Coronavirus: आपका जरूरी सामान आधे से एक मिनट में संक्रमण मुक्त करेगी यह मशीन
Coronavirus. यह स्टार्टअप जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान के इन्क्युबेशन सेंटर से जुड़ा है।
मनीष गोधा, जयपुर। Coronavirus. कोरोना संक्रमण के बाद अब ऐसे उपकरणों की मांग काफी बढ़ रही है, जो हमारे लैपटाॅप, मोबाइल, घड़ी और अन्य जरूरी सामान को संक्रमण मुक्त कर दें। जयपुर के एक स्टार्टअप ने ऐसी ही एक ऑटोमेटिक अल्ट्रावाइलेट स्टेरेलाइजर मशीन बनाई है, जो आपकी सब्जियों से लेकर लैपटाॅप, मोबाइल और आपके मास्क आदि को भी सिर्फ आधे से एक मिनट में संक्रमण मुक्त कर देगी। यह स्टार्टअप जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) के इन्क्युबेशन सेंटर से जुड़ा है। स्टार्टअप की बनाई यह मशीन हाल में जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल को दी गई है, जो अस्पताल के चिकित्सकीय उपकरणों, मोबाइल, लैपटॉप, ग्लोव्स, मास्क, और सभी प्रकार के आवश्यक वस्तुओं को संक्रमणमुक्त करने में काम आएगी। यह स्टार्टअप निम्न वर्ग के लोगों के लिए 15 हजार रुपये तक की इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार करने में भी जुटा है।
एमएनआईट का इन्क्युबेशन सेंटर कोरोना के इस समय में अपने से जुडे स्टार्टअप्स के माध्यम से कई ऐसे उत्पाद तैयार करवा चुका है, जो संक्रमण से दूर रखने में सहायक है। इसी कड़ी में यह अल्ट्रावाइलेट स्टरलाइजर मशीन भी बनाई गई है। जयपुर के एक निजी इंजीनियरिंग काॅलेज के दो पूर्व छात्र जितेश त्रिवेदी व जर्नादन व्यास तथा आईआईटी दिल्ली की पूर्व छात्रा कीर्ति मथुरिया का यह स्टार्टअप इन्क्युबेशन सेंटर के हेड ज्योतिमर्य माथुर और स्टार्टअप के मेंटोर अरूण कुमार वर्मा के निर्देशन में पिछले छह माह से काम कर रहा है। स्टार्टअप से जुड़े जितेश त्रिवेदी का दावा है कि उनका बनाया यह उपकरण इसी तरह के अन्य उपकरणों से इस मायने में अलग है कि यह सबसे कम समय सिर्फ आधे से एक मिनट में सामान को संक्रमणमुक्त करता है।
इसके अलावा इसका डिजाइन भी अलग है और इसकी खूबी यह है कि सामान रखने के लिए जब इसे खोला जाता है कि इसके अंदर की यूवी लाइट बंद हो जाती है। ऐसे मेें सामान रखते समय इस लाइट से त्वचा को होने वाले नुकसान का खतरा नहीं रहता। इसके अलावा इसमें टाइमर है, जो सामान के संक्रमणमुक्त होते ही इसे बंद कर देता है। ऐसे में सामान को कोई नुकसान नहीं होता। जितेश ने बताया कि हमने अभी जो बनाया है, वह अस्पताल की जरूरत के हिसााब से बनाया है। इसकी कीमत 14 से 17 हजार के बीच की है। अब हम घरेलू जरूरत के हिसाब से भी ऐसा ही एक उपकरण बना रहे है जो 10 से 12 हजार रुपये की कीमत में मिलेगा। जितेश का दावा है कि इसका सबसे बडा फायदा यह है कि आपके एन 95 जैसे मास्क, पीपीई किट आदि को संक्रमणमुक्त कर दोबारा काम में लिया जा सकेगा। जितेश ने कहा कि हमारी मशीन की कीमत जरूर ज्यादा है, लेकिन सामान को संक्रमणमुक्त करने का समय इसी तरह के किसी भी अन्य उपकरण के मुकाबले सबसे कम है।
अब तक इलेक्ट्रिक साइकिल बना रहे थे
जितेश ने बताया कि हमने यह स्टार्टअप इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने के लिए शुरू किया था। कोरोना से पहले हमने बीस ऐसी साइकिलेें बनाई थी। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल इसका उदघाटन कर के गए थे। जितेश ने बताया कि उनकी इलेक्ट्रिक साइकिल सिर्फ आधी यूनिट में फुल चार्ज हो जाती है और एक चार्ज में 35 किलोमीटर तक चलती है। यानी सिर्फ तीन रुपये में 35 किलोमीटर का सफर तय किया जा सकता है। यदि पैडल का इस्तेमाल किया जाए तो यह 60 किलोमीटर तक चल सकती है। उन्होंने बताया कि अभी इसकी लागत 20 से 30 हजार के बीच आ रही है। अब एमएनआईटी ने हमें 15 हजार तक की कीमत की साइकिल बनाने के लिए भी कहा है, ताकि निम्न वर्ग के लोग भी ऐसी साइकिल ले सकें। इस पर हमारा काम चल रहा है।