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Rajasthan: सौ गांवों को गोद लेगा यह विश्वविद्यालय, स्वावलंबन की देगा शिक्षा

Rajasthan गोद लिए जाने वाले गांवों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से दिशा व दशा में बदलाव के लिए कार्य शुरू किए जाएंगे। कुलपति ने बताया कि विद्यापीठ गोद लिए गांवों की महिलाओं व युवा बेरोजगारों को सशक्त बनने के उद्देश्य से वहां स्किल आधरित पाठ्यक्रम शुरू करेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 06:45 PM (IST)
Rajasthan: सौ गांवों को गोद लेगा यह विश्वविद्यालय, स्वावलंबन की देगा शिक्षा
राजस्थान के सौ गांवों को गोद लेगा उदयपुर का यह विश्वविद्यालय, स्वावलंबन की देगा शिक्षा। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की रिसर्च व एकेडमिक कौंसिल की बैठक शुक्रवार को प्रतापनगर स्थित प्रशासनिक भवन सभागार में कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत की अध्यक्षता में हुई। इसमें मेवाड़ के सौ गांव गोद लिए जाने सहित अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। गोद लिए जाने वाले गांवों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से दिशा व दशा में बदलाव के लिए कार्य शुरू किए जाएंगे। कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि विद्यापीठ गोद लिए गांवों की महिलाओं व युवा बेरोजगारों को सशक्त बनने के उद्देश्य से वहां स्किल आधरित पाठ्यक्रम शुरू करेगा। उन्हें उन्हीं के गांव में स्वावलंबन की शिक्षा मिलेगी। विद्यापीठ के कृषि महाविद्यालय की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके माध्यम से उन्नत बीज से अधिक पैदावार कैसे लें व केंद्र राज्य सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में लागू की गई योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा विद्यापीठ ने मेवाड लोक संत बावजी चतुर सिंह, संत शिरोमणि भूरी बाई को चिर स्थायी बनाने के उद्देश्य से पीठ की स्थापना करने का निर्णय किया। अब इनके बारे में वर्ष भर कार्यशाला, सेमीनार, वार्ता के साथ साथ उनके निष्कर्षों पर शोध कार्य किया जाएगा। जिसे प्रकाशित कर आमजन के लिए सुलभ कराया जाएगा।

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बनाएंगे म्यूजियम, जिसमें 85 वर्ष की विकास यात्रा की झलक दिखेगी

बताया गया कि भारतीय कला संस्कृति, विरासत को संजोए रखने के उद्देश्य से विद्यापीठ के प्रतापनगर परिसर में म्यूजियम बनाया जाएगा। जिसमें भारत, राजस्थान सहित की कला संस्कृति के दर्शाने के साथ साथ विद्यापीठ की 85 वर्ष की विकास यात्रा की झलक नजर आएगी। जिसमें संस्थापक पंडित नागर कक्ष की स्थापना की जाएगी, जिसमें उनके द्वारा किए गए कार्यों व साहित्य को दर्शाया जायेगा। श्रमजीवी महाविद्यालय परिसर में इसी सत्र से शूटिंग रेंज की स्थापना की जाएगी, जिसमें युवा खिलाड़ियों को इसका लाभ मिलेगा। श्रमजीवी महाविद्यालय में आगामी सत्र से कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय अंग्रेजी माध्यम का महाविद्यालय खोला जाएगा। इसके अलावा प्रतापनगर परिसर में एचआर, रिसर्च, स्किल डेवलपमेंट व प्लेसमेंट सेल की स्थापना की जाएगी। शारीरिक शिक्षा विभाग की ओर पीजी डिप्लोमा इन स्पोर्टस कोचिंग पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें जूडो, कुश्ती, बाक्सिंग, योगा, बास्केटबॉल, खो खो, कबड्डी, फुटबाल, वालीबाल सहित अन्य खेलों रुचि रखने वाले खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा।

जैविक उत्पादों का आमजन को मिलेगा लाभ

कृषि महाविद्यालय द्वारा आर्गोनिक उत्पाद को आम जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से अप्रेल माह से टाउन हाल रोड स्थित भवन में आउट लेट खोला जाएगा। जिसमें सभी तरह के अनाज, सब्जियां, अचार, मुरब्बा, सास, शर्बत के अलावा अन्य उत्पाद आम जन के लिए उपलब्ध होंगे।  


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