Move to Jagran APP

राजस्थान सरकार ने वैक्सीन कचरे में फेंकने और खड्डे में दबाने के आरोप को गलत बताया

चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने एक बार फिर कहा कि वैक्सीन कचरे में फेंकने की खबर गलत है। राजस्थान सरकार ने वैक्सीन कचरे में फेंकने और खड्डे में दबाने के आरोप को गलत बताया सरकार ने कहा सबकुछ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर हो रहा है

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 02:20 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 02:20 PM (IST)
राजस्थान सरकार ने वैक्सीन कचरे में फेंकने और खड्डे में दबाने के आरोप को गलत बताया
क्सीन कचरे में फेंकने की खबर गलत है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में कोरोना वैक्सीन के कचरे में फेंकने के मुद्द को लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार को घेर रही है। वहीं सरकार का दावा है कि प्रदेश में केंद्र द्वारा अनुमत 10 प्रतिशत एवं राष्ट्रीय औषत 6 प्रतिशत की तुलना में वैक्सीन का खराबा 18 से 44 साल उम्र तक में शून्य और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण में मात्र 2 प्रतिशत हुआ है।

loksabha election banner

चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर कहा कि वैक्सीन कचरे में फेंकने की खबर गलत है। कोविड टीकाकरण अभियान के तहत राज्य में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश की पालना की जा रही है। काम में ली गई वायल्स व बॉयोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशो के अनुसार ही किया जा रहा है। टीकाकरण अभियान के निदेशक डॉ.रघुराज सिंह ने एक बयान में स्पष्ट किया कि सभी टीकाकरण सत्रों पर काम में ली गई वॉयल्स का निस्तारण पूरी तरह निर्धारित मापदंड़ों के अनुसार ही किया जा रहा है ।

कोविड-19 वैक्सीन की वॉयल का उपयोग खोले जाने के 4 घंटे की अवधि के लिए किया जा सकता है। प्रत्येक वॉयल में 10 डोज होती है और खोलने से निर्धारित 4 घंटे की अवधि समाप्त होनेे के बाद शेष डोज को खराब माना जाता है। इनका उपयोग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि तय दिशा-निर्देशों के अनुसार काम में ली गई, डिस्कार्डेड और अवधिपार वाॅयल्स को पीले बैग में संग्रहित किया जाता है। इसके बाद इन्हे 10 मिनट गर्म पानी में उबालकर अथवा एक प्रतिशत सोडियम होइपोक्लाराइट सॉल्यूशन में 30 मिनट डालकर रसायनिक उपचार किया जाता है। इसके बाद इसे कॉमन ट्रीटमेंट फैसिलिटी को सुपुर्द किया जाता है।

कॉमन ट्रीटमेंट फैसिलिटी उपलब्ध नहीं होने पर गहरा खड्डा खोदकर उसमें निस्तारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी जिले में वैक्सीन खराब नहीं हो रही है। यह कहना गलत है कि उपयोग की जा सकने वाली वैक्सीन वॉयल्स को डस्टबिन में फेंका जा रहा है या फिर खड्डे में दबाया जा रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.