बावजूद धड़ल्ले से चाइनीज मांझा बिक रहा है। इस घटना की जिम्मेदारी प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई है और प्रशासन को मृतक के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए।
अजमेर में मकर सक्रांति पर कंबल बांटे
अजमेर, संवाद सूत्र। मकर संक्रांति पर गुरुवार को तीर्थराज पुष्कर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। लोगों ने पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान कर जगतपिता ब्रह्मा के दर्शन किए। इस मौके पर जगतपिता का विशेष श्रंगारभी किया गया था। युवाओं ने पतंगए उड़ाई व मनोरंजन के खेल खेले। लोगों ने एक दूसरे का तिल से बने व्यंजनों का भोग लगाकर मुंह मीठा कराया व नए साल की शुभकामना दी। सरोवर के घाटों पर श्रद्धालुओं का सुबह सेे सैलाब उमड़ना शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान के साथ ही दान पुण्य किया। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सेवा भारती समिति पुष्कर द्वारा गुरुवार को जरूरतमंद लोगों को सर्दी से बचाव के लिए गर्म शॉल का वितरण किया।
सेवा भारती के संरक्षक बाल किशन पाराशर ने बताया कि आज ही के दिन सूर्य उत्तरायण में आता है। सूर्य जब दक्षिणायन में होता है तो उसे देवताओं की रात्रि कहा जाता है ओर जब सूर्य उत्तरायण में आता है तो देवताओं का दिन कहा जाता है। इसी कारण उत्तरायण में आने के विशेष दिवस के कारण इस दिन तीर्थों में स्नान, जप, तप, साधना, ओर विशेष रूप से दान का विशेष महत्त्व है इसी दान के पर्व पर सेवा भारती समिति ने मानवता की सेवा के लिए कंबल वितरित किए। विहिप के जिला मंत्री विष्णु शर्मा ने भी दान के महत्त्व को मानवता की सच्ची सेवा बताया। नगर मंत्री नेहरू पंडित ने बताया कि सर्दी से बचाव के लिए आज 50 जरूरतमंद लोगों को उनकी बस्तियों में जाकर कंबल वितरित किया गया।