Kumbhalgarh Tiger Reserve: कुंभलगढ़ में प्रतिनिधियों ने बताई टाइगर रखने के पहले किन खास बातों का रखना होगा ख्याल
प्रस्तावित कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व की ओर बढ़ता कदम वन अधिकारियों वन्यजीव विशेषज्ञों एवं होटल संचालकों के प्रतिनिधियों ने बताई टाइगर रखने के पहले किन बातों का रखना होगा ख्याल
उदयपुर, सुभाष शर्मा। प्रस्तावित कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस संबंध में वन विभाग ने वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट एवं प्रिवेंटन आफ वाइल्ड लाइफ ऑफेंसिस विषय को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। जिसमें वाइल्ड लाइफ के मुख्य वन संरक्षक राजकुमारसिंह भी शामिल हुए।
कुंभलगढ़ अभयारण्य में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व को लेकर सिंह ने अधीनस्थ वन अधिकारी एवं कर्मचारियों से कहा कि टाइगर रिजर्व बनने के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी और सजगता से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कुंभलगढ़ अभयारण्य बहुत ही सघन बेल्ट है और प्रदेश में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वन्यजीव विशेष अनिल रोजर्स एवं एडवोकेट ऋतुराजसिंह राठौड़ का कहना था कि टाइगर को कुंभलगढ़ बसाने के लिए ग्रासलेंड मैनेजमेंट तथा प्रे-बेस की जरूरत है। इसके लिए जूली फ्लोरा, लैंटाना कासिया टोरा, पारथेनिम एवं सेना यूनिफ्लोरा जैसे पौधों से अभयारण्य को मुक्त कराना होगा।
उनका कहना था कि वन्यजीवों को रेस्क्यू करने के तरीकों में रोज बदलाव आ रहे हैं। वन्यजीव के रेस्क्यू के लिए स्थानीय स्टाफ को प्रशिक्षणदेने की जरूरत है। साथ ही एक वेटेनरी चिकित्सक की नियुक्ति के साथ स्टाफ को ट्रेक्वेलाइज गन चलाने का प्रशिक्षणभी देने की जरूरत है। रेस्क्यू टीम के साथ पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है। इससे रेस्क्यू के दौरान समय भी बचेगा और दूसरे जिले से टीम बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एडवोकेट ऋतुराजसिंह के मुताबिक होटल इंडस्ट्री का भी वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान संभव है। वह आने वाले पर्यटकों को पहले से ही वन्यजीव की जानकारी दे पाएंग।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व को लेकर लोग नेगेटिव पब्लिसिटी भी कर रहे हैं जिनसे सचेत रहने की जरूरत है। साथ ही स्टाफ को पुलिस की तरह बेहतर सूचना तंत्र विकसित करना होगा, जिससे शिकार की घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोका जा सके। सहायक वन संरक्षक यादवेंद्रसिंह का कहना था कि स्टाफ की सजगता से इस प्रकार की घटनाओं में गिरावट आई है लेकिन सूचना तंत्र विकसित करने की जरूरत है।
यहां टाइगर पर नहीं होगा टयुरिज्म का प्रेसर वन्यजीव विशेषज्ञ अनिल रोजर्स का कहना है कि कुंभलगढ़ अभयारण्य में टाइगर शिफ्ट होने से ट्युरिज्म का प्रेसर टाइगर पर नहीं होगा। इस अभयारण्य में पर्यटकों को टाइगर के अलावा अन्य कई वन्यजीव देखने को मौका मिलेगा। जबकि अन्य टाइगर रिजर्व में पर्यटक केवल टाइगर ही देखने जाते हैं। प्रस्तावित कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व को लेकर सहायक वन संरक्षक विनोद राय, विभिन्न रैंज के ऑफिसर्स के अलावा राजसमंद होटल एशोसिएशन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।