Move to Jagran APP

राजस्थान के तीन जिलों में राज्य के औसत से दोगुनी बारिश

Rain in Rajasthan. राजस्थान के तीन जिले प्रतापगढ़ बूंदी और झालावाड़ में एक हजार मिलिमीटर से ज्यादा बारिश हो चुकी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 03:22 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 03:22 PM (IST)
राजस्थान के तीन जिलों में राज्य के औसत से दोगुनी बारिश
राजस्थान के तीन जिलों में राज्य के औसत से दोगुनी बारिश

जयपुर, मनीष गोधा। राजस्थान में मानसून अब अंतिम दौर में पहुंच गया है, लेकिन इस बार मानसून ने जमकर कृपा बरसाई है। राज्य के तीन जिले प्रतापगढ़, बूंदी और झालावाड़ में एक हजार मिलिमीटर से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जबकि राज्य का औसत 537 मिलिमीटर (21 इंच) का है। राज्य के बांधों में भी भरपूर पानी आया है और कुल भराव क्षमता का 81 प्रतिशत पानी अब तक आ चुका है। राजस्थान में पिछले वर्ष रहे कमजोर मानसून की कसर इस बार निकल गई है। राज्य में इस बार बारिश देर से आई, लेकिन ज्यादातर जिलों में जमकर बरसी।

loksabha election banner

राज्य में अब तक 652.23 मिलिमीटर (25 इंच से अधिक) बारिश हो चुकी है जो अब तक की औसत बारिश के मुकाबले 35 प्रतिशत ज्यादा है। राज्य के 33 में से 28 जिलों में औसत से लेकर असामान्य तक बारिश दर्ज की जा चुकी है। राज्य में अब तक सर्वाधिक 1146 मिमी (45 इंच) बारिश झालावाड़ जिले में हुई है जो इस जिले की औसत बारिश से 47 प्रतिशत ज्यादा है। संभागवार देखें तो राज्य के सात प्रशासनिक संभागों में से चार संभाग अजमेर, जयपुर, कोटा और उदयपुर औसत से अधिक बारिश की श्रेणी में आ रहे हैं। बादलों का अजीब खेल इस जोरदार बारिश में भी बादलों का अजीब खेल दिख रहा है।

एक जिले में अत्यधिक बारिश हो रही है, जबकि उसके बिल्कुल पास का जिला सामान्य से कम बारिश की श्रेणी में है। बीकानेर संभाग में चुरू जिला जो अपनी अत्यधिक गर्मी और सर्दी के लिए जाना जाता है, वहां इस बार बारिश भी खूब हुई है और अब तक औसत से 26 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है, लेकिन इसके तीनों पड़ोसी जिले बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ औसत से कम बारिश वाले जिलों की श्रेणी में हैं। श्रीगंगानगर में तो सामान्य से 34 और हनुमानगढ़ में 47 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है। रेगिस्तान में भी बही धार आमतौर पर पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके तक पहुंचने तक मानसून की धार कमजोर पड़ जाती है, लेकिन इस बार रेगिस्तान भी तर हुआ है।

जोधपुर में औसत से 45 प्रतिशत, बाड़मेर में 13 प्रतिशत और जैसलमेर में 6.7 प्रतिशत अधिक पानी बरसा है। बांधों में आया 81 प्रतिशत पानी नदियों के अभाव वाले राजस्थान में तालाब और बांध ही सतही जल का एकमात्र स्रोत हैं। मानसून की शुरआत से पहले इनमें सिर्फ 26 प्रतिशत पानी था और 810 में से सिर्फ पांच बांध भरे हुए थे। अब मानसून के अंतिम दौर तक 81 प्रतिशत पानी आ चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.