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राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला गरमाया, कांग्रेस नेता बोले- दो विधायकों ने 10-10 करोड़ लिए

राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला गरमाया वरिष्ठ कांग्रेस नेता बोले ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों ने 10-10 करोड़ लिए ट्राइबल पार्टी के विधायक बोलेमालवीया खुद 33 करोड़ में बिके थे राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला एक बार फिर गरमा गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 11:58 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:58 AM (IST)
राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला गरमाया, कांग्रेस नेता बोले- दो विधायकों ने 10-10 करोड़ लिए
पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक महेंद्र मालवीया

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला एक बार फिर गरमा गया है। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई। पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक महेंद्र मालवीया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मुद्दा गरमाया है। वीडियो में मालवीया को पंचायत चुनाव अभियान के दौरान डूंगरपुर की एक सभा में यह कहते हुए दिखाया गया है कि भारतीय ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायकों ने करीब छह माह पूर्व अशोक गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के समय 5-5 करोड़ रुपए लिए थे।

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मालवीया ने यह भी कहा कि दोनों विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भी 5-5 करोड़ रुपए लिए थे। मालवीया ने दोनों विधायकों पर और भी कई तरह के आरोप लगाए हैं। वहीं ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायकों राजकुमार रोत व रामप्रसाद डिंडोर मालवीया के खिलाफ मानहानी का मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने के कारण मालवीया सरकार को गिराने के लिए 33 करोड़ रुपए में बिक गए थे। लेकिन हमने गहलोत सरकार को समर्थन देकर बचा लिया।

उन्होंने कहा कि इन दिनों प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में आदिवासी इलाके में कांग्रेस पिछड़ रही है, मालवीया को समर्थन नहीं मिल पा रहा, इस कारण वे झूंठे आरोप लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार मालवीया के बयान से नाराज दोनों विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चेतावनी दी है कि यदि कांग्रेस के नेता इस तरह की गलत बयानबाजी करते रहेंगे तो ट्राइबल पार्टी सरकार से समर्थन वापस लेने पर विचार करेगी। गहलोत ने दोनों विधायकों को मनाने का जिम्मा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा को सौंपा है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों द्वारा की गई बगावत के समय ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायकों ने गहलोत सरकार को बचाने के लिए समर्थन दिया था। हालांकि बाद में कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद पायलट और उनके समर्थक शांत हो गए थे।

मालवीया और ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायकों की बयानबाजी के बीच भाजपा ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि विधायकों की बाड़ेबंदी के दौरान हुई विधायकों खरीद-फरोख्त को लेकर उठे सवालों की मालवीया वीडियो में पुष्ट कर रहे हैं। गहलोेत को इस पर प्रकाश डालना चाहिए। 


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