Rajasthan : केंद्र से नहीं मिल रही 6990 करोड़ की बकाया राशि, राज्य की बिगड़ी रही सेहत
राज्य सरकार को केंद्र सरकार से 4 माह के (वस्तु एवं सेवा कर) जीएसटी कंपनसेशन की 6990.43 करोड़ रुपये की राशि नहीं मिली है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जभार से जूझ रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार केंद्र सरकार की तरफ से फिलहाल कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। राज्य सरकार को केंद्र सरकार से 4 माह के (वस्तु एवं सेवा कर) जीएसटी कंपनसेशन की 6990.43 करोड़ रुपये की राशि नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर वित्त विभाग के अधिकारी तक इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय के अफसरों से बात कर चुके हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के चलते गिरते राजस्व का हवाला देते हुए फिलहाल यह राशि जारी करने में असमर्थता जताई है। राज्य वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार केंद्र में बकाया चल रहे 6990.43 करोड़ रुपये में से 660 करोड़ तो पिछले दो साल से बकाया चल रहे हैं। बकाया जारी करने की मांग को लेकर राज्य की तरफ से कई बार केंद्र सरकार से आग्रह किया गया, लेकिन रकम जारी नहीं की गई। एक तरफ तो केंद्र सरकार राज्य को जीएसटी का हिस्सा नहीं दे रहा। वहीं दूसरी तरफ करीब पांच माह से चल रही कोरोना महामारी के कारण राज्य की आर्थिक सेहत खराब होती जा रही है।
राजस्व जुटाने के लिए गहलोत सरकार ने पिछले दिनों शराब और स्टांप पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया है। राज्य सरकार ने आबकारी विभाग से साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण तय लक्ष्य को हासिल करने में काफी मुश्किल हो रही है। राज्य सरकार आगामी महीनों में आर्थिक संकट से निपटने के लिए 13 हजार 637 करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है। इसमें से राज्य सरकार रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया से 2,750 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है।
रिजर्व बैंक के तय मानदंडों के हिसाब से राज्य सरकार 16 हजार 387 करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है। आर्थिक संकट के चलते सरकार अब बजट में की गई घोषणाओं में से स्कूल, कॉलेज और आवासीय स्कूलों को लेकर 39 हजार 524 करोड़ रुपये के तय प्रावधान में कटौती करेगी। सड़क और पेयजल योजनाओं में भी कटौती की संभावना तलाशी जा रही है। इस साल बारिश अच्छी होने से पेयजल योजना पर सरकार को खर्च कम करना पड़ेगा।