गहलोत व पायलट के बीच चली कलह का मुद्दा भाजपा के लिए सरकार को घेरने का एक बड़ा माध्यम
सरकार के लिए मुसीबत विपक्ष विधानसभा में घेरेगा कांग्रेस के 106 में से 7 विधायकों ने लगाए सवाल
जयपुर, जागरण संवाददाता। कांग्रेस की आंतरिक कलह फिलहाल शांत हो गई है। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच 35 दिन तक चली कलह का मुद्दा भाजपा के लिए सरकार को घेरने का एक बड़ा माध्यम बन गया है। विधायकों के फोन टैपिंग को लेकर शुरू हुआ विवाद विधानसभा में भी गूंजेगा।
हालांकि गहलोत बहुमत परीक्षण के दौरान बयान दे चुके हैं कि सरकार ने किसी विधायक का फोन टेप नहीं करवाया है। लेकिन भाजपा अपने हाथ आए इस मुद्दे को खाली नहीं जाने देना चाहता। मौजूदा सत्र के लिए गृह विभाग से जो सवाल पूछे गए हैं उनमें फोन टैपिंग भी शामिल है। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सरकार से सवाल पूछा है कि पिछले दिनों फोन टैपिंग के कितने मामले सामने आए हैं और किस कानून और आदेश के तहत की गई है।
उल्लेखनीय है कि जब सरकार सियासी संकट का सामना कर रही थी तो फोन टैपिंग के तीन ऑडियो वायरल किए थे। गहलोत खेमे की ओर से यह दावा किया गया कि इन ऑडियो में कांग्रेस के बागी विश्वेंद्र सिंह,भंवरलाल शर्मा व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज थी। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया और सरकार पर विधायकों की फोन टैपिंग का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर एक और सूची वायरल हुई जिसमें भाजपा ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार बाड़ाबंदी में भी अपने विधायकों के फोन सर्विलांस पर रख रही है। गहलोत ने इन आरोपाें को भी सिरे से नकार दिया। हालांकि फोन टैपिंग के मामले में गहलोत सरकार पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अपना जवाब भेज चुकी है। केंद्र सरकार की तरफ से अब तक सरकार के जवाब को लेकर कोई आपत्ति भी नहीं आई है। हालांकि भाजपा को अब भी उम्मीद है कि इस मुद्दे को लेकर वह कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। एक माह से अधिक समय तक मंत्रियों की होटल में बाड़ेबंदी को भी भाजपा विधानसभा में मुद्दा बनाएगी। बिजली की बढ़ी दरों के साथ ही कोरोना से मौतों का मामला भी सदन में उठने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू हुआ है। पहले दिन गहलोत सरकार ने विश्वासमत हासिल किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही एक सप्ताह तक स्थगित रही। अब एक बार फिर शुक्रवार से सदन की बैठक शुरू होगी।
भरत सिंह ने लगाए 30 सवाल
मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी विधायकों को विधानसभा में ऐसे सवाल नहीं लगाने के लिए कहा है, जिससे कि सरकार को परेशानी हो। कांग्रेस विधायकों से मंत्रियों को सदन में नहीं घेरने के लिए भी कहा गया है। कांग्रेस के 106 विधायकों में से मात्र 7 ने ही सवाल लगाए हैं। इसका मुख्य कारण पार्टी नेतृत्व के निर्देश हैं। कांग्रेस के जिन 7 विधायकों ने सवाल लगाए हैं, उनमें सबसे अधिक 30 सवाल भरत सिंह ने लगाए हैं। उनके अतिरिक्त रामनारायण मीणा ने 29,पानाचंद मेघवाल ने 29 सवाल लगाए हैं। राजकुमार शर्मा,हरीश मीणा,रामलाल जाट व रफीक खान ने भी सवाल लगाए हैं।