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अपने वेतन से छात्रों को स्कॉलरशिप देगी है राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति

राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर.के.कोठारी अपना वेतन छात्र-छात्राओं की स्काॅलरशिप के लिए दे देते है। उन्होंने 73 स्टूडेंट्स को 4 लाख 38 हजार रुपये की स्काॅलरशिप दी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 12:17 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 12:17 PM (IST)
अपने वेतन से छात्रों को स्कॉलरशिप देगी है राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति
अपने वेतन से छात्रों को स्कॉलरशिप देगी है राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति

जयपुर। आज के समय में जहां कर्मचारी और अधिकारी अधिक से अधिक वेतन भत्तों के लिए आंदोलन करते रहते है, वहीं राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर.के.कोठारी अपना वेतन छात्र-छात्राओं की स्काॅलरशिप के लिए दे देते है।

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गुरुवार को ही उन्होंने 73 स्टूडेंट्स को 4 लाख 38 हजार रुपये की स्काॅलरशिप दी। स्काॅलरशिप पाने वालों में 48 छात्राएं और 25 छात्र शामिल है। इन्हें मिला कर अब तक तीन सौ से ज्यादा छात्र छात्राओं को 21 लाख 80 हजार रुपये स्काॅलरशिप के रूप में दे चुके है। इस स्काॅलरशिप के उन्होंने प्रोफेसर आर के कोठारी फंड बना रख है और दो छात्राओं व एक छात्र को स्काॅलरशिप दी जाती है। स्काॅलरशिप के लिए छात्र की मैरिट और उसकी आर्थिक स्थिति देखी जाती हैै।

दरअसल प्रोफेसर आर के कोठारी इसी राजस्थान विश्वविद्यालय में पढ़ें और शिक्षक रह चुके है। वे वाणिज्य संकार में प्रोफेसर थे। रिटायरमेंट के बाद वर्ष 2017 में उन्हें यहां का कुलपति बनाया गया। कुलपति बनने के तुरंत बाद उन्होंने तय किया था कि चूंकि राजस्थान विश्वविद्यालय ने शिक्षा दी। वे यहीं शिक्षक रहे, तो अब कुलपति बन कर इसे कुछ लौटाएंगे। इसीलिए उन्होने तय किया कि उन्हें मिलने वाला वेतन जरूरतमंद छात्र छात्राओं की स्काॅलरशिप के लिए देंगे। तभी से यह सिलसिला चल रहा है। जरूरतमंद छात्र छात्राओं को प्रत्येक को 6-6 हजार रुपये की राशि का वितरण किया जाता है। प्रोफेसर कोठारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब तक 363 बच्चों को स्काॅलरशिप दी जा चुकी है और मुझे यह अच्छा लगता है कि मैं जरूरततमंदों छात्रों की कुछ मदद कर पाता हूं। कोठारी का अभी जुलाई तक कार्यकाल है।

दुष्कर्मी भाइयों को कारावास की सजा

 राजस्थान के अजमेर में पाॅक्सों कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी दो भाइयों को कारवास की सजा सुनाई है। इनमें से एक दुष्कर्म करने वालों को दस साल और उसका सहयोग करने वाले को तीन साल की सजा दी गई है। मामला 11 दिसंबर 2019 को अजमेर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है जहां पीड़िता की मां ने अनिल नाम के एक युवक के खिलाफ पुलिस में दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था।

रिपोर्ट के अनुसार अनिल ने उसकी बेटी से दुष्कर्म किया और उसका वीडियो बना कर ब्लैकमेल कर आगे भी कई यह काम किया। इस मामले में अनिल का छोटा भाई अमित भी शामिल था। पुलिस ने अनिल और उसके भाई अमित को गिरफ्तार करके कोर्ट में चालान पेश किया, जहां कोर्ट ने अनिल को 10 साल जेल व 75 हजार का जुर्माना व उसके भाई को 3 साल जेल और 20 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। 


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