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Coronavirus Effect: हज के सफर पर भी कोरोना संक्रमण की छाया, मुश्किल के साथ महंगा भी हुआ सफर

अब हज यात्रियों को अधिक पैसे चुकाकर पहले की अपेक्षा वहां दस दिन कम ठहराया जाएगा। साथ ही संक्रमण के दृष्टिगत आयु संबंधी नियम-कायदे भी लागू किए गए हैं। जाहिर है कि हज का पवित्र सफर करना मुश्किल होता जा रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 09:18 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 09:18 AM (IST)
कोरोना महामारी के चलते मक्का-मदीना का मुकद्दस सफर भी महंगा हो गया है।

जोधपुर, रंजन दवे। कोरोना महामारी के चलते मक्का-मदीना का मुकद्दस सफर भी महंगा हो गया है। अगले साल संक्रमण से बचाव के विशेष प्रबंधों के साथ नबी के रोजे की जियारत की ख्वाहिश रखने वाले अकीदतमंदों को करीब एक लाख रुपए अधिक चुकाने पड़ेंगे। ग्रीन व अजीजिया दोनों ही श्रेणी के हज यात्रियों पर यह बोझ बढ़ेगा। नए बरस में हज यात्रा पर जाने वालों को तीन से सवा तीन लाख रुपए अदा करने होंगे। इसके अलावा हज यात्रियों के मक्का व मदीना में ठहराव की अवधि में भी कटौती कर दी गई है।

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अब हज यात्रियों को अधिक पैसे चुकाकर पहले की अपेक्षा वहां दस दिन कम ठहराया जाएगा। साथ ही संक्रमण के दृष्टिगत आयु संबंधी नियम-कायदे भी लागू किए गए हैं। जाहिर है कि हज का पवित्र सफर करना मुश्किल होता जा रहा है। क्योंकि अधिकांशत: जोड़े के रूप में ही हज यात्रा करने जाते हैं। राजस्थान में ज्यादातर बुजुर्ग दंपती इस सफर पर जाते हैं। ऐसे में एक परिवार को हज यात्रा के वास्ते छह लाख रुपए का प्रबंध करना होगा। इतनी राशि जुटा पाना सबके लिए आसान नहीं होगा। गौरतलब है कि पहले सब्सिडी के तौर पर 30 से 35 हजार रुपए की छूट मिलती थी। अब कई बरस से यह बंद है।

जोधपुर से जुड़े हज कमेटी मेंबरान की माने तो कोविड-19 इनके तहत हुए बदलावों के कारण कुछ बंदिशें भी बड़ी है और उन 1 देशों के कारण कॉस्ट भी बढ़ गई है इसके अलावा बदले नियमों के तहत 72 घंटे पहले कोविड-19 आवश्यक है ऐसे में यदि टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो हाजी को यात्रा से वंचित कर दिया जाता है जिस कारण भी आमजन में मायूसी है और यात्रा को लेकर भी पशो-पेश है

अधिक आयु आवेदक का चयन नहीं :

पहले 70 वर्ष से अधिक आयु के आवेदक को लॉटरी में शामिल किए बगैर ही उसका सीधे हज के लिए चयन किया जाता था। मगर अगले साल 18 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक आयु के आवेदक का चयन ही नहीं किया जाएगा। अब तक यात्रियों को हज के लिए 40 से 45 दिन तक वहां ठहराया जाता था। आने वाले साल में केवल 30 से 35 दिन ही ठहराया जाएगा।

इनका कहना है :

जोधपुर हज कमेटी सचिव अब्दुल जब्बार-

प्रतिवर्ष जोधपुर से हज में जाने वालों की संख्या अच्छी रहती है ।इस समय तक सामान्य यात्रा के तहत 500 से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, लेकिन इस बार बदले नियमों और बढ़े दामों के कारण अभी तक महज 50 आवेदन ही जोधपुर हज कमेटी को प्राप्त हुए हैं। 

जोधपुर हज हाउस डारेक्टर काजी इकरामुद्दीन- 

हज को लेकर कोरोना गाइड लाइन को लेकर आगे से कई बदलाव किए गए हैं। जिस कारण जहां एक जगह पांच व्यक्ति रुकते थे वहां अब तीन व्यक्तियों को ठहराया जाएगा। जिनकी कॉस्ट सबलेट हो गई है। इसी प्रकार रियायत और दी जाने वाली सब्सिडी मैं भी कटौती एक वजह है जिससे कि हाजियों की संख्या में कमी आई है।


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