राजस्थान के सरकारी स्कूलों में हर दिन लागू हो रही संघ की सोच
सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में दीनदयाल उपाध्याय, नरेन्द्र मोदी की जीवनी पर आधारित पुस्तक के साथ ही सुबह की प्रार्थना सूर्य नमस्कार के आदेश दिए गए।
जयपुर, [जागरण संवाददाता] । राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार सरकारी स्कूलों में प्रतिदिन नए प्रयोग कर रही है। कभी किसी कक्षा के पाठ्क्रम में बदलाव करते हुए नया अध्याय जोड़ा जाता है तो कभी किसी अध्याय को हटाया जाता है। सरकारी स्कूलों का भगवाकरण करने को लेकर राज्य के शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी पर आरोप भी लग रहे है,लेकिन इन आरोपों की परवाह किए बगैर उन्होंने दो नए आदेश जारी कर दिए।
इनमें एक प्रदेश के सभी सरकारी आदर्श स्कूलों का बोर्ड गहरे केसरिया रंग में लगाया जाएगा। केसरिया रंग में स्कूलों का साइन बोर्ड नहीं लगवाने वाले प्रधानाध्यापकों को विभागीय कार्रवाई से दंडित करने के भी आदेश जारी किए गए है। पिछले दिनों शिक्षा विभाग की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार बोर्ड के अतिरिक्त आदर्श स्कूलों के समस्त कार्य केसरिया रंग में ही होंगे।
इनमें स्कूल का लैटर हैड केसिरिया रंग का होगा,स्कूलों के सभी खिड़की और दरवाजे केसरिया रंग से पाते जाएंगे। इससे पूर्व नया शिक्षा सत्र प्रारम्भ होने पर छात्राओं को केसरिया रंग की साइकिल वितरित की गई थी। अब तक काले रंग की साइकिल छात्राओं को वितरित की जाती थी,लेकिन नये शिक्षा सत्र से शिक्षामंत्री के निर्देश के बाद केसरिया रंग की साइकिल वितरित की गई। शिक्षा विभाग की ओर से दूसरा आदेश के अनुसार 10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान के पाठ्क्रम में अब प्राचीन भारत को अब स्वर्णिम भारत एवं मुगलकालीन भारत को संघर्षकालीन भारत के नाम से अध्याय जोड़ा गया है।
सामाजिक विज्ञान की पुस्तक के प्रथम अध्याय में ' प्राचीन भारत को स्वर्णिम भारत' बताते हुए देश की गौरवमयी बातों को अधिक शामिल किया गया है। इस अध्याय में बताया गया है कि भारत को कभी सोने की चिडि़या और विश्वगुरू माना जाता था,इसके कारण भी इसमें बताए गए है। सामाजिक विज्ञान की पुस्तक के दूसरे अध्याय में ' मुगलकालीन भारत को संघर्षकालीन भारत ' बताया गया है। इस अध्याय में बताया गया है कि भारतीयों को साढ़े पांच सौ वर्षो तक आक्रमणों से विरतापूर्वक संघर्ष करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि साढ़े तीन वर्ष से भी अधिक के अब तक के कार्यकाल में वसंुधरा राजे सरकार शिक्षा विभाग में निरंतर नए-नए प्रयोग कर रही है। कभी पाठ्क्रम से अकबर को महान बताने वाले अध्याय का हटाकर महाराणा प्रताप को महान बताने वाला अध्याय जोड़ा गया तो कभी हल्दीघाटी युद्ध का विजेता अकबर के बजाय महाराणा प्रताप को बताया गया।
सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में पं.दीनदयाल उपाध्याय और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीवनी पर आधारित पुस्तक रखवाने के साथ ही सुबह की प्रार्थना के समय सूर्य नमस्कार के आदेश दिए गए। इन सभी प्रयोगों की आलोचना के बीच राज्य के शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी कहते है कि हम हमारे बच्चों की सही और वास्तविक शिक्षा देना चाहते है। वहीं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं मीडिया विभाग की चेयरमैन अर्चना शर्मा का कहना है कि राजस्थान सरकार स्कूली शिक्षा का पूरी तरह से भगवाकरण कर रही है। साढ़े तीन वर्ष से भी अधिक समय हो गया,लेकिन सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पा रही कि स्कूलों में बच्चों को क्या पढ़ाया जाए,शिक्षा मंत्री अपनी राजनीति चमकाने के लिहाज से निर्णय कर रहे है।
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