Kota Child Deaths: कोटा में शिशुओं की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान से मांगा जवाब
Kota Hospital. कोटा के एक अस्पताल में 100 से ज्यादा शिशुओं की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब सौंपने के लिए कहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। Kota Hospital. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान सरकार से हाल ही में कोटा के एक अस्पताल में 100 से ज्यादा शिशुओं की मौत पर जवाब सौंपने के लिए कहा है। शीर्ष कोर्ट में नवजात बच्चों की हुई मौत की जांच कराने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई है।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने डॉक्टर केके अग्रवाल और सामाजिक कार्यकर्ता बी. मिश्रा की ओर से दायर याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। याचिका में कोटा के सरकारी अस्पताल में उपकरणों की कमी के कारण नवजात बच्चों की हुई मौत की जांच कराने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में कोटा के सरकार संचालित जेके लोन अस्पताल में 23 और 24 तारीख के बीच 10 बच्चों की मौत हो गई। इनमें से पांच नवजात थे और अन्य दो साल के कम उम्र के बच्चे थे। एक के बाद एक 100 से अधिक शिशुओं की मौत के बाद मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया था। 27 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के ट्वीट के बाद यह मामला मीडिया में उछला। लोकसभा अध्यक्ष कोटा के सांसद हैं। 29 दिसंबर को उन्होंने अस्पताल का दौरा किया था।
कोटा के अस्पताल में मिले थे कम बेड और खराब उपकरण
केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि कोटा के जिस अस्पताल में पिछले साल दिसंबर में 100 से ज्यादा नवजात बच्चों की मौत हुई थी, वहां केंद्रीय टीम को अपर्याप्त बेड और कई चिकित्सा उपकरण खराब और बेकार मिले थे। सरकार ने यह भी बताया कि चार राज्यों ने अभी तक आयुष्मान भारत योजना नहीं लागू की है, जिससे गरीबों को मुफ्त इलाज से वंचित रहना पड़ रहा है।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि केंद्रीय टीम ने राजस्थान के जेके लोन हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज पर दिए अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 100 मौतों में 70 नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआइसीयू) और 30 बालचिकित्सा गहन चिकित्सा इकाई (पीआइसीयू) में हुई थी।स्वा