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Rajasthan: वसुंधरा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराने को लेकर दबाव बनाने में जुटे समर्थक, कोटा में करेंगे बड़ी रैली

वसुंधरा राजे 8 मार्च को अपने जन्मदिन के दिन पूर्वी राजस्थान की यात्रा शुरू करेगी। एक तरफ जहां उनके समर्थक प्रदेश में शक्ति प्रदर्शन की रणनीति बना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ वसुंधरा राजे दिल्ली में सक्रिय है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 12:49 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 12:49 PM (IST)
Rajasthan: वसुंधरा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराने को लेकर दबाव बनाने में जुटे समर्थक, कोटा में करेंगे बड़ी रैली
अपने जन्मदिन पर पूर्वी राजस्थान की धार्मिक यात्रा करेंगी वसुंधरा राजे

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान भाजपा में चल रही खींचतान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थक अब खुलकर मैदान में आने की तैयारी में जुटे हैं। ये खेमा चाहता है कि भाजपा आलाकमान वसुंधरा राजे के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा अभी कर दे। तीन साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वसुंधरा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराने को लेकर आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई गई है।

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इसी लिहाज से 8 मार्च को अपने जन्मदिन के दिन वसुंधरा राजे पूर्वी राजस्थान की यात्रा शुरू करेगी। यह यात्रा दो से तीन दिन की होगी, जिसमें वे चार जिलों में जाकर जनसमर्थन टटोलने के साथ ही पार्टी नेतृत्व को संदेश दिया जाएगा। इसे धार्मिक यात्रा का रूप दिया जा रहा है। इसके बाद अप्रैल में कोटा में बड़ी रैली करने की योजना बनाई जा रही है। शुरू से ही जनसंघ और भाजपा के गढ़ रहे कोटा में रैली करने को लेकर वसुंधरा समर्थकों ने दो दिन पहले चिंतन शिविर किया। इस चिंतन शिविर में कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों के भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान रैली की रूपरेखा पर विचार किया गया। पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत, प्रहलाद गुंजल, अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार सहित कई वसुंधरा समर्थकों ने इस दौरान प्रदेश नेतृत्व पर खुद की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।

विधायक प्रताप सिंह सिंघवी और राजावत ने दैनिक जागरण से कहा कि वसुंधरा को आगे रखकर चुनाव लड़ने पर ही पार्टी को सफलता मिल सकती है। वे ही प्रदेश की एकमात्र लोकप्रिय नेता है। अप्रैल में होने वाली रैली को वैसे तो प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ आयोजन बताया जा रहा है, लेकिन इसका असली मकसद वसुंधरा समर्थकों का शक्ति प्रदर्शन है। राजावत का कहना है कि 50 हजार लोगों की इस रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह और राज्यसभा सांसद ओमप्रकाश माथुर को आमंत्रित किया जाएगा।

वसुंधरा के विश्वस्तों में शामिल श्रीकृष्ण पाटीदार ने कहा कि पार्टी नेतृत्व वसुंधरा को दूर रखकर स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में परिणाम भुगत चुका है। दोनों में भाजपा की हार हुई। पार्टी की ऐसी दुर्गति को देखकर कार्यकर्ता चिंतित है। कांग्रेस सरकार से मुक्ति के लिए वसुंधरा ही एकमात्र सहारा है। वे ही पार्टी में नई जान डाल सकती है। पूर्व विधायक विघाशंकर नंदवाना, कंवरलाल मीणा बारां के जिला अध्यक्ष जगदीश मीणा और बूंदी के पूर्व जिला अध्यक्ष महीपत सिंह को रैली में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं वसुंधरा की पूर्वी राजस्थान की धार्मिक यात्रा का जिम्मा पूर्व सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान ने संभाला है।

वसुंधरा दिल्ली में सक्रिय

एक तरफ जहां उनके समर्थक प्रदेश में शक्ति प्रदर्शन की रणनीति बना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वसुंधरा राजे दिल्ली में सक्रिय है। वसुंधरा राजे ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात की। पिछले सप्ताह वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुकी है। वसुंधरा राजे पिछले कई दिनों से दिल्ली में रहकर पार्टी के केंद्रीय नेताओं के सम्पर्क में हैं। वे केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपना पक्ष रखने में जुटी हैं। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया व उप नेता राजेंद्र राठौड़ द्वारा अपने समर्थकों को पार्टी के निर्णयों से दूर रखने का मुद्दा भी वे केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष उठा रही हैं। 


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