Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस सत्ता व संगठन में नियुक्तियों की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी
Rajasthan Politics News जिला कांग्रेस कमेटियों व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में भी अध्यक्ष से लेकर कार्यकारिणी का गठन भी इस माह के अंत तक कर लिया जाएगा। वहीं राज्य सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों का काम जनवरी में होगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अब कांग्रेस सत्ता व संगठन में नियुक्तियां शुरू होगी। करीब छह माह बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी इस माह के अंत तक गठित की जाएगी। जिला कांग्रेस कमेटियों व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में भी अध्यक्ष से लेकर कार्यकारिणी का गठन भी इस माह के अंत तक कर लिया जाएगा। वहीं राज्य सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों का काम जनवरी में होगा।
राजनीतिक नियुक्तियों में करीब दो दर्जन बोर्ड एवं निगमों में चेयरमैन बनाए जाएंगे, जिन्हे कैबिनेट व राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाएगा। इन बोर्ड व निगमों में सदस्य भी मनोनीत होंगे। इनके साथ ही नगर विकास न्यास व नगर निगमों में सरकार की तरफ से बनाए जाने वाले सदस्यों की नियुक्ति भी जनवरी में कर दी जाएगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि जनवरी तक सत्ता व संगठन में नियुक्तियों का काम पूरा कर लिया जाएगा ।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी गठित करने को लेकर डोटासरा ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ लंबी बैठक की । इसके बाद उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात की । वे प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मिले। उन्होंने नेताओं से उन नामों की सूची मांगी,जिन्हे वे कार्यकारिणी में पदाधिकारी अथवा जिला कांग्रेस कमेटी में अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं । प्रदेश के नेताओं से विचार-विमर्श के बाद डोटासरा अगले सप्ताह तक सूची कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन व संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल के पास भेज देंगे ।
अजय माकन ने भी प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी व राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर पिछले गहलोत व दिनों सचिन पायलट के साथ चर्चा की है।दरअसल,करीब छह माह पूर्व सचिन पायलट और उनके समर्थकों की बगावत के समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी,जिला व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी ।उस समय पायलट उप मुख्यमंत्री होने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी थे। उन्हे पद से बर्खास्त कर दिया गया था ।
कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद पायलट और उनके समर्थकों की वापसी के दौरान हुए समझौते के अनुसार राजनीतिक नियुक्तियों व संगठन में पदाधिकारियों की नियुक्ति आम सहमति से होनी है। उस समय राष्ट्रीय नेताओं ने पायलट को आश्वासन दिया था कि उनकी सिफारिश को प्राथमिकता दी जाएगी । उल्लेखनीय है कि प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार 17 दिसंबर को दो साल का कार्यकाल पूरा कर रही है ।